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Karva Chauth Poem: चांद से मांगू आज मैं अक्षय सुहाग,
लेकर पूजा की थाल सखी अपने हाथ।।
करवा छलनी सिंदूर चूड़ी मेहंदी बिंदिया
और धूप अगरबत्ती दिया और प्रसाद।।
से पूजा करूं चांद मैं तेरा
सदा सलामत रहे सुहाग मेरा।।
मैं ना मांगू आज कोई और वर ,
मेरे पिया की जिंदगी है मुझे सबसे प्यारा ,
उनकी खुशियां दे दो ऐ चांद
फैला कर झोली मांगती हूं
तुम से वर ये प्यारा
सोने चांदी हीरे मोती और महल अटारी
से ना होगा मेरा गुजारा।
मुझे तो पिया का संग लगता सबसे प्यारा।।
मेरी विनती सुनो मेरी झोली खुशियों से भर दो,
मेरे पिया की लंबी उम्र और स्वास्थ्य बनी रहें
बस ऐसा वरदान दो।।
उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो,
उनकी सारी परेशानियों को तुम हर लो।।
उन्हें दौलत शोहरत पदोन्नति सम्मान और
हिम्मत प्राप्त हो।
बस इतना सा ही वर मुझे दो..!!
मेरा मन सदा रमा रहे उनके चरणों में,
प्रीत ऐसी हम में भर दो
हंसी खुशी से जीवन बीते
 एक दूसरे के होकर हम बस रहे ।
ऐसी आस्था और विश्वास दो
जीवन के हर सुख दुख में
हम एक दूसरे के साथ रहे
हमें ऐसी हिम्मत दो
कोई मुश्किल ना आए हम पर
तुम ऐसा हमें वर दो…!!
मैं पूजती हूं बड़ी निष्ठा से तुम्हें
तुम मेरी पूजा स्वीकार करो!!
चांद अब तो दर्शन दो..