Mere Jivan ke Chaar Purush
Mere Jivan ke Chaar Purush

Hindi Social Story: आज जब प्यार पर लिखने बैठी तो,जन्म से आज तक के इस पड़ाव पर नजर डाली,आज के समय जैसा प्यार तो मेरे जीवन मे कभी आया ही नही तो,क्या लिखूं प्यार के विषय में…..

आज तक प्यार के नाम पर कभी धड़कन तेज ना हुई,ना कभी दिल के सितार बजे।वैसे देखने मे तो ठीक -ठाक ही हूँ, पर कभी किसी को, उस नजर से देखी ही नही तो क्या लिखूं प्यार के बारे में……

चलो कोई बात नही ,इसके अलावा देखे तो मेरे जीवन में अब तक चार पुरुष आ चुके है,जो मुझे अनकंडीशनल प्यार करते है……

मेरा पहला प्यार-
मेरे पापा जिनका हाथ थामे चलना सीखी,जो हर विपरीत स्थिति में मेरा साथ देते, वही थे जो मेरी चुप्पी को पढ़ लेते थे,मेरी खुशी से बढ़कर और कोई खुशी न थी उनकी जिंदगी में,तभी तो आज ना होके भी वो मेरे पास है और आज भी जब दोराहे पर खड़ी होती हूँ, वो राह दिखाने आते है।आज वेलेंटाइन पर आपको बहुत मिस कर रही हूं पापा…..
हैप्पी वेलेंटाइन डे पापा….

मेरे जीवन का दूसरा पुरूष मेरा भाई-

जिसके साथ-साथ खेलते -खेलते कब मैं बड़ी हुई पता ही नही चला।
उसके साथ खेलना-कूदना, छीनकर खाना ,बात -बात पर लड़ना और जब बारी आई मेरी बिदाई की सबसे ज्यादा वही रोया,छुप-छुप कर,बेशक मैंने उसे हर साल रेशम के प्रेम धागों में बांधा पर उसने हमेशा मुझे बन्धन से मुक्त रखा और मेरी हर विपत्ति में मेरी ढाल बनकर चुपचाप खड़ा रहता।ऐसा है मेरा दूसरा प्रेम,मेरा भाई ….।love you भाई…..

मेरे जीवन का तीसरा पुरुष-जिसे मैं जीवन का आधारशिला मानती हूं,मेरे पति,जो कभी मेरी ढाल नही बने अपितु मुझे ही ऐसा बनाने की तैयारी में लगे कि मैं अपनी सुरक्षा स्वयं करू।मुझे कभी दूसरे पर आश्रित ना होना पड़े।
दुनिया क्या सोचेगी इसकी फिक्र ना उन्हें कभी थी,ना है..
मेरे कुछ अधूरे सपने,जिसको पूरा करने के लिए उन्होंने हमेशा मेरे पीछे से मेरा साथ दिया मैं जब -जब बिखरी उन्होंने हर बार मुझे समेटा,मुझे निखाता और कभी माली बनकर मेरे अतरिक्त टहनियों को काटा ताकि मेरा उचित विकास हो सके।आज मैं एक सफल लेखिका हूँ तो सिर्फ अपने जीवन के तीसरे पुरूष अपने पति की वजह से।
ईश्वर मेरे प्यार की इन लड़ियों को सदा सलामत रखना।
Love you my love…..
मेरे जीवन का चौथा पुरूष… मेरा बेटा…
चौथा पुरुष मेरा बेटा है-जिसके आगमन से मैं परिपूर्ण हुई,यह बिल्कुल नया एहसास था, जब यह नन्हा मेहमान मेरे आँचल में आया।जिसे पाने के बाद कुछ और चाहत शेष ना रही….
उसे जब -जब देखती तो मानो लगता ,मैं दुनिया की सबसे सौभाग्यशाली स्त्री हूँ।वही है जिसके काँधे पर सवार हो मैं मुक्ति धाम को जाउंगी I Love you betu…..

और पांचवा पुरुष होगा……मेरा पोता…. मेरे जीवन का….जिसके साथ मैं उन सभी पलों को जिऊंगी,जो पल इस आपाधापी के जीवन मे छूट गया।उसके साथ एक बार फिर से अपना व अपने बच्चे का बचपन जीना चाहूंगी।

बस इतनी सी ही तो है मेरी प्रेम कहानी..