मित्र से रहा न गया। पूछ ही लिया- “आपकी टेबल पर यह खूबसूरत पत्थर का टुकड़ा और उस पर लिखा “आज” क्या दर्शाता है यह?” “प्रसिद्ध कवि जॉन रस्किन ने हाथ बढ़ाया। पत्थर को उठाया! पोंछा, चूमा फिर वहीं रखते हुए कहा- “दोस्त! मुझे अपने वर्तमान की चिंता रहती है। मैं इसे यूं ही बीतने […]
Author Archives: डॉ. राजेन्द्र पटोरिया
पहले मानव सेवा – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक महिला दीन-हीन अवस्था में घायल होकर सड़क के एक ओर पड़ी कराह रही थी। उसके पास ही उसका शिशु भूख के कारण लगातार रोए जा रहा था। अनेक लोग उधर से गुजर रहे थे, लेकिन दो मिनट रुककर उसको दिलासा देने वाला कोई भी नहीं था। वहाँ से गुजरने वाला हर कोई बस इतना […]
सीख – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक जमींदार के तीन बेटे थे। जमींदार की अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्होंने अपने तीनों बेटों को बुलाया तथा तीनों को उनकी इच्छानुसार बंटवारा कर दिया। उनका छोटा बेटा नौ परिवहन से जुड़ा व्यवसाय करता था। उसे तीनों नौका दे दी तथा एक अंगूठी भी दी और कहा, बेटा इस अंगूठी को हमेशा सम्हाल […]
चतुरता – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक बार एक राजा अपने दरबार में बैठा दरबारियों से बातचीत कर रहा था। इतने में उसके एक प्रिय दरबारी की जेब से सिक्का गिरकर फर्श पर जा गिरा। वह बहुत गरीब था और उसके पास यही एक सिक्का बचा था। वह तुरंत फर्श पर बैठकर अपना सिक्का ढूंढने लगा। अन्य दरबारी, जो उसकी चतुराई […]
बैल का दिमाग बैल जैसा – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक तेल व्यापारी अपने कोल्हू के पास सो रहा था। उसका बैल कोल्हू खींच रहा था। उधर से एक दार्शनिक गुजरा। उसने तेल व्यापारी को जगाकर अपने बारे में बताया और बोला कि इस बैल की आंखों पर तुमने पट्टी क्यों बांधी हुई है। तेल व्यापारी ने उसे बताया कि पट्टी न हो तो वह […]
गाड़ीवान की अकल – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक बार एक किसान अपनी फसल बैलगाड़ी में लादकर बाजार बेचने ले जा रहा था। रास्ते में गाड़ी का पहिया एक गड्ढे में फंस गया। उसने बैलों को कोंचना शुरू कर दिया कि वे आगे बढ़ें। लेकिन बैल थे कि काफी कोशिशों के बाद भी पहिए को गड्ढे से नहीं निकाल पा रहे थे। उसने […]
साइकिल का आनन्द – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक संत एक दिन बाजार गए। वहाँ उन्होंने अपने पांच शिष्यों को देखा जो अपनी-अपनी साइकिलों पर सवार होकर लौट रहे थे। गुरु को देख वे साइकिलों से उतर गए। संत ने उनसे पूछा कि वे सब साइकिलें क्यों चलाते हैं। पहले शिष्य ने कहा कि उसकी साइकिल पर आलुओं का बोरा है। इससे उसे […]
नजरिया – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक बार एक साधु अपने लिए एक उचित ठिकाने की तलाश में भटक रहा था। वह एक गाँव में पहुँचा और वहाँ के मुखिया से पूछा कि क्या उसके गाँव के लोग अच्छे और मैत्रीपूर्ण हैं। मुखिया ने उससे प्रतिप्रश्न किया कि वह अभी तक जिस गाँव में था, वहाँ के लोग कैसे हैं। अगर […]
कल की चिन्ता मत करो – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक शहर में धर्मदत्त नामक सेठ रहता था। अपार सम्पत्ति का मालिक होने के बावजूद वह हमेशा उदास रहता। उसे अपनी भावी पीढ़ी की चिंता सताती रहती थी। एक बार भगवान महावीर उस शहर में आए। गंगा के तट पर उनका प्रवचन हो रहा था। धर्मदत्त भी वहाँ पहुँचा। प्रवचनोपरान्त महावीर ने उसके मुखमंडल पर […]
हृदय परिवर्तन – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक गाँव में एक कसाई रहता था। वह नियमित रूप से बकरों को मारकर उनका मांस बेचा करता था। कई बार उसे लगता भी कि वह बेजुबान जानवरों की हत्या कर कितना पाप कर रहा है। लेकिन, फिर वह अपने आपको यह कहकर समझा लेता कि अगर वह यह काम छोड़ देगा तो पेट कैसे […]
