Hindi Vyangya: उपदेशकों को कौन रोक सकता है, वे अपनी सलाहगिरी का एकालाप जारी रखेंगे और आपको भुगतनी होगी उनकी शातिराना सलाह। सही कहा है, दूसरों को उपदेश देने वाले एक से एक नायाब माहिर लोग मिल जायेंगे। दूसरों को बैंगन परहेज में बतायेंगे और खुद रोज उसका भुर्ता बना कर खायेंगे। मुझे उपदेश दिया […]
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पति है या हसबेंड (एक इच्छाधारी प्राणी) -व्यंग्य
Hindi Vyangya: पति नामक जीव को ये दिन रोज के दिनों जैसे सामान्य लगते हैं। पत्नी बेचारी लाख कोशिश कर ले समझाने की, मगर इनके सिर में जूं तो होती नहीं जो कान पर रेंग जाए। आप सोच रहे होंगे कि भला यह क्या बात हुई। पति कहो या हसबेंड कहो, बात तो एक ही […]
हाय! मैं शरम से टमाटर हुई – व्यंग्य
Hindi Vyangya: कुलमिलाकर शरम ने गुलामी के कपड़े उतार कर बेशरमाई का चोला अंगीकार कर लिया है। युवाओं की शरम भी, आधुनिकता की दौड़ में संस्कार की वर्जनाओं को तोड़ते हुए बेशरम हो चली है। बहुत प्यारा नजारा है। श्रीमती जी सोफे पर लेटीं हुई हैं। नजरें उनकी पत्रिका पर टिकी हैं। पढ़ते हुएमंद-मंद मुस्कुरा […]
वेइंग मशीन की करामात-व्यंग्य
Hindi Vyangya: महिमा ने मशीन में आए वजन का फोटो खींचा और उसे अपने दोस्तों के ग्रुप में भेज दिया। कुछ दिनों से सोये पड़े ग्रुप के सदस्य तुरंत जागृत हो गए। सबका बारी-बारी से जवाब आया। दो दिन से सर्दी और जुकाम से परेशान महिमा ने अंकिता से कहा, ‘बेटा तुम दादी और दादाजी […]
फूल बनाम फूल-गृहलक्ष्मी व्यंग्य
गृहलक्ष्मी व्यंग्य-फूल,जी हां मैं फूल हूं,अंग्रेज वाला नहीं हिंदी वाला फूल सुंदर, सुगन्धित और मनमोहक फूल। चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूथा जाऊं… वही वाला फूल। ये बात हुई फूल की अब बात होगी फूल की। जी हां, अंग्रेजी वाले फूल की… दुर्भाग्य वश जो की हम हैं, हम मतलब मिश्रा जी। मिश्रा […]
फालतू-व्यंग्य
मुबारक हो आखिर बोर्ड के रिजल्ट निकल आये,वरना तो इस बैच के जैसे नकारा और फालतू बच्चे तो कभीहुए ही नहीं।अब पूछिये मैंने ये क्यों कहा…कुछ वर्षों पहले एक फ़िल्म आई थी जिसका शीर्षक था “फालतू”…।अनायास ही मुझे वो फ़िल्म याद आ गई, जिसमें निर्देशक ने यह दिखाने का प्रयास किया गया था कि बॉर्डरलाइन […]
मेरी पत्नी का लिपस्टिक प्रेम—व्यंग्य
मेरी पत्नी का लिपस्टिक प्रेम-अब यह तो मुझे नहीं पता कि किस देश ने सर्वप्रथम औरतों के होठों की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए लिपस्टिक जैसे मारक मेकअप के सामान का आविष्कार किया था। वे प्रथम खूबसूरत औरत कौन थी और किस देश की थी, जिसने अपने होठों पर लिपस्टिक लगाकर इसका ऐसा श्री गणेश किया कि आज तक पुरुष इस लिपस्टिक के […]
होली के सप्ततारा व्यंजन
होली क सप्तारा व्यंजन जो खाए वो पछताए और जो न खाए वो भी पछताए
नेटबंदी
इंटरनेट के इस युग में नेटबंदी किसी आपातकाल की स्थिति से कम नहीं है। ऑक्सीजन की तरह काम करता ये नेट जब बंद होने की कगार पर आ जाता है तो लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ये व्यंग्य नेटबंदी के जरिए मौजूदा दौर की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों पर कटाक्ष है।
व्यंग्य: आधुनिकता की आड़ में…
आधुनिकता की दौड़ का तकाज़ा है कि बस भागो-भागो। अब चाहे इस दौड़ में अपना ही वजूद क्यों न पिछड़ जाए। एक शानदार कटाक्ष-
