क्या है इस मंदिर का रहस्य? महिलाओं का प्रवेश है वर्जित, प्रसाद में चढ़ाया जाता है नमक: Kali Bagh Mandir Story
Kali Bagh Mandir Story

Unique Temple: भारत देश में एक नहीं बल्कि अनेक मंदिर मौजूद है। हर मंदिर की अपनी अलग मान्यताएं और प्रथाएं हैं। कुछ मंदिर की मान्यताएं इतनी ज्यादा रहस्य भरी होती है कि हर कोई दंग रह जाता है। भारत, आस्था और मंदिरों का देश है। यहां हर कदम पर कोई न कोई मंदिर दिख जाता है। हर मंदिर का अपना इतिहास और मान्यता होती है। लेकिन क्या आप बिहार के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानते हैं जहां भगवान बंद कमरे में रहते हैं और महिला भक्तों का भगवान की प्रतिमा के सामने जाना वर्जित है?

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काली बाग मंदिर

यह रहस्यमयी मंदिर बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित ‘काली बाग’ मंदिर है। मान्यता है कि भगवान शिव यहां पंचमुखी शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। मंदिर की विशेषता यह है कि भगवान साल के अधिकांश समय बंद कमरे में रहते हैं। केवल नवरात्रि के दौरान भगवान के दर्शन होते हैं। इस दौरान भी महिला भक्तों को भगवान की प्रतिमा के सामने जाने की अनुमति नहीं होती है।

5 भागों में विभाजित हैं ये मंदिर

बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित काली बाग मंदिर, 1617 में राजा गज सिंह द्वारा स्थापित, 56 कोटि देवताओं का निवास स्थान है। 13 एकड़ में फैला यह भव्य मंदिर पांच भागों में विभाजित है। मंदिर का प्रथम भाग मां काली को समर्पित है, जो दक्षिण दिशा की ओर मुख्य प्रतिमा के रूप में विराजमान हैं। मंदिर के कार्यकर्ता बिहारी लाल साहू के अनुसार, यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जहाँ मां काली के साथ 11 भैरव भी विराजमान हैं। इस मंदिर की एक अनोखी विशेषता यह भी है कि यहां नमक का प्रसाद चढ़ाया जाता है। मां काली के दर्शनों के लिए देशभर से भक्त आते हैं। काली बाग मंदिर, धार्मिक आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यदि आप आध्यात्मिक आनंद और शांति की तलाश में हैं, तो काली बाग मंदिर आपकी यात्रा का अगला गंतव्य हो सकता है।

काली बाग मंदिर का दूसरा भाग मां तारा और महाकाली को समर्पित है। यहां 64 योगिनी के साथ मां तारा की उग्र प्रतिमा विराजमान है। तीसरे भाग में भगवान विष्णु के दशावतारों की प्रतिमाएं हैं। पंच गंगा और 56 कलाओं से सुशोभित विनायक गणेश भी यहां विराजमान हैं। चौथे भाग में 11 रुद्र और तिल भंडेश्वर महादेव विराजमान हैं। अंतिम और पांचवें भाग में बारह कलाओं से सुशोभित भगवान सूर्य की नव ग्रहों के साथ प्रतिमाएं विराजमान हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि कला और वास्तुशिल्प का भी अद्भुत नमूना है। यहां की प्रतिमाएं विभिन्न कलाओं से सज्जित हैं, जो शिल्पियों की कलाकारी और कल्पनाशक्ति का प्रमाण हैं।

बंद कमरे में रहते हैं भगवान

नवग्रह मंदिर में भगवान श्याम कार्तिकेय बंद कमरे में विराजमान हैं। मंदिर के पुजारी विवेकानंद के अनुसार, शादीशुदा महिलाओं का इस कमरे में प्रवेश पूर्णतः वर्जित है। मान्यता है कि यदि शादीशुदा महिलाएं अकेले जाकर भगवान कार्तिकेय की पूजा करती हैं, तो उनका सुहाग उजड़ जाएगा। यह विश्वास किस आधार पर है, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। संभवतः यह कौम या समाज की प्राचीन मान्यताओं से जुड़ा हो। मंदिर के दक्षिण दिशा में स्थित यह कमरा रहस्य से भरा हुआ है। कई श्रद्धालु इस रहस्य को जानने के इच्छुक हैं, लेकिन मंदिर के नियमों का पालन करते हुए वे भगवान के दर्शन करते हैं। नवग्रह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि कई रहस्यों का भी अड्डा है। यदि आप अध्यात्म और रहस्यों में रुचि रखते हैं, तो नवग्रह मंदिर आपकी यात्रा का अगला पड़ाव हो सकता है।

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