बसंत पंचमी पर खुलता है शाह जी मंदिर का बसंती कमरा, जाने रहस्य: ShahJi Temple Vrindavan
ShahJi Temple Vrindavan

ShahJi Temple Vrindavan : भारत चमत्कारों और विभिन्न आलौकिक मान्यताओं का देश है। भारत की भूमि पर स्वयं नारायण ने कई अवतार लिए, जिनमें से श्री कृष्ण का लीलावतर अत्यंत मनमोहक है। वैसे तो संपूर्ण भारत में ही भगवान श्री कृष्ण के परमावतार से जुड़े कई ऐसे स्थल और मंदिर हैं जो अत्यंत चमत्कारी हैं, लेकिन वृंदावन का ये चमत्कारी मंदिर बेहद खास है। भगवान के निज धाम वृंदावन में स्थित शाह जी का मंदिर इतना खास क्यों है, जानने के लिए अंत तक पढ़िएगा। इस लेख में आप विशेष रूप से उस बसंती कमरे के रहस्य के विषय में जानेंगे जो साल में केवल दो बार खुलता है।

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वृंदावन के शाह जी मंदिर की अनोखी बसंत पंचमी

चमत्कारी है मंदिर का वास्तु

1835 ईस्वी में भगवान कृष्ण के परम उपासक कुंदनलाल शाह द्वारा बनवाया गया यह मंदिर अपने आप में बेहद खास है। सफेद संगमरमर से बनाए गए इस बेहद खास और सुंदर मंदिर को वास्तुकला का अद्भुत नमूना माना जाता है। अपने आप में विशिष्ट प्रकार का यह मंदिर बेहद सुंदर है। इस मंदिर की एक खास विशेषता यह है कि इस मंदिर में बने स्तंभ सर्पाकार के हैं। ये टेढ़े खंबे एक ही शिला से बनाए गए हैं। पत्थर में जड़ाऊ काम के जादू को भी आप इस मंदिर में अनुभव कर सकते हैं।

क्या है बसंती कमरा

बसंत पंचमी पर खुलने वाला यह खास कमरा एक चमत्कारी कक्ष है जो साल में केवल दो बार ही खुलता है। इस कक्ष की सुंदरता यहां पर रखे सुंदर झाड़-फनूस और स्वर्णमयी दीवारों से है। गोल छत पर की गई शानदार पच्चीकारी वाला यह कक्ष अलग अलग रंग के शीशों से सजा हुआ है। नवाबी झलक वाला ये कमरा बसंत पंचमी पर पीले रंग से सजाकर तैयार हो जाता है।

कब कब खुलता है बसंती कमरा

वृंदावन में टेढ़े खंबो वाले मंदिर के नाम से प्रसिद्ध शाह जी मंदिर, भगवान श्री कृष्ण को समर्पित एक मंदिर है जो साल में केवल दो बार खुलता है। एक बार बसंत पंचमी पर और दूसरी बार श्रावण मास की त्रयोदशी को। बसंत पंचमी पर इस कक्ष को विशेष रूप से पीले फूलों से सजाया जाता है।

क्या है बसंत पंचमी पर विशेष

बसंत पंचमी, वृंदावन में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। दरअसल भगवान कृष्ण के भक्त इस दिन से होली की शुरुआत करते हैं और पहली बार ठाकुर जी को गुलाल लगाया जाता है। साथ ही भगवान को फूलों का श्रृंगार भी इसी दिन से धारण कराया जाना शुरू किया जाता है। शाह जी मंदिर में वसंत पंचमी उत्सव को खास बनाने के लिए, राधारामनलाल जी के विग्रह को एक दिन के लिए इस कक्ष में लाया जाता है। भगवान के ये दिव्य दर्शन अलौकिक हैं, इसलिए भक्तों का तांता लग जाता है।