मिलावटी मीठे में कहीं खो न जाए दीवाली की मिठास: Sweets on Diwali Festival
Sweets of Diwali Festival

Sweets on Diwali Festival: दीवाली मिठाई के बिना अधूरी सी लगती है। घर में पूजा से लेकर लेन-देन में मिठाई खूब प्रचलन में है। हालांकि त्यौहारों के सीजन में मिठाइयों की डिमांड बहुत होती है, लेकिन इनके निर्माण में कई बार शुद्धता और गुणवत्ता को अनदेखा किया जाता है। मिलावटी मिठाईं खाने से पेट के इंफेक्शन्स और दस्त, अपच, अम्लता, हैजा, डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इम्यूनिटी कम हो जाती है, शूगर लेवल बढ़ सकता है, हार्ट प्राॅब्लम्स हो सकती है। इनसे दीवाली की मिठास में कड़वाहट आ जाती है और त्योहार का मजा किरकिरा हो जाता है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन(एफ डी ए) के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह साबित किया है कि अधिक दिन तक मिठाई खराब न हो, इसके लिए कई मिठाई निर्माता इनमें ‘फाॅर्मालिन‘ नामक रसायन का प्रयोग करते हैं। इन मिठाइयों को खाने से गुर्दे और जिगर को नुकसान होता है। इससे अस्थमा का अटैक आ सकता है। गर्भवती महिलाओं को तो ऐसी मिठाइयां काफी प्रभावित करती हैं। उनका बच्चा विकलांग हो सकता है।

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दूध से बनने वाली मिठाइयों में नकली सिंथेटिक दूध या नकली मावा का इस्तेमाल होता है। सिंथेटिक दूध में यूरिया, कपड़े धोने वाले सोडा, स्टार्च, फाॅर्मालिन जैसी चीज़ें मिलाई जाती हैं। तो नकली मावा आलू, शकरकंदी, सिंघाड़े का आटा, मैदा, मिल्क पाउडर जैसी चीजों से बनाया जाता है। इनमें स्टार्च, मस्टर्ड ऑयल, आयोडीन, मेथेनिल येलो और लेड क्रोमेड और टाॅक्सिन क्रोमियम जैसे कैमिकल्स मिलाए जाते हैं।

बाजार में मिलने वाली मिठाइयों पर लगा चांदी वर्क भी सेेहत के लिए हानिकारक है- एफ डी ए में हुए अनुसंधानों से यह भी साबित हुआ है। चांदी वर्क एल्यूमीनियम या कैमिकल्स मिलाकर बनाए जाते हैं। जो हमारे शरीर के लिए घातक है। वर्क में मौजूद एल्यूमीनियम हमारी हड्डियों और टिशूज़ में जम जाता है। यह हमारे मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाता है। गर्भावस्था में चांदी वर्क वाली मिठाई का सेवन भ्रूण के लिए खतरनाक है।

Sweets on Diwali Festival
Effects of Sweets on Diwali Festival

त्यौहार के दौरान ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मिठाइयों पर आर्टिफिशयल या सिंथेटिक कलर या रंग और एसेंस या सुगंध का प्रयोग किया जाता है जो हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि इन मिठाइयों में रोडामाइन नारंगी, मेटानिल पीला, मैलाकाइट हरा, क्विनोलिन पीला और ऑरामाइन जैसे रंगों का इस्तेमाल होता है जो हमारे शरीर के लिए घातक हैं। इनसे कैंसर जैसी बीमारियां होने की संभावना रहती है।

बाजार में मिलने वाली मिठाइयों में चीनी और तेल का उपयोग बड़ी मात्रा में होता है। इसमें कई दुकानदार एनिमल फैट, डंडेल या टारट्राज़ाइन मिलाते हैं। बाजार की मिठाइयों में मौजूद उच्च स्तर की शर्करा से मधुमेह, दिल से जुड़े लोगों और हाइपरटेंशन के मरीजों पर तो इसका खासा असर देखा जा सकता है। डाॅक्टरों की माने तो फेस्टिव सीजन टाइप 2 मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत तकलीफदेय होता है। क्योंकि वे चाहते हुए भी खुद को रोक नहीं पाते और ब्लड शूगर जैसी समस्याओं की गिरफ्त में आ जाते हैं।

मिठाइयों में इस्तेमाल किए जाने वाले महंगे ड्राई फ्रूट्स भी मिलावटी या पुराने पाए जाते हैं। इनकी जगह खरबूजे के बीज या मूंगफली के दानों का प्रयोग किया जाता है। पुराने ड्राई फ्रूट्स को दोबारा रोस्ट कर बेचा जाता है। इनमें कोलेस्ट्राॅल की मात्रा अधिक होती है और हार्ट डिजीज को बढ़ावा देती है। 

मिठाई या खोया खरीदते समय रखें सावधानियां

  • मिलावटी खोया हाथ में रगड़ने पर अगर उसमें चिकनाहट हो।
  • खोया असली होने पर इसमें से घी की महक आएगी और खुशबू देर तक रहेगी।
  • सिंथेटिक दूध में अजीब सी सुगंध आती है और वह हल्के पीले रंग का होता है।
  • मिठाई किसी प्रतिष्ठित और बड़ी दुकान से ही खरीदें। या फिर अच्छे ब्रेंड की पैक्ड मिठाइयां ही लें।
  • मिठाई खरीदने से पहले संभव हो तो उसे चख कर भी आप उसके बासी होने या फिर गुणवत्ता का अंदाजा लगा सकते हैं। खासकर दूध वाली मिठाइयां टेस्ट करके देख सकते हैं कि वो खट्टी तो नहीं हैं।
  • मिठाई को हाथ में लेने पर रंग हाथ पर न लग रहा हो।
  • मिठाई लेते समय अच्छी तरह चैक करें कि उसमें फंगस वगैरह तो नहीं लगी, या काफी दिन पहले की तो नहीं है।
  • चांदी का वर्क लगी मिठाई न खरीदें।
  • चाश्नी या सिरप वाली मिठाइयों से बचें।
  • दूध से बनी मिठाइयों के बजाय लड्डू, पिन्नियां जैसी सूखी मिठाइयों को वरीयता दें।

बेहतर विकल्प

  • अच्छा होगा कि आप घर पर ही मिठाई बनाएं। आपकी बनाए बेसन के लड्डू, पिन्नियां, बालुशाही जैसी बिना चाश्नी की मिठाइयां यकीनन सबको पसंद आएंगी। साथ ही इन्हें आप कई दिन तक पैक करके रख सकते हो।
  • खोये की जगह नारियल की मिठाई बनाएं। ये कम कैलोरी और सुपाच्य होती हैं।
  • अगर आप दूध से बनी मिठाइयां बनाना चाहते हैं तो केाशिश करें खोया और पनीर भी खुद घर पर ही बनाएं। इससे न तो आपको सिंथेटिक दूध का डर रहेगा और न किसी तरह की मिलावट का।
  • खीर या दूध से बने व्यंजन बनाते समय ध्यान रखें कि फुल क्रीम दूध के बजाय टोंड दूध का इस्तेमाल करें।
  • चीनी के बजाय अंजीर, देसी खांड और मिश्री, कोकोनेट शूगर, डेट शूगर, मेपल सिरप जैसे नेचुरल पदार्थाे का उपयोग करें।
  • मिठाइयां आप दालों से भी बना सकते हैं जो पौष्टिक और सेहतमंद होंगी। मूंग दाल से भी आप हलवा बना सकते हैं, चने की दाल को पीस कर बने बेसन लड्डू बना सकते हैं।
  • ड्राई फ्रूट्स, आटा,बेसन जैसे अनाज मिलाकर मिठाई बनाना बेहतर है।
  • आप कंडेंस्ड मिल्क से कई तरह की मिठाइयां बना सकते हो। कंडेस्ड मिल्क से एक तो बहुत कम समय में मिठाई बन जाती है, दूसरे यह स्वाद में खोये की मिठाई को भी मात देती है।
  • मिठाई के स्थान पर अगर आप चाॅकलेट से सबका मुंह मीठा कराएं, तो कहने ही क्या। डार्क चाॅकलेट से आप घर पर तरह-तरह की चाॅकलेट बना कर सबको सरप्राइज दे सकते हैं। नटी चाॅकलेट सबको पसंद आएगी।