बच्‍चे को होती है टेस्‍ट और स्‍मैल करने में परेशानी, कहीं ये सेंसरी सीकिंग के लक्षण तो नहीं: Sensory Seeking Child
Child has trouble tasting and smelling Credit: Istock

Sensory Seeking Child: हर बच्‍चे का विकास एक-दूसरे से भिन्‍न होता है। कोई चीजों को असानी से अपना लेता है तो कोई धीरे-धीरे चीजों को सीखता और समझता है। कुछ बच्‍चे खेलकूद के प्रति आकर्षित होते हैं तो किसी को म्‍यूजिक सुनना अधिक भाता है। जरूरी नहीं कि हर बच्‍चा सभी  चीजों को अपनाए और पसंद करे। बच्‍चे की इस समस्‍या को सेंसरी सीकिंग कहते हैं। ये एक न्‍यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें ब्रेन को सेंस तक इंफॉर्मेशन पहुंचाने में तकलीफ होती है। बच्‍चा इस स्थिति में अधिक संवेदनशील हो जाता है और चीजों को लेकर प्रतिक्रिया नहीं कर पाता। वह लाइट, साउंड, टेस्‍ट, टच और स्‍मैल का अनुभव कम करता है। हालांकि ये एक सामान्‍य समस्‍या है जो उम्र के साथ अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में इसका उपचार कराना आवश्‍यक हो जाता है। सेंसरी सीकिंग समस्‍या क्‍या है और इससे कैसे निपटा जा सकता है चलिए जानते हैं इसके बारे में।

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सेंसरी सीकिंग डिस्‍ऑर्डर के कारण

Sensory Seeking Child-सेंसरी सीकिंग डिस्‍ऑर्डर का इलाज जरूरी
Causes of Sensory Seeking Disorder

दिमाग में चोट

जब बच्‍चे चलना सीखते हैं तो वह कई बार गिरते हैं। जाहिर सी बात है उन्‍हें चोट भी लगती होगी। कई बार गिरने से दिमाग में चोट लग जाती है, जिसके कारण सेंसरी सीकिंग डिस्‍ऑर्डर की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है।

खून की कमी

कई बच्‍चों में जन्‍म से ही खून की कमी देखी जाती है। जब शरीर में खून की कमी होती है तो ब्‍लड फ्लो में भी कमी आ सकती है। जिसके कारण ब्‍लड ब्रेन में प्रॉपर तरीके से नहीं पहुंच पाता। ब्रेन में ब्‍लड की कमी होने से ब्रेन फंक्‍शन गड़बड़ा सकता है।

नींद की कमी

बच्‍चों में नींद की कमी भी इस समस्‍या को बढ़ावा दे सकता है। बच्‍चों का सब्कॉन्‍सियस माइंड जब पूरी तरह से थका हुआ होता है तो बच्‍चा चीजों को पहचानने और सीखने में गलती कर बैठता है। जिस वजह से ये समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है।

बुखार

दिमागी बुखार के चलते भी बच्‍चों में सेंसरी सीकिंग की समस्‍या देखी जा सकती है। हालांकि कुछ समय बाद ये समस्‍या ठीक हो जाती है लेकिन कुछ समय अंर्तराल के लिए बच्‍चा सुन्‍न और असहाय महसूस कर सकता है।

सेंसरी सीकिंग डिस्‍ऑर्डर के लक्षण

– बच्‍चे को झटके लग सकते हैं

– सांस लेने में दिक्‍कत महसूस हो सकती है

– दिन या रात में डरावने सपने देखना

– किसी घटना को देख डर जाना

– लोगों से बात न करना

– लोगों के पास न जाना

– हाथ-पैरों में अकड़न

– चीजों को न पहचानना

– लार गिराना

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सेंसरी सीकिंग डिस्‍ऑर्डर का इलाज

सेंसरी सीकिंग डिस्‍ऑर्डर का इलाज जरूरी
Treatment of Sensory Seeking Disorder

फिजियो थैरेपी

बच्‍चे की मानसिक स्थिति को सुधारने के लिए फिजियो थैरेपी का सहारा लिया जा सकता है। ये एक न्‍यूरोलॉजिकल प्रॉब्‍लम है जिसमें मांसपेशियों की एक्‍सरसाइज फायदेमंद हो सकती है।

सर्जरी

कुछ मामलों में चिकित्‍सक सर्जरी करने की सलाह भी दे सकते हैं। बचपन में लगी सिर पर चोट सेंसरी सीकिंग डिस्‍ऑर्डर का कारण बन सकती है। जिसे सर्जरी द्वारा ठीक किया जा सकता है।

हेल्‍दी डाइट

सेंसरी सीकिंग डिस्‍ऑर्डर होने पर बच्‍चे को कम वसा और कार्बोहाइड्रेट वाला आहार देना चाहिए। इससे मानसिक समस्‍याओं के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

स्‍पेशल क्‍लास

बच्‍चे के सामाजिक और मानसिक विकास के लिए उन्‍हें स्‍पेशल स्‍कूल या क्‍लास में डाला जा सकता है। क्‍लास में बच्‍चों को प्रेक्‍टिकली दिखाया और समझाया जाता है, जिससे बच्‍चे अपने सेंसेस डेवलप कर सकते हैं।