Heart Touching Story: महान रसायन शास्त्री आचार्य नागार्जुन को एक ऐसे नवयुवक की तलाश थी, जो कि उनकी प्रयोगशाला में उनके साथ मिलकर रसायन तैयार कर सके। उन्होंने विज्ञप्ति निकाली। दो नवयुवक उनसे मिलने आए। आचार्य नागार्जुन ने दोनों नवयुवकों को रसायन बना कर लाने को कहा।
प्रथम नवयुवक दो दिन बाद रसायन लेकर आ गया। नागार्जुन ने पूछा, “तुम्हें इस काम में कोई कष्ट तो नहीं हुआ?”
युवक ने कहा, “मान्यवर बहुत कष्ट उठाना पड़ा। पिता को उदर कष्ट था, मां ज्वर से पीड़ित थी, छोटा भाई पैर की पीड़ा से परेशान, उधर गांव में आग लग गई थी, पर मैंने किसी पर कोई ध्यान नहीं दिया। एकनिष्ठ रसायन बनाने में तल्लीन रहा।”
नागार्जुन ने ध्यान से सुना। कुछ कहा नहीं। युवक सोच रहा था कि मेरा चुनाव तो निश्चित ही है, क्योंकि अभी तक दूसरा युवक लौटा ही नहीं था। इसी बीच दूसरा युवक उदास लौटा। नागार्जुन ने पूछा, “क्यों क्या बात है? रसायन कहां गया?”
दूसरे नवयुवक ने कहा, “मुझे दो दिन का समय चाहिए। मैं रसायन बना ही नहीं सका, क्योंकि जैसे ही बनाने जा रहा था कि एक बूढ़ा रोगी दिखाई पड़ा, जो बीमारी से कराह रहा था। मैं उसको अपने घर ले गया और सेवा करने लगा। अब वह ठीक हो गया है तो मुझे ध्यान आया कि मैंने तो रसायन बनाया ही नहीं। इसलिए क्षमा याचना के लिए चला आया। कृप्या दो दिन का समय दीजिए।”
नागार्जुन मुस्कुराए और कहा, “कल से तुम काम पर आ जाना।” पहला युवक सोच ही नहीं पा रहा था कि उसे क्यों नहीं चुना गया। नागार्जुन ने पहले युवक से कहा, “तुम जाओ, तुम्हारे लिए मेरे पास स्थान नहीं है, क्योंकि तुम काम तो कर सकते हो, लेकिन यह नहीं जान सकते कि काम के पीछे उद्देश्य क्या है?” वस्तुतः रसायन का काम रोग निवारण है जिसमें रोगी के प्रति संवेदना नहीं, उसका रसायन कारगर नहीं हो सकता। पहला युवक निराश हो कर लौट गया।
शिक्षा : इस पूरी कहानी का मूल निचोड़ इस बात में है कि भले ही आप ने दिए गए अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है, परंतु उसके लिए अपने मानवीय संवेदनाओं को ताक में रख कर अपने आसपास के परिवेश को अनदेखा कर दिया तो उस काम की सार्थकता समाप्त हो जाती है। यदि आप में संवेदनाएं नहीं है और दूसरों की सहायता का जज्बा नहीं है तो सिर्फ लक्ष्य हासिल करना बेकार है। पहले युवक ने अपने पिता, माँ और भाई की रुग्णता और सहायता को नजरअंदाज करके मूल भाव का ही हनन कर दिया था।
ये कहानी ‘दिल को छू लेने वाली कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – Dil Ko Chhoo Lene Wali Kahaniyan (दिल को छू लेने वाली कहानियाँ)
