Online Yoga Classes in Pregnancy
Online Yoga Classes in Pregnancy

Summary: गर्भावस्था में योग और ध्यान का महत्व

गर्भावस्था में ऑनलाइन योगा और मेडिटेशन मां को शारीरिक-मानसिक मजबूती देते हैं और बच्चे के विकास में मददगार होते हैं।

Online Yoga Classes in Pregnancy: गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का ऐसा समय है जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को कमजोर महसूस करती है। डॉक्टर उन्हें अपने सेहत के ख्याल रखने के लिए योग और मेडिटेशन का सुझाव देते हैं, लेकिन ज्यादातर गर्भवती महिलाएं अकेले बाहर ना जा पाने की स्थिति में बाहर जाकर योग्य, मेडिटेशन की क्लास नहीं ले पाती हैं। ऐसे में ऑनलाइन योग और मेडिटेशन क्लास उनके लिए फायदेमंद साबित होता है। आइए इस लेख में जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान ऑनलाइन योग क्लासेज कैसे फायदेमंद है।

प्रेगनेंसी के दौरान ट्रैवल करना एक मुश्किल भरा काम होता है खासतौर पर जब, जब आपको किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में जाना पड़ जाए। ऐसे में ऑनलाइन योग और मेडिटेशन क्लास का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप प्रेगनेंसी के समय ट्रैवल करने से तो बचती हैं, साथ ही ट्रैवल से होने वाले थकान से भी बचती हैं तथा घर के सुरक्षित माहौल में हर रोज योग और मेडिटेशन कर पाती हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान बढ़ता शारीरिक वजन और लगातार शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भवती महिला को कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे कमर दर्द, शरीर में अकड़न, पैरों में दर्द और सूजन, कांस्टिपेशन आदि। गर्भावस्था में नियमित रूप से योग करने से महिला को इन सभी परेशानियों से राहत मिलता है और मांसपेशियां मजबूत होती है।

Online Yoga Classes in Pregnancy
improve physical health

योग करने से रक्त संचार सही रहता है जिससे शरीर में सूजन और दर्द से राहत मिलता है।

गर्भावस्था के दौरान प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है जिससे शिशु और मां दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

गर्भावस्था के दौरान योग करने से पेल्विक मसल्स मजबूत और लचीला होता है जिससे नॉर्मल डिलीवरी होने के संभावना बढ़ जाती है।

इसके अलावा योग से महिला ज्यादा ऊर्जावान और सहनशील होती है डिलीवरी के समय होने वाले दर्द को सहने की हिम्मत मिलती है।

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का मूड स्विंग्स होना आम बात है लेकिन कई बार यह मूड स्विंग्स गर्भवती महिला के तनाव को बढ़ा देते हैं।

अगर महिला नियमित रूप से मेडिटेशन करती है तो वह गर्भावस्था के दौरान होने वाले मूड स्विंग, चिंता और तनाव को आसानी से संभाल पाती है।

नियमित तौर पर मेडिटेशन करने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन जिसे तनाव हार्मोन भी कहते हैं, शरीर में इसका स्तर घटता है। महिला शांत और सकारात्मक रहती है जो कि उसके बच्चे के विकास के लिए फायदेमंद है।

गर्भावस्था के दौरान मां के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। कई वैज्ञानिक शोध बताते हैं गर्भवती महिला का लगातार तनाव या चिंता में रहना गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास को प्रभावित करता है।

नियमित योग और मेडिटेशन से महिला स्वास्थ्य और तनाव मुक्त रहती है जिसका बच्चों के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा प्रसव के बाद भी महिला को डर, चिंता डिप्रेशन जैसे स्थितियों का खतरा कमता है।

ऑनलाइन क्लासेस में आपको पर्सनल ट्रेनर मिलते हैं जो आपके मेडिकल कंडीशंस के हिसाब से गाइड करते हैं।

आप अपने अनुसार समय का चुनाव कर सकते हैं ऐसा नहीं है तो भी आपके पास रिकॉर्ड क्लास देखने का ऑप्शन होता है जिसे आप अपने अनुसार देख सकते हैं, योग और मेडिटेशन कर सकते हैं।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...