Physical reasons for loneliness during pregnancy
Physical reasons for loneliness during pregnancy

Summary: संक्रमण-मुक्त गर्भावस्था के लिए अपनाएँ ये 8 आदतें

गर्भावस्था के समय संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता, पौष्टिक आहार और नियमित जांच बेहद जरूरी हैं। सही आदतें अपनाकर मां और शिशु दोनों को स्वस्थ रखा जा सकता है।

Infection Prevention During Pregnancy: गर्भावस्था एक महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील समय होता है, जब शरीर में कई शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। इन बदलावों के कारण इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। यह संक्रमण न केवल मां के स्वास्थ्य बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए इस समय स्वच्छता, संतुलित आहार और आवश्यक सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी है। थोड़ा सा सजग रहकर और सही जीवनशैली अपनाकर गर्भावस्था को सुरक्षित, स्वस्थ और तनावमुक्त बनाया जा सकता है।

आइए जानते हैं, गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से बचने के 8 असरदार और उपयोगी उपाय।

Infection Prevention During Pregnancy-Stay Infection-Free During Pregnancy
Healthy Mom, Healthy Baby

संक्रमण से बचने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है हाथों की सफाई। हर बार खाना बनाने या खाने से पहले, टॉयलेट जाने के बाद, बच्चों या पालतू जानवरों को छूने के बाद हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। यही आदत आपको फ्लू, सर्दी-जुकाम और बैक्टीरियल इंफेक्शन से दूर रखेगी।

गर्भावस्था में इम्यूनिटी मजबूत रखने के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है। हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, दही, दालें और प्रोटीनयुक्त खाना शामिल करें। अधपका या स्ट्रीट फूड खाने से बचें, क्योंकि इनसे बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहता है।

कुछ संक्रमण जैसे फ्लू या टिटनेस गर्भावस्था में गंभीर साबित हो सकते हैं। डॉक्टर की सलाह से समय पर वैक्सीन जरूर लगवाएं। ये वैक्सीन मां और बच्चे दोनों को संक्रमण से बचाती है।

थकान और तनाव इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं। गर्भवती महिला को रोज़ाना 8–9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। पूरी नींद लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो जाती है और संक्रमण से बचाव भी होता है।

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अपने रहने के स्थान को स्वच्छ और हवादार बनाए रखें। रसोई और बाथरूम की नियमित सफाई करें। घर में कीड़े-मकौड़ों या फफूंदी का जमाव न होने दें। कपड़े और बिस्तर को धूप में सुखाएं ताकि बैक्टीरिया न पनप सकें।

गर्भावस्था में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना न केवल हाइड्रेशन बनाए रखता है बल्कि शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में भी मदद करता है। हमेशा उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं ताकि किसी भी तरह के वॉटरबॉर्न इंफेक्शन से बचा जा सके।

फ्लू, खांसी-जुकाम या किसी भी तरह के संक्रमण से पीड़ित लोगों के संपर्क में आने से बचें। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है। बाहर निकलते समय मास्क पहनें और जरूरत पड़ने पर सैनिटाइज़र का उपयोग करें।

गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाना बहुत जरूरी है। इससे न केवल आपकी सेहत अच्छी बनी रहती है , बल्कि किसी भी तरह के संक्रमण या बड़ी दिक्कत को समय रहते पहचाना जा सकता है। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें।

गर्भावस्था के समय महिला का शरीर नए जीवन को संवारने की तैयारी में होता है, जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर पड़ जाती है। ऐसे में किसी भी प्रकार का संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है , और यह मां व शिशु दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।इस समय स्वच्छता, पौष्टिक भोजन, पर्याप्त आराम और नियमित स्वास्थ जांच बहुत जरूरी हो जाती है।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...