Pregnancy Tips During Diwali: प्रकाश का पर्व दिवाली मौज-मस्ती, रंग-बिरंगे कपड़ों, सजावट और स्वादिष्ट व्यजंनों के लिए जाना जाता है। इस विशेष दिन को खास बनाने के लिए दूर-दूर से आकर लोग अपने-अपने घरों में एकजुट होते हैं। इस दिन लक्ष्मी-गणेश का पूजन करने के बाद न केवल स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया जाता है, बल्कि खूब आतिशबाजी भी की जाती है। हालांकि, पुराने समय से चली आ रही पटाखे जलाने की परंपरा का काफी बुरा असर पर्यावरण और हमारी हेल्थ पर पड़ रहा है। जो एक गंभीर चिंता का विषय है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। पटाखों से निकलने वाला धुंआ गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। पटाखे गर्भवती महिलाओं को किस प्रकार प्रभावित करते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है, चलिए जानते हैं इसके बारे में।
गर्भवती महिलाओं को पटाखों से दूर रहना चाहिए क्योंकि पटाखों में जहरीली गैस होती हैं जो गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है। इस धुएं में सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड और पर्टिक्यूलेट मैटर सहित कई जहरीले तत्वों का मिश्रण होता है। जब कोई गर्भवती महिला ऐसे प्रदूषण के संपर्क में आती है, तो ये खतरनाक गैसें उसकी श्वांस नली में प्रवेश कर सकती हैं। दिल्ली के सीके बिड़ला हॉस्पिटल के ऑब्सटेट्रिक्स और गायनोकोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निवेदिता कौल का कहना है कि एक बार सांस के साथ अंदर पहुंच जाने के बाद ये खतरनाक गैसें महिला के रक्तप्रवाह तक पहुंच सकती हैं और ये भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन जहरीली गैसों से सिर्फ मां को ही नहीं बल्कि बच्चे को कई प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। ये एलर्जिक रिएक्शन का भी कारण बन सकती हैं। इसकी वजह से रिनिटिस जैसी एलर्जी हो सकती है, जिसकी वजह से नाक बहने और छींक आने की समस्या हो सकती है।
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दमे की समस्या
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पटाखों के धुएं से गर्भवती महिलाओं को दमे की समस्या होने का खतरा कहीं अधिक होता है। पटाखों से निकलने वाले धुएं से होने वाले वायु प्रदूषण की वजह से ये लक्षण और भी अधिक गंभीर हो सकते हैं। इससे गर्भवती महिलाओं को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है इसलिए उन्हें पटाखों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
हो सकती है दुघर्टना
पटाखों के प्रयोग से गर्भवती महिला को चोट या जलने की समस्या भी हो सकती है। बड़े और आवाज वाले पटाखों से दूर भागते समय कोई महिला गिर भी सकती है या पटाखे समय से पहले ही हाथ में फटने से चोट भी लग सकती है। गर्भावस्था बहुत ही नाजुक समय होता है और ऐसे समय में जलने या चोट लगने से मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंच सकता है। फुलझड़ी और मटका बम जैसे पटाखे जलाने की वजह से गहरीले रसायन निकलते हैं साथ ही इससे निकलने वाली आवाज बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है।
स्किन एलर्जी का खतरा
![Risk of skin allergy](https://i0.wp.com/grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/11/pregnent-4.webp?resize=780%2C439&ssl=1)
बड़े और अधिक आवाज करने वाले पटाखे स्किन एलर्जी का कारण बन सकते हैं। पटाखों से निकलने वाला रसायन स्किन के माध्यम से शरीर के भीतर पहुंच सकते हैं और बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में गर्भावस्था सुरक्षित और सेहतमंद रहे, इसके लिए इन पटाखों से दूरी बनाने में ही भलाई है।
गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान
– महिलाएं स्वच्छ और हरित दिवाली मनाने का विकल्प चुनें।
– दिए, लैंप जलाना और प्राकृतिक धूपबत्ती का इस्तेमाल करके भी बिना साइडइफेक्ट के दिवाली मनाई जा सकती है।
– पारंपरिक तरीकों का उपयोग कर न सिर्फ पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है बल्कि होने वाला बच्चा भी सुरक्षित होता है।
– शांति से घर में रहकर दिवाली मनाने से एकता और सकारात्मकता की भावना को बढ़ावा मिलता है।