एक दिन सुबह – सुबह की बात है, एक संत अपनी कुटिया के बाहर टहल रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक तरूण नदी में डूब रहा है। वह नदी में कूदकर उसे बाहर निकाल लाए। थोड़ी देर बाद जब उसे होश आया तो उसने अपनी जान बचाने के लिए संत को धन्यवाद दिया और […]
Author Archives: डॉ. राजेन्द्र पटोरिया
दार्शनिक सुकरात – अनमोल प्रेरक प्रसंग
महान दार्शनिक सुकरात बदसूरत अवश्य थे, लेकिन दर्पण के आगे घंटों बैठकर अपनी कुरूपता को निहारा करते थे। एक दिन जब वह दर्पण के आगे बैठे थे, तभी उनका एक शिष्य आया और उन्हें दर्पण में निहारते देख मुस्कुराने लगा। उसको मुस्कुराते देख सुकरात ने कहा, “मैं जानता हूँ तुम क्यों मुस्कुराए थे। दरअसल, मैं […]
संत की महानता – अनमोल प्रेरक प्रसंग
संत अलवार की झोपड़ी में उसके सोनेभर की ही जगह थी। बारिश हो रही थी। किसी ने दरवाजे को खटखटाते हुए पूछा, “क्या अंदर जगह है?” उसने जवाब दिया, ‘हाँ, यहाँ पर एक सो सकता है पर दो बैठ सकते हैं। अंदर आ जाइए।” उसने उस भाई को अंदर ले लिया और दोनों बैठे रहे। […]
प्रायश्चित – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
जिस समय गौतम बुद्ध मत का प्रचार कर रहे थे, उसी समय एक अत्यंत भयंकर डाकू अंगुलिमाल जंगल में भटके हुए लोगों को लूटता- ही नहीं अपितु उनकी हत्या करके उनकी अंगुलियों को काटकर उनकी माला बनाकर पहन लेता था। वह जिस जंगल में रहता था, उसी से होकर बुद्ध भी जाते थे। एक दिन […]
संतुष्टि सबसे बड़ा धन – अनमोल प्रेरक प्रसंग
प्रख्यात हिंदी कवि कुंभनदास अपने संतोष के कारण भी प्रसिद्ध थे। राजा मान सिंह ने इनके संतोष के बारे में सुना तो वे उन्हें परखने भेष बदलकर पहुँचे। उस समय कुंभनदास तिलक लगाने के लिए आईना खोज रहे थे, उन्होंने अपनी पुत्री से आईने के बारे में पूछा वह बोली, “आईना तो कल बिल्ली ने […]
चालाक कंजूस – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक बार एक कंजूस ने शहर के प्रसिद्ध चित्रकार को अपना चित्र बनाने के लिए कहा। निश्चित समय पर वह चित्र लेने पहुँचा। चित्रकार ने चित्र उसके हवाले किया। चित्र वाकई बहुत बढ़िया बना था, लेकिन उसका पैसा देने से बचने के लिए कंजूस ने चित्र को अपने कुत्ते की ओर बढ़ा दिया। कुत्ते ने […]
हर काम का एक वक्त होता है – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक बार एक अमीर व्यवसायी एक गुरु के पास पहुँचा और उसे बताया कि वह काम को लेकर बहुत परेशान रहता है और ठीक से सो भी नहीं पाता। उसने बताया कि मैं हर रात अपना ब्रीफकेस खोलकर देखता हूँ और उसमें ढेर सारा काम बचा हुआ दखिता है। गुरु ने पूछा कि तुम उसे […]
जीवन चरित्र आचरण में होना चाहिए – अनमोल प्रेरक प्रसंग
स्वामी दयानंद सरस्वती के भक्तों की संख्या असंख्य थी। वह जहां भी जाते, प्रभावित होकर अनेक लोग उनके शिष्य बन जाते। उनके शिष्य उनके लिए कुछ न कुछ करना चाहते थे। इससे उन्हें संतोष होता था। उनके निकट शिष्यों में एक थे पंजाब के पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी। पंडित विद्यार्थी काफी लंबे समय तक स्वामी दयानंद […]
सही मायने में सहायता – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
किसी राज्य में एक बहुत ख्यातिप्राप्त चित्रकार भी था। कोई भी चित्र- बनाने से पहले वह चित्र बनवानेवाले से पूरी अग्रिम राशि ले लेता था। वह चित्र बनाने के लिए बहुत अधिक मूल्य लेता था। उससे जलने वालों ने उसकी शिकायत राजा तक पहुँचा दी। राजा ने उसकी परीक्षा लेने के लिए एक गणिका को […]
बेईमानी बुरी बला – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक गाँव में एक बेईमान सौदागर रहता था। कम सामान तौलकर अधिक पैसे लेना उसकी आदतों में शुमार था। जब वह बूढ़ा होने लगा तो उसने सोचा कि क्यों न मैं अपने इस गुण को अपने बेटे को सिखा दूं। एक दिन उसने अपने बेटे को बुलाया और व्यापार की सारी बारीकियों को बता दिया। […]
