नीम के इन उपायों से ग्रहों का प्रकोप करें शांत, पाएं सुखी जीवन: Neem ke Upay
Neem ke Upay

Neem ke Upay: प्राचीन काल से ही भारत में वृक्षों को पूजनीय माना जाता रहा है। ज्योतिष शास्त्र, आयुर्वेद और वास्तु शास्त्र में इनका विशेष महत्व बताया गया है। इनमें से नीम का पेड़ अपनी अनेक विशेषताओं के कारण खास महत्व रखता है। नीम का पेड़ सदियों से भारत में अपनी धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक उपयोगों के लिए जाना जाता रहा है। ज्योतिष शास्त्र में, नीम का पेड़ शनि ग्रह से जुड़ा माना जाता है। घर के बाहर नीम का पेड़ लगाने से शनि ग्रह के दोष कम होते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

हिंदू धर्म में नीम का पेड़ पवित्र माना जाता है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को नीम की पूजा प्रिय है। घर के बाहर नीम का पेड़ लगाने से इन देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। नीम के पत्तों का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।

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ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र में नीम का पेड़ शनि ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है। शनि ग्रह के दोषों से मुक्ति के लिए नीम की पूजा और घर में नीम का पेड़ लगाना शुभ माना जाता है। नीम के पेड़ में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की क्षमता होती है। घर में नीम का पेड़ लगाने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

वास्तु महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के बाहर नीम का पेड़ दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिशा में नीम का पेड़ लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नीम का पेड़ वास्तु दोषों को दूर करने में भी मददगार होता है।

औषधीय महत्व

नीम के पेड़ के सभी भाग औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। नीम की पत्तियां, छाल, फल और तेल का उपयोग कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
नीम का तेल त्वचा रोगों, बालों की समस्याओं और संधियों के दर्द में लाभदायक होता है। नीम की पत्तियों का काढ़ा पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और पेट के विकार दूर होते हैं।

किस दिशा में लगाना चाहिए नीम का पेड़

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीम का पेड़ मंगल ग्रह से जुड़ा होता है। दक्षिण दिशा मंगल ग्रह की दिशा मानी जाती है। इसलिए, इस दिशा में नीम का पेड़ लगाने से मंगल ग्रह मजबूत होता है और उसके शुभ प्रभाव घर पर पड़ते हैं। वास्तु शास्त्र में भी दक्षिण दिशा को शुभ दिशा माना जाता है। इस दिशा में नीम का पेड़ लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। हिंदू धर्म में दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। इस दिशा में नीम का पेड़ लगाने से यमराज की कृपा प्राप्त होती है और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। दक्षिण दिशा में नीम का पेड़ लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और धन-दौलत में वृद्धि होती है।

वास्तु दोष होता है दूर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हिन्दू धर्म में नीम के पेड़ को नीमाड़ी देवी कहा जाता है। इस पेड़ में देवी का वास होने से इसका पूजन किया जाता है। मान्यता है कि नीम की लकड़ियों से हवन करने से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। नीम का पेड़ परिवार में सुख-शांति लाता है और पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है। नीम की पत्तियों से घर में धुआं करने से नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं।

मंगल दोष को करें दूर

नीम का पेड़ मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस पेड़ पर जल अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं, जो मंगल के दुष्प्रभावों को कम करते हैं। मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति नीम के पेड़ की जड़ में लाल धागा बांधकर अपनी मनोकामना व्यक्त कर सकते हैं। शनि ग्रह के दोषों से मुक्ति के लिए नीम की पूजा और घर में नीम का पेड़ लगाना शुभ माना जाता है। नीम की माला पहनने से शनि के दोषों को कम किया जा सकता है। शनि की दशा से पीड़ित व्यक्ति नीम के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर और उसकी परिक्रमा करके शनि ग्रह को शांत कर सकते हैं।