आनंद ने द्वार खोल दिया। सामने मनु खड़ी थी। मनु को देखकर उसके होंठों से चौंकने वाला स्वर निकला- ‘तुम!’ ‘भारती कहां है?’ ‘वह अपने घर है। उसकी छोटी बहन आरती ने आत्महत्या कर ली है। मैं भी वहीं से आ रहा हूं।’ अभिशाप नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक […]
Tag: abhishap novel
अभिशाप – राजवंश भाग-26
गोपीनाथ ने रिसीवर रख दिया। उसी समय मनु ने अंदर प्रवेश किया। वे उससे बोले- ‘मनु! आज निखिल से न मिलोगी?’ ‘नहीं! इस समय नहीं पापा! शाम को जाऊंगी।’ ‘तो ऐसा करना-पुलिस स्टेशन जाना।’ अभिशाप नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 ‘पुलिस स्टेशन!’ मनु चौंककर बोली- ‘वहां क्यों?’ गोपीनाथ […]
अभिशाप – राजवंश भाग-25
‘तुम क्या सोचती हो?’ आनंद ने एक कंकड़ उठाकर जल में फेंकते हुए भारती से कहा- ‘मनु के हृदय में वास्तव में जलन हुई होगी?’ ‘स्त्रियां इस मामले में बहुत कायर होती हैं।’ अभिशाप नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 ‘मतलब?’ ‘स्त्री कभी नहीं चाहती कि कोई उसके पति […]
अभिशाप – राजवंश भाग-24
आनंद ने अंतिम बार दर्पण में अपना चेहरा देखा और इसके पश्चात् ज्यों ही द्वार की ओर बढ़ा-कमरे में आती भारती को देखकर उसके चेहरे पर खुशियों भरी मुस्कुराहट फैल गई। आनंद के आगे बढ़ते कदम रुक गए। ‘गुड इवनिंग सर!’ अभिशाप नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 ‘गुड […]
अभिशाप – राजवंश भाग-22
‘निक्की!’ मनु ने गाड़ी बाईं दिशा में मोड़ते हुए लंबे मौन के पश्चात् निखिल से कहा-तो वह उसकी ओर प्रश्नवाचक नजरों से देखने लगा। मनु ने फिर कहा- ‘यह-यह भारती थी न?’ अभिशाप नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 ‘हां।’ ‘तुम्हारी दीदी?’ निखिल ने क्रोध को पीते हुए कहा- […]
अभिशाप – राजवंश भाग-21
गाड़ी उसके सामने तीर जैसी तेजी से गुजर गई और आनंद को यों लगा-मानो एक साथ कई तीर उसके हृदय को चीरकर निकल गए हों। गुजरने वाली एक खुली गाड़ी थी-जिसमें निखिल एवं मनु बैठे थे। अभिशाप नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 गाड़ी नजरों से ओझल हो गई […]
अभिशाप – राजवंश भाग-20
निखिल ने सिगरेट सुलगाकर धुआं उड़ाया और मनु से पूछा- ‘कहो मनु कैसा लगा?’ ‘वह क्या?’ ‘हमारा यह रंग महल।’ ‘बहुत अच्छा है।’ इतना कहकर मनु पलंग पर गिर पड़ी। अभिशाप नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 इस समय वह एक कोठी में थी और निखिल ने यह कोठी […]
अभिशाप – राजवंश भाग-19
बढ़ी हुई शेव, झाड़-झंखाड़ से सर के बाल और चेहरे पर मैल की पर्तें। यह था आनंद का आज का हुलिया। इस हुलिए को देखकर यों लगता था मानो वह स्वयं के व्यक्तित्व को पूरी तरह से भूल चुका था। इस समय वह एक सस्ते से होटल में था और जबसे यहां आया था, तबसे […]
अभिशाप – राजवंश भाग-18
सुहाग सेज पर बैठी शिल्पा का मन शांत न था। कभी वह अपने माता-पिता के विषय में सोचती तो कभी एकाएक उसे निखिल का ध्यान आ जाता। फिल्म कंपनी की उस कोठी से निकलते समय उसने निखिल के मुंह पर थप्पड़ मारा था। उसे भय था कि निखिल उससे अपने अपमान का बदला लेने के […]
अभिशाप – राजवंश भाग-17
हाथ में सूटकेस, आंखों में घोर निराशा और हृदय में पीड़ाओं का तूफान लिए आनंद जब घर पहुंचा तो उस समय उसका भाई अशोक, अपनी पत्नी सुनीता एवं बच्चों के साथ बैठा दोपहर का खाना खा रहा था। आनंद को देखकर वह बोला- ‘शुक्र है आनंद! आज तुम्हें हम लोगों की याद तो आई। अन्यथा […]
