Sunlight or Supplement: बच्चे हों या बड़े सभी के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी होता है। पिछले कुछ सालों में भारत में विटामिन डी डेफिशिएंसी के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। अनियमित लाइफस्टाइल और देर रात तक काम करने के तरीकों ने इस समस्या को बढ़ावा दिया है। लगभग 45 प्रतिशत लोग नेचुरल सनलाइट से दूर रहते हैं। खासकर बच्चे धूप में खेलने और जाने से कतराने लगे हैं। ऐसे में बच्चों में बचपन से ही विटामिन डी डेफिशिएंसी की शिकायत देखने को मिल रही है। बच्चों को बचपन से लेकर किशोरावस्था तक प्रतिदिन कम से कम 400 आईयू विटामिन डी की जरूरत होती है। विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक होता है, जिसकी पूर्ति अब हम सनलाइट से नहीं बल्कि सप्लीमेंट से करने लगे हैं। लेकिन क्या विटामिन डी के लिए सप्लीमेंट्स, सनलाइट से बेहतर हैं? इसका बच्चों की हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ेगा, चलिए जानते हैं इसके बारे में।
सनलाइट

जब हमारी स्किन अल्ट्रावाइलेट रेज के संपर्क में आती है तो कॉलेस्ट्रॉल पार्टिकल के साथ मिलकर विटामिन डी बनाती है। माना जाता है कि सनलाइट से विटामिन डी केवल सुबह की कच्ची धूप से ही मिलता है। सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ही आल्ट्रावाइलेट रेज के संपर्क में बैठा जा सकता है। इसके बाद धूप तेज हो जाती हैं जो स्किन समस्याओं को जन्म दे सकती है। दिन में लगभग 10 से 15 मिनट तक धूप में बैठने से विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है। इससे ब्रेन, स्किन, ब्लड और नींद में भी लाभ होता है।
सप्लीमेंट
शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आजकल सप्लीमेंट्स का सहारा लिया जाने लगा है। ये सप्लीमेंट्स उन लोगों द्वारा अधिक यूज किया जा रहा है जो डायरेक्ट सनलाइट नहीं ले पाते। विटामिन डी सप्लीमेंट खाने के कई लाभ हैं। इसके सेवन से हड्डियों को मजबूती मिलती है, आंखें सुरक्षित रहती हैं, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, बाल, स्किन और मसूड़ें हेल्दी बने रहते हैं। विटामिन डी सप्लीमेंट का सेवन उम्र, जेंडर और समस्या के आधार पर किया जाता है। लेकिन इन सप्लीमेंट का सेवन एक लिमिटेड टाइम पीरियड के लिए ही किया जा सकता है।
विटामिन डी सप्लीमेंट और सनलाइट

सनलाइट और सप्लीमेंट दोनों ही शरीर में विटामिन डी लेवल को बढ़ाने में मददगार होते हैं लेकिन उनकी प्रभावशीलता अलग-अलग परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती है। जिन लोगों को पर्याप्त मात्रा में सनलाइट मिल रहा हो उन्हें सप्लीमेंट की आवश्यकता नहीं है लेकिन जहां धूप की कमी है वहां लोगों को सप्लीमेंट्स का सहारा लेना पड़ता है। कई बार सनलाइट में अधिक देर तक रहना स्किन इंफेक्शन और कैंसर का कारण बन सकता है। वहीं दवाईयों का ओवरडोज शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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क्या है बेहतर
सनलाइट और सप्लीमेंट्स दोनों ही बेहतर होते हैं लेकिन किसी भी चीज का ओवरडोज हानिकारक हो सकता है। अधिक उम्र के लोगों में विटामिन डी डेफिशिएंसी अधिक पाई जाती है, जिसे पूरा करने में सप्लीमेंट्स ही मदद कर सकते हैं। लेकिन बच्चों में विटामिन डी डेफिशिएंसी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट के अलावा सनलाइट भी जरूरी होती है। बच्चों को अधिक सप्लीमेंट्स की आदत नहीं डालनी चाहिए। इससे उनके डायजेस्टिव हेल्थ पर असर पड़ सकता है।
