Teenage Crush : कहते हैं जिंदगी में एक सच्चा और आपको समझने वाला पार्टनर मिल जाए, तो जिंदगी हसीन हो जाती है। एक सच्चा साथी आपका पार्टनर या आपका क्रश भी हो सकता है, लेकिन क्रश अगर टीनएज में ही हो जाए, तो ये आपके लिए थोड़ा परेशानी भरा भी हो सकता है। Teenage उम्र का एक ऐसा पड़ाव है, जब युवा खुद में इमोशनली, फिजिकली और मेंटली कई तरह के बदलाव महसूस करते हैं।
ये उम्र का वो पड़ाव है, जहां अकसर हमें पहली बार अपने साथियों में से किसी खास शख्स पर क्रश आ जाता है। यह एक आम बात है, लेकिन इस उम्र में टीएजर्स को खुद पर काफी नियंत्रण रखने की जरूरत होती है क्योंकि यही वो वक्त होता है, जब व्यक्ति अपने फ्यूचर के लिए खुद को तैयार करता है।
इस उम्र में अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना और करियर पर विचार करना टीनएजर्स की प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसे में अगर आप एक टीनएजर के पेरेंट्स हैं और आप अपने बच्चे को उसके क्रश से दूर रखना चाहते हैं, तो आप इसके लिए कई तरीके अपनाने होंगे। इन तरीकों से आप अपने बच्चे को इस स्थिति से दूर कर सकते हैं।
बच्चे को उसके क्रश से रखें दूर

यदि आपके बच्चे को अपने टीनएज का पहला क्रश हुआ है और आप इससे अपने बच्चे को बचाना चाहते हैं, तो ऐसे में आपको उस शख्स से जितना हो सके उतना अपने टीनएजर को दूर रखना चाहिए। जिस शख्स से उसे प्यार है उसे बार-बार देखने से वह खुद पर नियंत्रण नहीं कर पाएगा। उसके मन में उसके लिए भावना बढ़ सकती हैं। ऐसे में अपने बच्चे का उसके क्रश से मिलना जुलना कम रखें। उससे दूरी बनाए रखें।
सोशल मीडिया पर ना करने दें बातचीत

जिस व्यक्ति पर बच्चे को क्रश है, उससे अधिक समय तक सोशल मीडिया या किसी भी जरिए से अधिक बातचीत ना करने दें। ज्यादा बातचीत उनके बीच नजदीकियां बढ़ा सकती हैं। ऐसी स्थिति से अपने टीनएजर को बचाएं।
ध्यान कहीं और लगाने की करें कोशिश
जब भी आपके बच्चे के मन में क्रश के ख्याल आएं, तो ऐसी स्थिति में आप उसे कहीं और बिजी रखें। अपने टीनएजर को अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए प्रेरित करें। इससे उसका ध्यान क्रश से हटेगा।
अपने टीनएजर से करें प्यार से बात

मातापिता का अपने टीनएजर्स के साथ अच्छा बॉन्ड बनाए रखना जरूरी होता है। अगर आपको लगता है आपका बच्चा गलत उम्र में गलत राह पर जा रहा है, तो उसे प्यार से समझाएं। उसकी काउंसलिंग करें। उसे इस उम्र के महत्व के बारे में बताएं।
अपने टीनएजर पर रखें नजर
इस सिट्यूएशन मे पेरेंट्स को अपने बच्चे पर खास नजर रखनी चाहिए। पेरेंट्स को देखना चाहिए उनका बच्चा दिन भर अपना समय कहां दे रहा है। ऐसे में पेरेंट्स को सख्त रवैया भी अपनाना चाहिए। ताकि बच्चा पढ़ाई पर और करियर पर ध्यान केंद्रित कर सके।
