Short Story: देवकीजी के यहां किटी में एक किटी मेंबर नलिनी जी ने समोसा खाते -खाते पूंछ ही लिया, अरे देवकी जी समोसे घर में बने हैं? वाह मजा आ गया….क्या नेहा ने बनाए? तब देवकी जी कहती- अरे नेहा …नेहा कहां….उससे समोसे बनवाना कोई हंसी खेल है क्या…इस तरह सुनकर भी.. वो कुछ नहीं कहती
किटी खत्म होने पर उसका उदास चेहरा देखकर वे पूछती – क्या हुआ नेहा!!! तब वह कहती -” मां जी समोसे का मसाला मैंने बनाया क्या..आपकी नजर में मेरी अहमियत नहीं… और ये सबके सामने कहा… समोसा और नेहा हंसी खेल है क्या… यही कहा ना..तब वो सकपका कर कहती – ” धत्त तेरी की..। तुम इतना अच्छा मसाला न बनाती तो समोसे में टेस्ट कहां से रहता!!जबकि तुमने भी बराबर से सहयोग दिया है। मुझे माफ कर दे ना.. इस तरह जवाब सुनकर नेहा मुस्कुरा देती है।
धत्त तेरी की-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
