सेवा का अर्थ केवल चरण दबाना ही नहीं है, आज्ञा का अनुपालन करना भी है। हमारे समाज और परिवार से सेवा के ये दोनों अर्थ लुप्त होते जा रहे हैं, चरण सेवा करना तो दूर हम आज्ञा का पालन करना भी नहीं चाहते, यही कारण है कि आज हमारे परिवार से सौहार्द और सामंजस्य समाप्त […]
Author Archives: डॉ. राजेन्द्र पटोरिया
सवाल का जवाब – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक लड़का अपने पिता के पास आया और बोला कि वह उसे कुछ नए और महंगे कपड़े दिलाए, क्योंकि उसके कॉलेज में कपड़ों की वजह से सब उसे हीन दृष्टि से देखते हैं। पिता ने अपनी उंगली से एक अंगूठी निकाल कर उससे कहा कि, बेटे, मैं तुम्हे तुम्हारे पसंदीदा कपड़े दिलवा दूँगा, लेकिन पहले […]
सुधर गया गाँव – अनमोल प्रेरक प्रसंग
गुरु गोविंद सिंहजी को पता चला कि अमुक गाँव के लोग बड़े चोर हैं। चोरी करना ही उनका धंधा है। सारा गाँव इस कलुषित कार्य में संलिप्त है। उन्होंने उनको सुधारने की सोची और पहुँच गए उस गाँव में। कहीं चौपाल में, छाया में जा बैठे। गाँव वालों से कि पूछा उनका मुख्य काम क्या […]
दीपक बनकर देखो – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक राजा को अध्ययन का बहुत शौक था, लेकिन राजकाज की व्यस्तता के कारण वह पढ़ाई के लिए ज्यादा वक्त नहीं निकाल पाता था। धीरे-धीरे वह अधेड़ हो गया। एक दिन उसने अपने मंत्री को बुलाकर कहा कि वह अध्ययन करना चाहता है, लेकिन बढ़ती उम्र के कारण यह संभव प्रतीत नहीं होता। मंत्री ने […]
धर्म-ऋण – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक बार सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस के लिए निधि जुटाने रंगून गए। जब-जब वे चीनियों के पास चंदा लेने जाते, तब-तब चीनी लोग चंदे की सूची में अपना कोई आंकड़ा चढ़ाए बिना यथाशक्ति कुछ रकम दे दिया करते थे। चीनियों के इस व्यवहार को देखकर सरदार ने एक चीनी सज्जन से इसका कारण पूछा. उन […]
ठगी हर जगह नहीं चलती – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक बार दो ठग एक गाँव में पहुँचे। वहाँ उन्होंने एक शवयात्र देखी, जिसमें भारी भीड़ शामिल थी। उन्होंने शवयात्र में शामिल लोगों से मृतक के बारे में पूछा तो पता चला कि वह गाँव का जमींदार था। वह बहुत दयालु स्वभाव का था, इसलिए उसकी शवयात्र में पूरा गाँव शामिल है। जमींदार के उदार […]
सच्चा ज्ञानी – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक बार एक गाँव की एक लड़की बिन ब्याही माँ बन गई। गाँव वालों को इससे बड़ा धक्का लगा। उन्होंने उसे बहुत मारा और कहा कि वह अपने बच्चे के पिता का नाम बताए। जब लड़की ने मुंह खोला तो उसे सुनकर गाँव वालों के मुंह खुले के खुले रह गए_ क्योंकि यह कोई और […]
तोता बोला एक ही शब्द – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक ठग के पास एक तोता था। उसने उसे सिर्फ एक ही शब्द बोलना सिखाया था- ‘यकीनन।’ वह उस तोते के साथ एक गाँव में आया। रात को उसने एक जगह एक छोटे से बक्से में सोना भरकर गाड़ दिया। अगले दिन वह फिर तोते के साथ वहाँ पहुँचा और उससे बातें करने लगा। उत्सुकतावश […]
अपशगुन – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक राजा शिकार के लिए निकला। महल के दरवाजे पर ही उसका हज्जाम उसकी आंखों के सामने आ गया। बेचारे हज्जाम की एक आंख चेचक के कारण चली गई थी। राजा ने इसे अपशकुन समझा और अपने सिपाहियों को उसे चार कोड़े मारने के आदेश दे दिए कि वह सुबह-सुबह राजा के सामने क्यों आ […]
पिंजरे की बेचैनी – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक मदारी था। वह दिन भर घूम-घूमकर अपने बंदर के तमाशे दिखाता और उससे जो आमदनी होती, उससे अपने और बंदर के खाने के लिए कुछ रूखा-सूखा खरीदकर पेट भर लेता। एक दिन उसका बंदर एक चिड़ियाघर के सामने से गुजर रहा था कि उसने देखा- कुछ बच्चे पिंजरे में बंद एक बंदर को केले […]
