Attention Seeking Child: काम और व्यस्तता के चलते आजकल माता-पिता बच्चों को पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण समय नहीं दे पाते। जिसके परिणामस्वरूप बच्चा अलग-थलग महसूस करता है और पेरेंट्स का अटेंशन पाने के लिए टेंटरम करने लगता है। समय के साथ बच्चे का ये व्यवहार आदत में तब्दील हो जाता है और बच्चा अटेंशन सीकर बन जाता है। ऐसे बच्चे अपनी बात मनवाने और पेरेंट्स का ध्यान आकर्षित करने के लिए गलत कदम भी उठा सकते हैं। ऐसे बच्चे कई बार पेरेंट्स के साथ बदतमीजी भी कर जाते हैं। यदि आपका बच्चा भी अटेंशन सीकर है तो उसकी इस आदत पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है। अटेंशन सीकर बच्चे को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
बच्चे पर दें सकारात्मक ध्यान

बच्चे पेरेंट्स का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा काम या जिद्द करते हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए। इसलिए पेरेंट्स बच्चे की इस आदत को कंट्रोल करने के लिए उनपर सकारात्मक ध्यान दें। यदि बच्चा अकेले टीवी देखता है या खेलता है तो उसके साथ बैठकर टीवी देखें या बात करें। उसकी प्रतिभा और प्रयास की प्रशंसा करें।
अटेंशन को करें इग्नोर
यदि आप बच्चे की हर हरकत पर रिएक्ट करेंगे और उसकी बात मानेंगे तो बच्चा जिद्दी और बदतमीज बन सकता है। इसलिए यदि बच्चा चिल्ला रहा है या शोर मचा रहा है तो उसे इग्नोर करें। साथ ही बताएं कि उसका ये व्यवहार कितना गलत है। बच्चा जब शांत होगा तब उसकी बात सुनें और उसके साथ समय बिताएं।
नियमों की बनाएं सूची
बच्चे को डिसिप्लेन में रखने के लिए घर में नियमों की एक सूची तैयार करें। जिसमें नियम का उल्लंघन करने का परिणाम भी बताएं। जैसे ज्यादा चिल्लाने और गुस्सा करने पर टीवी बंद किया जा सकता है या गंदगी करने पर कोई भी नया खिलौना नहीं दिया जाएगा। ऐसे नियम बच्चे के व्यवहार में बदलाव ला सकते हैं। बशर्ते आप इसे स्ट्रीकली फॉलो करते हैं तो।
चुप्पी को बनाएं हथियार
कई बार शांत रहना जरूरी है। बच्चा यदि अपनी मनमानी करता है, गुस्सा करता या आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए चिल्लाता है तो उसकी इस हरकत को इग्नोर करें और शांत हो जाएं। बच्चे को पेरेंट्स का शांत होना पसंद नहीं आएगा और वह अपने आप ही ऐसी प्रतिक्रियाएं देना बंद कर देगा।
अपना काम करने दें

कई बार बच्चे माता-पिता की अटेंशन पाने के लिए अपने छोटे-मोटे कामों को इंग्नोर करता है ताकि पेरेंट्स उसके काम करें और समय बिताएं। हालांकि इस प्रतिक्रिया के पीछे बच्चे की भावना गलत नहीं होती लेकिन बच्चा इसे आदत बना सकता है। जो उसके भविष्य को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए बच्चे को उसके छोटे-मोटे काम खुद करने दें। आप सपोर्ट करें लेकिन दूर से।
अटेंशन सीकिंग बच्चे के लक्षण
– पेरेंट्स का ध्यान आकर्षित करने के लिए बीमारी का बहाना बनाना
– घर और सार्वजनिक स्थलों पर नाटक करना या गुस्सा दिखाना।
– खुद को स्मार्ट दिखाने की कोशिश करना।
– समस्याओं को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करना।
– खुद को व्यस्त दिखाने की कोशिश करना।
– पेरेंट्स की बातों को नजरअंदाज करना।
– बेवजह चिल्लाना या गुस्सा करना।
