ilazaam
ilazaam

Hindi Story: वीरू को रेल विभाग में ड्राइवर की नौकरी करते हुए एक लंबा अरसा हो चुका है। लेकिन आज अचानक उसने रेलगाड़ी चलाते हुए उसे पटरी से उतार कर नजदीक के खेतों की ओर मोड़ दिया। थोड़ी देर बाद रेलगाड़ी तो वापिस पटरी पर आ गई, लेकिन सभी यात्री डर के मारे सहमे हुए थे।

कुछ यात्रियों ने झट से वीरू के ऊपर लापरवाही से गाड़ी चलाने का इलज़ाम लगाते हुए उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी। वीरू ने सफाई देते हुए कहा कि एक गधा पटरी पर खड़ा था और मेरे कई बार हॉर्न बजाने के बावजूद भी वह पटरी से नहीं हट रहा था। रेल विभाग के अधिकारी ने वीरू को डांटते हुए कहा कि तुम पागल हो क्या? एक गधे की जान बचाने के लिए तुमने रेलगाड़ी में बैठे इतने लोगों की जान खतरे में डाल दी। अफसर ने कहा कि तुम्हें तो उस गधे को उसी समय कुचल देना चाहिये था। वीरू ने कहा कि सर मैं भी वही करने जा रहा था, लेकिन जैसे ही गाड़ी उसके एकदम नजदीक पहुंची तो वह कम्बख्त भाग कर खेतों में इधर-उधर भागने लगा। मैं भी गाड़ी लेकर उसके पीछे चला गया जब वो नहीं मिला तो मैं फिर से गाड़ी पटरी पर ले आया।

वीरू के सहयोगी ने उससे कहा कि मैं तो तुम्हें समझा-समझा कर थक चुका हूं, लेकिन मेरी बातों का तुम्हारे ऊपर कोई असर नहीं होता। मुझे लगता है कि अब तुम्हारी शिकायत तुम्हारे घर आकर तुम्हारी बीवी से ही करनी पड़ेगी। वीरू ने हाथ जोड़कर अपने साथी से कहा कि मुझे जो भी सजा मिलेगी मैं हंसते-हंसते कबूल कर लूंगा, लेकिन तुम मेरी बीवी के पास नहीं जाना। वीरू के सहयोगी ने कहा कि क्यूं बीवी से बहुत डर लगता है। वीरू ने कहा- ‘नहीं ऐसी बात नहीं है। असल में वो इतनी व्यस्त रहती है कि उसके पास तुम्हारी बात सुनने का समय ही नहीं है।’ वीरू के सहकर्मी ने कहा कि वो ऐसा कौन-सा काम करती है जो उसके पास मेरी बात सुनने तक का वक्त नहीं है। वीरू ने जवाब देते हुए कहा कि सोमवार से शुक्रवार तक उसे टीवी के सास-बहू के कार्यक्रम देखने से फुर्सत नहीं मिलती। शनिवार और रविवार को वो सारा दिन मेरी कमियां और गलतियां ढूंढ कर मेरे ऊपर इल्जाम लगाने में मसरूफ़ रहती है।

वीरू के साथी ने उससे पूछा कि मैं जब कभी भी तुम्हारे से बात करता हूं तो तुम पति-पत्नी एक दूसरे को दोषी ठहराने लगते हो। वीरू ने खुद को पाक साफ दिखाते हुए कहा-‘मेरी बीवी का स्वभाव ही कुछ इस तरह का है कि गलती चाहे किसी की भी हो, परंतु वो हर अपराध के लिये दूसरों को ही दोषी ठहराती है। अब कल रात की ही बात सुन लो, मैं जब घर गया तो उसने मेरे सामने अमरूद काट कर रखे। जैसे ही मैं अमरूद खाने लगा तो मैंने देखा कि उसमें एक बहुत बड़ा कीड़ा चल रहा था। मैंने अपनी पत्नी बसन्ती पर गुस्सा करते हुए कहा कि तुम इतना छोटा-सा काम भी ध्यान से नहीं कर सकती। यह देखो अमरूद में से कीड़ा निकला है। जानते हो मेरी पत्नी ने अपनी गलती मानने की बजाए मुझे उल्टा जवाब दिया कि यह तो तुम्हारी किस्मत की बात है, अगर तुम्हारी किस्मत अच्छी होती तो क्या पता इस अमरूद में से कोई मोटरसाइकिल या कार निकल आती।’

वीरू के मन को अच्छे से टटोलने के बाद उसके सहयोगी ने कहा कि तुम्हारी और मेरी उम्र में कुछ खास फर्क नहीं है। इसलिये यह कहना कि मैं तुमसे बहुत अधिक ज्ञानी हूं तो ऐसा कुछ नहीं है। हां एक फर्क जो मोटे तौर पर मैंने देखा है वो है तुम्हारी छोटी सोच का। बात चाहे घर की हो या हमारे ऑफिस की, तुम हर बार एक-दूसरे की निंदा करके खुद हर जिम्मेदारी से बचना चाहते हो। वीरू जीवन को शांति के साथ जीने के लिये जरूरी है कि हम छोटी-छोटी बातों को दिल में जगह न बनाने दें क्योंकि इनसे आपसी वैर बढ़ता है। एक कमी और जो मैंने तुम में देखी है वो यह है कि तुम हर किसी की बात का बहुत जल्द बुरा मान जाते हो। जबकि समझदार लोग कभी किसी की बात का बुरा नहीं मानते क्योंकि वो लोग जानते है कि पत्थर सिर्फ उसी पेड़ को मारे जाते हैं जिस पर फल लगे होते हैं। दूसरा व्यक्ति यदि गलती से आपको कुछ कह भी देता है तो ऐसे में आपका फर्ज बनता है कि उसे झट से क्षमा कर दे, इससे दिल हल्का हो जाता है। इतना तो तुमने भी जरूर सुना होगा कि विज्ञान यह मानता है कि जीभ की चोट सबसे जल्द ठीक होती है जबकि ज्ञानियों का यह मानना है कि जीभ से दिये हुए जख्मों को भरने में सबसे अधिक समय लगता है।

आप चाहे कितने ही पवित्र ग्रंथ क्यूं न पढ़ ले, यह उस समय तक आपका भला नहीं कर सकते जब तक आप इनमें लिखी हुई बातों को ठीक से उपयोग में नहीं लाते। जिस किसी व्यक्ति के विचार खूबसूरत होते हैं उसे दुनिया की हर चीज आकर्षक दिखाई देती है। जो कोई एक-दूसरे पर इलज़ाम लगाने की बजाए अपनी जुबान से केवल नेक और मधुर बातें करते हैं तो ऐसे लोगों को सारी दुनिया प्यार करने लगती है। एक और जहां एक-दूसरे पर आरोप लगाने से हमें सारी उम्र कोर्ट-कचहरियों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं वहीं थोड़ी-सी हंसी-मजाक और प्यार की भाषा हमें इस तरह की परेशानियों से बचा सकते हैं।

हर किसी को एक बात सदा याद रखनी चाहिये कि भूल चाहे छोटी हो या बड़ी हमें हर भूल की भारी कीमत चुकानी पड़ती है। हमारी एक छोटी-सी गलती एक बड़े रिश्ते को सदा के लिये खत्म कर सकती है। अपने मित्र की सारी बातें सुनने के बाद वीरू ने उससे कहा कि अब जरा यह भी बता दो कि कोई भी आदमी हमेशा खुश कैसे रह सकता है? वीरू के साथी ने कहा कि विश्व में हमारा आनन्द इस बात पर निर्भर करता है कि हम औरों के हृदय में कितना प्रेम संचारित कर पाते हैं। हर समय दूसरे लोगों की टांग खींचने की बजाय यदि उनका मान-सम्मान करे तो हमारा खुद का भी मान-सम्मान बढ़ने लगता है। वीरू के सहयोगी की भावनाओं को जानने के बाद जौली अंकल के मन में कोई शंका नहीं रह गई कि असली रिश्तों को निभाने का जादू केवल इतना-सा है कि यदि हम दूसरों की भावनाओं को न सिर्फ ठीक से समझे, बल्कि उन्हें दिल से महसूस करना सीख ले तो फिर कभी भी एक-दूसरे के ऊपर इलज़ाम थोपने की नौबत नहीं आयेगी। हमें इस बात का प्रयास करते रहना चाहिये कि हमारे किसी भी कर्म से दूसरे व्यक्ति को कोई कश्ट नहीं हो।