Vrindavan Dham Darshan Plan: वृंदावन धाम की महिमा से आखिर कौन परिचित नहीं है, यह कोई तीर्थ नहीं अपितु भगवान श्री कृष्ण और राधारानी का निज निवास, उनका घर ही माना जाता है। आजकल के इस रील्स के जमाने ने तो वृन्दावन को और अधिक फेमस कर दिया है, जिसके चलते वहां भीड़-भाड़ भी अब पहले से काफी ज्यादा बढ़ गयी है। उसमें भी बात अगर जन्माष्टमी की हो फिर तो भीड़ का कहना ही क्या! लेकिन आपकी इस प्रॉब्लम को दूर करते हुए हम आपको बताने जा रहे हैं, एक ऐसा प्लान जिससे आपको दर्शन करने में होगी बेहद ही आसानी। तो चलिए शुरु करते हैं कृष्ण जन्माष्टमी स्पेशल वृंदावन धाम की यह ट्रिप,
यह भी देखे-रहस्यमयी है जर्मनी का डेविल ब्रिज: Devil Bridge
इस कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को वृंदावन धाम में धूमधाम से मनाने के लिए फॉलो करें यह आसान प्लान : Vrindavan Dham DarshanPlan
मथुरा जंक्शन से वृंदावन
वृंदावन का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है, यहां से वृन्दावन की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है। जंक्शन से बाहर आते ही आपको बहुत से रिक्शे और ऑटो वाले मिल जाएंगे जो आपको मात्र 20-30 रुपये में वृन्दावन के अटल्ला चुंगी नामक स्थान पर पहुँचा देंगे। इसके अलावा मथुरा बस स्टेशन से बहुत सी सरकारी ए.सी. बसें भी चलती हैं जो आपको कम्फर्टेबली वृन्दावन पहुँचा देंगी।
श्री बांके बिहारी मंदिर
अटल्ला चुंगी पर उतरने के बाद आपको वहाँ से एक दूसरा रिक्शा लेना होगा जो आपको विद्यापीठ चौराहे पर पहुँचा देगा। इसे बिहारी जी वाला चौराहा भी कहते हैं क्योंकि विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी लाल जी का मंदिर यहीं है। बिहारी जी का यह विग्रह स्वयं प्रकट हुआ था। मंदिर खुलने का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक होता है अथवा शाम में 5 बजे से 9 बजे तक होता है। आप सबसे पहले बिहारी जी के दर्शन करें और उन्हे उनके पसंदीदा पेड़ों का भोग लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। यहां आपको अपने पर्स, चश्मे, मोबाइल आदि सामान बंदरों से बचाकर रखना पड़ेगा।
राधावल्लभ मंदिर
बिहारी जी के मंदिर से लगभग 150 मीटर की दूरी पर राधावल्लभ लाल का मंदिर स्थित है, जिनका विग्रह स्वयं भगवान शिव और माता पार्वती ने हरिवंश महाप्रभु को सेवा करने के लिए दिया था। यहां कहा जाता है कि “राधा वल्लभ, दर्शन दुर्लभ”, यहां आपको एक ही विग्रह में बायीं ओर राधारानी और दायीं ओर श्री कृष्ण हैं।
राधारमण मंदिर
राधारमण मंदिर आने के लिए आपको वल्लभ जी के मंदिर से रिक्शा करना पड़ेगा। राधारमण जी के दर्शन करके आप उनके दीवाने हो जाएंगे, एक बित्ते भर का यह मनोहर विग्रह गोपालभट्ट गोस्वामी जी के भाव से एक ही रात में शालीग्राम शिला से मूर्ति में बदल गया। यह ब्रज के सबसे लाडले प्यारे ठाकुर हैं।
केशी घाट पर बोटिंग
इसके बाद आप सीधे केशी घाट पर जाएं और वहां जाकर यमुना जी का दर्शन, आचमन और पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। यहां बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां आप ढेरों फोटोज ले सकते हैं जो हमेशा आपको यहां की याद दिलाते रहेंगे।
अन्य दर्शनीय स्थल
इसकॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, निधिवन, सेवा कुंज, गोपेश्वर महादेव, प्रियाकांत जू मंदिर, कालिया घाट, वैष्णों देवी मंदिर आदि कुछ मुख्य दर्शनीय स्थल हैं।
बजट फ्रेंडली स्टे एंड मील्स
वैसे तो वृन्दावन में स्टे करने के लिए अनेकों अनेक होटल्स, ओयो रूम्स, गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। जिनका एक दिन का किराया लगभग 1 हजार प्रतिदिन से 3 हजार प्रतिदिन तक रहता है, लेकिन यहां ठहरने के लिए कुछ बजट फ्रेंडली ऑप्शंस भी उपलब्ध हैं जैसे सरकार द्वारा संचालित टूरिस्ट फैसीलिटेशन सेंटर जहाँ एक व्यक्ति का एक रात का स्टे मात्र 150 रुपये और एक समय का भोजन मात्र 50 रुपये में उपलब्ध है।