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काला–गोरा नहीं, प्यार का एक रंग: गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Love Story: एक दुबली-पतली, गोरी-सी लड़की जिसे देखकर कोई भी कह दे कि इसका जीवन किसी परियों की कहानी जैसा होगा और दूसरी ओर अरुण..गहरा रंग, शांत स्वभाव, और आंखों में समंदर जितनी गहराई। जब दोनों साथ चलते थे, लोग अक्सर गौरी के गोरेपन और अरुण के कालेपन की तुलना करते। ताने उड़ते थे, […]

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खामोशी में खिलता प्यार – गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Love Story: सूरज हल्का-सा ढल रहा था, और शहर के बीचोंबीच बने साइलेंट हार्मनी इंस्टिट्यूट की दीवारें हल्के सुनहरे रंग में नहाई हुई थीं। इसी इंस्टिट्यूट में हर शाम सांकेतिक भाषा की क्लास लगती थी और यहीं पहली बार निशांत ने मीरा को देखा था। मीरा की मुस्कान में कुछ ऐसा था, जैसे बिना […]

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अखाड़े की लक्ष्मी-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Short Story in Hindi: गाँव के बाहर पुराना मिट्टी का अखाड़ा आज फिर सजा हुआ था। सूरज की किरणें हल्के-हल्के धरती को छू रही थीं और वहाँ, मिट्टी में पसीने की गंध के बीच, एक लड़की अपने बालों को रबर से बाँधते हुए खड़ी थी। नाम था लक्ष्मी यादव..वही लक्ष्मी, जिसके नाम पर कभी गाँव […]

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सान्वी की जीत-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Sad Story: सान्वी अपने कमरे में घंटों से बंद थी। माँ की आवाज़ पर उसे याद आया कि कब का खाने के लिए बुलाया गया था। दरवाज़ा खोलकर वह जैसे ही हॉल की ओर बढ़ी, सामने माँ को थाली लेकर आते देखा। वह मुस्कुरा दी। दोनों माँ-बेटी साथ बैठकर कमरे में खाना खाने लगीं। […]

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प्यार की डोर – गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: नैतिक और मिहिका भाई-बहन थे। घर में सबकुछ होते हुए भी उनके दिलों में एक खालीपन था। उनके माता-पिता, रजत और सीमा, कामकाज और व्यस्त दिनचर्या में इतने उलझे रहते कि बच्चों से बातचीत कम ही हो पाती। अक्सर खाने के वक़्त भी सिर्फ पढ़ाई की बातें होतीं। नतीजा यह हुआ कि […]

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साहसी रामलाल-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Hindi Short Story: धुंधली सी कुहासे भरी सड़क पर रामलाल टॉर्च लेकर सड़क के एक छोर पर सन्नाटे में चल रहा था। सुबह के 3 बजे होंगे पर आज कुहासा उम्मीद से कुछ ज्यादा ही था। रामलाल टॉर्च हाथ में लिए जैसे उस कुहासे को चीरने का प्रयास कर रहा था। राम लाल प्रत्येक रात […]

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फिर लौटी मुस्कान-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: रीमा हमेशा से हंसमुख और ज़िंदादिल लड़की थी। शादी के बाद उसकी दुनिया और भी खूबसूरत हो गई थी। जब उसने अपनी पहली संतान को जन्म दिया, तो सबको लगा कि अब उसकी जिंदगी पूरी हो गई है। परिवार, दोस्त, रिश्तेदार हर कोई कह रहा था, रीमा तो अब अपने आपको सबसे […]

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पंद्रह साल का इंतज़ार- गृहलक्ष्मी की कहानियां

Short Story in Hindi: राखी को अपने पिता की धुंधली-सी याद थी। वह सिर्फ़ छह साल की थी, जब माँ और पिता अलग हो गए। उस छोटे से मन में बस इतना ही बैठा था कि पापा कहीं चले गए हैं । उसके बाद माँ ने ही उसका पूरा संसार बना दिया। माँ के साथ […]

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फादर्स डे का गिफ्ट-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Hindi Short Story: दोपहर का समय था। सुनील और वंदना अपने कमरे में बैठे आपस में बातें कर रहे थे। तभी दरवाजे पर उनकी लाडली भतीजी परी की आवाज सुनाई दी। परी की आवाज सुन वंदना ने दरवाजा खोला तो देखा नन्ही परी अपने नाजुक कंधों पर एक बड़ा सा थैला टांगे खड़ी थी।परी को […]

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अधूरी खामोशियां-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story:शालिनी और अंशुल की शादी को दस साल हो चुके थे। शुरुआत में उनका रिश्ता उतना ही चमकदार था जितना कोई नया रंगीन सपना। पर वक्त के साथ रोज़मर्रा की ज़िम्मेदारियों, काम के दबाव और छोटे-छोटे मनमुटावों ने उनके बीच एक अजीब सी खामोशी ला दी थी। कभी घंटों बातें करने वाले दोनों […]

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