मित्र से रहा न गया। पूछ ही लिया- “आपकी टेबल पर यह खूबसूरत पत्थर का टुकड़ा और उस पर लिखा “आज” क्या दर्शाता है यह?” “प्रसिद्ध कवि जॉन रस्किन ने हाथ बढ़ाया। पत्थर को उठाया! पोंछा, चूमा फिर वहीं रखते हुए कहा- “दोस्त! मुझे अपने वर्तमान की चिंता रहती है।
मैं इसे यूं ही बीतने नहीं देना चाहता। मेरे लिए प्रत्येक क्षण बहुमूल्य है। मेरा एक क्षण भी व्यर्थ में न गुजरे, इसी की याद दिलाता है यह पत्थर। यह मुझे यह सब कुछ आज ही करने की प्रेरणा देता है। कुछ कल पर न छोड़ने का संदेश छिपा है इसमें। तभी तो यह चमकीला पत्थर- ‘आज वाला” मुझे केवल आज में, वर्तमान में जीने की सीख देता है।’
ये कहानी ‘इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं– Indradhanushi Prerak Prasang (इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग)
