kaun kya na kar sake story in Hindi
kaun kya na kar sake

kaun kya na kar sake story in Hindi : सभी दरबारी यथास्थल बैठे हुए थे। वहीं बीरबल भी मौजूद थे। बादशाह ने एक दोहा पढ़ा

काह न अबला करि सके, काह न सिंधु समाय।

काह न पावक में जरै, काह काल नहिं खाय।

बादशाह का दोहा सुनकर सभी लोग चुप रह गए। वे एक-दूसरे का मुँह देखते रहे।

बादशाह ने बारी-बारी से सबकी ओर देखा।

जब उनकी दृष्टि बीरबल से मिली तो बीरबल बोले, ‘जहाँपनाह, सुनिए

पुत्र न अबला करि सके, जल नहिं सिंधु समाय।

धर्म न पावक में जरै, नाम काल नहिं खाय।

बीरबल का उत्तर सुनकर बादशाह बड़े खुश हुए।

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