Yoga for mindful motherhood
Calm breaths, positive vibes

Summary: गर्भावस्था में योग , सुकून की चाबी

गर्भावस्था के दौरान योगासन और प्राणायाम न केवल माँ के मन को शांति देते हैं, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे तक भी सकारात्मक ऊर्जा पहुँचाते हैं। ताड़ासन से लेकर शवासन तक, ये आसान योग अभ्यास तनाव कम कर संतुलन और भावनात्मक सुकून बनाए रखते हैं।

Yoga for a Stress-Free Pregnancy: गर्भावस्था महिला के जीवन का अनमोल चरण है। इस समय महिला का शरीर और मन दोनों कई तरह के बदलावों से गुजरते हैं। हार्मोनल परिवर्तन, आने वाले कल को लेकर चिंताएँ, शारीरिक थकान और भावनात्मक संवेदनशीलता मन को अस्थिर और बेचैन कर देती हैं। कभी-कभी बिना किसी वजह के डर , बेचैनी या उदासी गर्भी महिला को घेर लेती है, जिससे मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है। ऐसे संवेदनशील समय में योग एक भरोसेमंद और सकारात्मक सहारा बनता है। योग न केवल शरीर को मजबूत, लचीला और ऊर्जावान बनाए रखता है, बल्कि मन को भी गहरी शांति और स्थिरता देता है। नियमित रूप से योगासन करने पर गर्भवती महिला तनावमुक्त महसूस करती है और यही मानसिक सुकून गर्भ में पल रहे बच्चे  तक भी

सकारात्मक ऊर्जा पहुँचती है।

Vitamin D deficiency and anemia
Vitamin D deficiency and anemia

ताड़ासन गर्भावस्था के दौरान शरीर में संतुलन और स्थिरता लाने में मदद करता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा रखता है और शरीर में ऊर्जा के संचार को बेहतर बनाता है। ताड़ासन करते समय गहरी साँसें लेने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। नियमित रूप से इसे करने पर आत्मविश्वास बढ़ता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव माँ के मन और बच्चे की भावनात्मक स्थिति पर भी पड़ता है।

वज्रासन गर्भावस्था में सुरक्षित और लाभकारी माना जाता है, खासकर भोजन के बाद। यह आसन पाचन को बेहतर करता है, जिससे शरीर हल्का महसूस करता है और मन भी शांत रहता है। वज्रासन में बैठकर कुछ मिनट ध्यान लगाने से बेचैनी और घबराहट कम होती है। यह माँ को अंदर से स्थिरता देता है, जिसका प्रभाव बच्चे की ऊर्जा पर भी पड़ता है।

यह आसान गर्भावस्था के दौरान कमर, जांघों और पेल्विक एरिया को लचीला बनाता है। यह आसन भावनात्मक तनाव और डर को कम करने में भी सहायक होता है। जब माँ गहरी और धीमी साँसों पर ध्यान केंद्रित करती है, तो मन में सकारात्मक भावनाएँ जन्म लेती हैं। इससे गर्भ में पल रहा बच्चा भी माँ की शांति और सुकून को महसूस करता है।

मार्जरी आसन, जिसे कैट-काउ पोज़ भी कहा जाता है, रीढ़ का लचीलापन बढ़ाने के साथ-साथ मानसिक थकान को भी दूर करता है। यह आसन साँसों के साथ पूरी तरह तालमेल बनाकर किया जाता है, जिससे मन शांत बना रहता है। इससे चिंता और तनाव में कमी आती है और माँ को अंदर से राहत महसूस होती है।

Gentle yoga, deeper calm
Serenity begins in the womb

शशांकासन मन को गहराई से शांत करने वाला आसन है। यह तनाव, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा को कम करने में सहायक होता है। इस आसन में आगे झुकते हुए जब माँ अपनी साँसों पर ध्यान देती है, तो मन धीरे-धीरे शांत होने लगता है। यह मानसिक सुकून बच्चे तक भी पहुँचता है, जिससे उसका विकास सकारात्मक रूप से होता है।

योगासन के साथ-साथ प्राणायाम गर्भावस्था में अत्यंत उपयोगी है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम नर्वस सिस्टम को पूरी तरह से शांत करता है और भावनात्मक असंतुलन को कम करता है। नियमित रूप से इसे करने पर माँ का मन स्थिर रहता है साथ ही डर और चिंता कम होती है।

इस योग को सरल लेकिन सबसे प्रभावी आसन माना जाता है। यह शरीर और मन दोनों को पूरा आराम देता है। गर्भावस्था में शवासन करते समय माँ अपने बच्चे से मानसिक रूप से जुड़ सकती है। इस दौरान सकारात्मक कल्पनाएँ और प्यार भरे विचार मन को शांत करते हैं और बच्चे के लिए सुरक्षित वातावरण बनाते हैं।

कोई भी योगासन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें ताकि किसी तरह की परेशानी न हो।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...