How To Stop Breastfeeding: शिशु के जीवन के पहले 2 साल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन दो सालों में वो स्तनपान करता है। पहले 6 महीने तक तो माँ का दूध ही उसका सम्पूर्ण आहार होता है और उसके बाद दो साल तक आहार और माँ का दूध दोनों ही लेता है। इसके साथ […]
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इस 8 हेल्थ प्रॉब्लम में फंस गई है मां, तो गलती से भी ना करवाएं स्तनपान: Breastfeeding
Breastfeeding: स्तनपान कराने से ना सिर्फ शिशु बल्कि मां को भी कई तरह के फायदे मिलते हैं। जन्म के बाद शुरुआती 6 महीने तक बच्चे को स्तनपान करवाना बेहद जरूरी हैं। शायद इसलिए डॉक्टर्स शुरुआती 6 महीने में स्तनपान को जरूरी मानते हैं। हालांकि, हर मां अपने बच्चे को दूध नहीं पिला सकती है, क्योंकि […]
मां बनने की प्लानिंग करते समय बचे इन 7 मेकओवर से
क्या आप अपने रूप-सौदर्य में कृत्रिम सौंदर्य से बदलाव या मेकओवर का मन बना चुकी हैं या फिर अपनी त्वचा को अधिक चमकदार बनाना चाहती हैं अथवा लेजर आई सर्जरी पर विचार कर रही है तो सावधान प्रेगनेंसी के दौरान ये सब आपको बिल्कुल नहीं करवाना चाहिए.
स्तनपान को गर्भ निरोधक समझने की गलती न करें
प्रेगनेंसी और एक बच्चे को जन्म देने के बाद कोई भी महीला शारीरिक रूप से इतना थक जाती है कि शरीर नॉर्मल होते ही वो अपनी पुरानी लाइफस्टाइल एंजॉय करना चाहती हैं। उन्हें फिट महसूस होता है तो सेक्स की इच्छा भी होना शुरू हो जाती है, लेकिन बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें ये […]
गर्भावस्था के समय ब्रेस्ट में होने वाले सभी बदलाव सामान्य हैं
आपको ब्रेस्ट के आकार के अलावा और भी कई बदलाव दिखाई देंगे। निप्पल के आस-पास का भूरा हिस्सा फैलेगा व रंग भी काफी गहरा जाएगा। इसके ऊपर छोटे-छोटे से उभार दिखाई देंगे। ये ग्रंथियां हैं, जो गर्भावस्था में और भी साफ दिखाई देंगी, बाद में सामान्य हो जाएंगी।
बच्चे को दूध पिलाने संबंधी 21 टिप्स
अपने नवजात शिशु के लिए नई मां क्या कुछ नहीं करती, फिर भी हमेशा उसे शक रहता है कि वह जो कर रही है, क्या वह सही है। कहीं उसकी किसी गलती का असर बच्चे पर न हो जाए। ऐसे में बच्चे को दूध पिलाने संबंधी अनेक बातें ऐसी हैं, जिनके बारे में नई मां […]
स्तनपान के दौरान अपनी देखभाल के 5 टिप्स
स्तनपान के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याएं आती हैं। जैसे स्तन में कड़ापन या दर्द या निप्पल में क्रैक्स या उनसे खून आना। कई बार स्तन में लाल चकत्ते आ जाते हैं। महिलाओं को फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। अगर ऐसी समस्याएं बार-बार आएं तो अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। अगर बुखार 100 डिग्री से ज्यादा रहता है तो डॉक्टरी सलाह बहुत जरूरी है।
