Saas-Bhau Relation: सास बहू की नोंक झोंक तो हर घर का किस्सा है। कहीं ये नोंक झोंक खट्टी मीठी होती है तो कभी मेलोड्रामे से भरपूर। पहले के समय में जहां सास अपने ओहदे को लेकर इतराती नहीं थकती थीं, तो वहीं बहू भी सास से दो कदम आगे निकलने की होड़ में रहती थीं। यही वजह भी झगड़े का कारण बनती थी। कोई भी ये नहीं सोच सकता कि Saas-Bahu के रिश्ते में लड़ाई ना हो। क्योंकि बहू के नजरिये में सास की और सास के नजरिये में बहू की इमेज कभी भी नहीं बदल सकती। लेकिन अब जमाना नया हो चला है। नये जमाने में सास बहू दोनों के ही बीच की बॉन्डिंग लाजवाब होने लगी है। सास बहू के बीच की बॉन्डिंग नये आयाम गढ़ने लगी है।
ज्यादा उम्मीदें रखने से होते हैं झगड़े
कहते हैं ज्यादा उम्मीदें रखने से दिल दुखता है। खुद को खुश रखने का सबसे बढ़िया तरीका यही है कि, आप ना अपनी सास और ना अपनी बहू से ज्यादा उम्मीदें रखें। सास बहू के रिश्ते में ये बात सबसे ज्यादा अहम होती है। इससे मनमुटाव भी बढ़ता है। आप घर के कामों को आपस में बांटकर मिलजुल कर करें। ऐसा करने से परेशानी भी नहीं होगी और आपके रिश्ते में मिठास भी बढ़ेगी। तो यही आजकल की नई परिभाषा है। कोई किसी से उम्मीद ही नहीं करता।
इस रिश्ते में सम्मान है जरूरी
रिश्ता कोई भी हो, एक दूसरे का सम्मान उस रिश्ते में सबसे अहम होता है। आपकी सास आपसे ना सिर्फ उम्र में बड़ी हैं बल्कि अनुभव में भी बड़ी हैं। अगर आपके रिश्ते में सम्मान नहीं है तो रिश्तों में मिठास कभी नहीं आएगी। अगर आप उनके प्रति सम्मान की भावना रखेंगी तो आपके मन में उनके लिए कभी भी गलत ख्याल नहीं आएगा और ना ही आपके मुंह से कुछ भी गलत निकलेगा।
दोस्त की तरह बातें करें साझा
कहते हैं सास बहू का रिश्ता काफी सेंसटिव होता है। इस बदलते दौर में रिश्ते में बदलाव भी जरूरी है। आप एक दूसरे की दोस्त बनिये। ताकि अपने दिल की बात एक दूसरे से साझा कर सकें। इससे रिश्ता खुद-ब-खुद खुबसूरत हो जाएगा। ऐसा करने से आपको किसी भी परेशानी का सामना अकेले नहीं करना पड़ेगा।
ना पनपे गलतफहमी
कहते हैं आधी अधूरी बात हमेशा लड़ाई झगड़े का कारण बनती है। बिना पूरी बात सुने तुरंत रिएक्ट ना करें। अगर आपको, आपकी बहू या सास की कोई बात पता चलती है, तो उनसे खुलकर बात करें। किसी भी तरह की गलतफहमी को अपने रिश्ते में बिलकुल भी जगह ना दें।
सास को समझें अपनी मां
काफी बहुएं होती हैं, जो अपनी सास को मां नहीं मान पातीं। लेकिन अब समय बदल रहा है। आप भी खुद को इस समय के साथ ढालें और अपनी सास को मां का दर्जा दीजिये। आप खुद को खुशनसीब समझेंगी कि, आपको दो दो मांओं का प्यार नसीब हो रहा है। अगर आप ऐसा करने लगीं तो आपकी सासू मां भी आपको अपनी बेटी ही समझेंगी।
एक दूसरे कोसमझनें का नजरिया
पहले के समय में महिलाओं का इतना सम्मान नहीं होता था। अब का समय आज़ाद समय है। आपकी सास आपसे कभी कभी अपने जमाने की बातें साझा करेंगी और अपना नजरिया बताएंगी। ठीक वैसे ही बहू भी अपना नजरिया सामने रखेगी। ऐसे में जरूरत है कि सास बहू को एक दूसरे के विचारों को समझें। एक दूसरे को अपनी नॉलेज साझा करें। ताकि आपको आपस का नजरिया भी समझ आ सके।
रिश्ते को समय दें
रिश्ता कोई भी हो समय देना तो बनता है। आज के समय में ज्यादातर बहुएं कामकाजी हो रही हैं। परिवार के साथ समय बिताना भी मुश्किल होता है। इस वजह से सास-बहू का रिश्ता खराब होने लगता है। आपके पास जब भी समय हो अपनी सास के साथ समय बिताएं और उस समय को खुलकर इंजॉय कीजिये।
सास-बहू के रिश्ते में मिठास होना बेहद जरूरी है। बदलते समय में खुद को बदलना, ना सिर्फ बहू का काम है बल्कि सास को भी थोड़ा ध्यान देना जरूरी है। सास-बहू के रिश्ते में दोस्ती भी जरूरी है। ताकि आपके रिश्ते का तराजू दोनों तरफ बराबर रहे।