ekaantavaas story in Hindi
ekaantavaas

ekaantavaas story in Hindi : बीरबल का नियम था कि दरबार से अवकाश पाकर वह अपना कुछ समय एकांतवास में बिताया करते थे। एक दिन जबकि वह दरबार से अपने पैर लौट रहे थे, उन्हें रास्ते में एक आदमी मिला।

उसने बीरबल से पूछा, ‘महाशय जी, क्या आप कृपा करके बीरबल के घर का पता बता सकते हैं?’

तब बीरबल उसे अपने घर का ठिकाना बतलाकर वहाँ से चले गए।

वह आदमी बीरबल के घर जा पहुँचा और उनकी पत्नी से बीरबल से मिलने का अनुरोध किया।

वह बोली, ‘अभी बाहर गए हैं। कुछ देर ठहर जाओ। थोड़ी देर में भेंट हो जाएगी।’

वह आदमी बीरबल के द्वार पर बैठकर उनके आने की प्रतीक्षा करने लगा। थोड़ी देर बाद बीरबल लौटकर आए। उन्हें पहचानकर उस आदमी ने आश्चर्य से पूछा, ‘दीवान जी, रास्ते में आपसे मेरी भेंट हुई थी, परंतु वहाँ आपने मुझसे अपना परिचय नहीं दिया?’

तब बीरबल ने कहा, ‘आपने मुझसे बीरबल के घर का पता पूछा था, मैं आपको अपना परिचय क्यों देता?’

उस आदमी ने पूछा, ‘लोगों के मुख से सुना है कि आप प्रतिदिन अपना कुछ समय एकांत में बिताते हैं, उसका क्या कारण है?’

बीरबल ने कहा, ‘आपको समझना चाहिए कि एकांतवास में बड़ा लाभ होता है। सर्वप्रथम तो एकांतवास में विचारों की सूझ भली-भाँति होती है। यदि आप कहीं अलग बैठकर विचार करेंगे तो आपको अपनी स्थिति और दिखाई देगी।’

वह मनुष्य बीरबल से उत्तर पाकर अपने घर लौट गया।

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