स्तनपान करानेवाली महिलाओं को अपना ध्यान रखना चाहिए। डॉ. रीनू जैन कहती हैं, ‘स्तनपान की तैयारी तो तभी से करनी चाहिए जब बच्चे का जन्म न हुआ हो।
गर्भावस्था के अंतिम छह हफ्ते पहले से स्तनों की मालिश करनी चाहिए। अगर निप्पल उठे हुए हों तो ब्रेस्ट शेल्स पहनने चाहिए। ये केमिस्ट की दुकानों में मिल जाते हैं।
- अपने शरीर को साफ रखना चाहिए। जिस शरीर से शिशु को अमृत धारा मिलती हो, उसके स्वस्थ रहने के साथ-साथ स्वच्छ रखना भी जरूरी है। इसलिए रोजाना नहाना चाहिए। चाहे सर्दी हो अथवा गर्मी।
- स्तनपान के बाद स्तनों को पानी से साफ करना चाहिए ताकि बच्चे की लार न लगी रहे। फिर निप्पल पर अपने स्तन से निकलने वाला दूध या फिर निप्पल क्रीम लगानी चाहिए और फिर उसे सूखने देना चाहिए।
- निप्पल पर साबुन या लोशन नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे उनमें सूखापन और क्रैक आ सकता है।
- बच्चे को दूध पिलानेवाली महिलाओं को सूती कपड़े से बनी ब्रा पहननी चाहिए। वह भी बहुत अधिक कसी हुई नहीं और बहुत ढीली भी नहीं। सूती कपड़े से बनी ब्रा में नमी नहीं रहती और त्वचा पर किसी प्रकार की एलर्जी नहीं होती।
- स्तनपान करानेवाली महिलाओं के नाइट गाउन और नॄसग पैड भी सूती होने चाहिए। नर्सिंग पैड्स समय-समय पर बदलने चाहिए क्योंकि गीले नॄसग पैड संक्रामक हो सकते हैं।
