आपके सेक्सुअल हार्मोन्स की दुश्मन है कोल्ड कॉफी, जानिए कैसे बर्बाद कर सकती है रिलेशन!: Cold Coffee Affects Hormones
Cold Coffee Affects Hormones

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बहुत कम लोग जानते हैं कि राहत देने वाली कोल्ड कॉफी असल में आपके लिए बड़ी आफत बन सकती है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध यानी इंसुलिन रेजिस्टेंस की परेशानी हो सकती है।

Cold Coffee Affects Hormones: गर्मी के लंबे दौर से राहत पाने के लिए अधिकांश लोग ठंडा पीना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोगों की फेवरेट लिस्ट में शामिल होती है कोल्ड कॉफी। बड़ों से लेकर बच्चों तक को कोल्ड कॉफी पसंद होती है। लोग इसे हेल्थ के लिए अच्छा मानते हैं, क्योंकि इसमें दूध और कॉफी दोनों होती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि राहत देने वाली कोल्ड कॉफी असल में आपके लिए बड़ी आफत बन सकती है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध यानी इंसुलिन रेजिस्टेंस की परेशानी हो सकती है। ऐसे में अगर आप रोज कोल्ड कॉफी पीते हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए।  

Cold Coffee Affects Hormones
Generally people like to drink cold coffee because they think that this tasty drink contains milk and coffee.

आमतौर पर लोग कोल्ड कॉफी इसलिए पीना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस टेस्टी ड्रिंक में दूध और कॉफी होती है। लेकिन इस दौरान वे चीनी पर ध्यान देना भूल जाते हैं। कोल्ड कॉफी में बहुत ज्यादा चीनी होती है, जो सीधे शरीर के वसा ऊतकों में चली जाती है। जब आप लंबे समय तक नियमित रूप से ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं तो इंसुलिन प्रतिरोध की स्थिति विकसित होने लगती है, जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है।  

जब हम कुछ खाते हैं तो वह शरीर में जाकर ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है। इसी ग्लूकोज से शरीर की कोशिकाओं को एनर्जी मिलती है। यही कारण है कि कुछ मीठा खाने पर आप ज्यादा एनर्जी महसूस करते हैं। भोजन पचने के बाद जो ग्लूकोज निकलता है वह खून के जरिए विभिन्न कोशिकाओं और अंगों तक पहुंचता है। लेकिन लिवर, वसा ऊतक और स्कल की मांसपेशियां सिर्फ इंसुलिन की मौजूदगी में ही ग्लूकोज का उपयोग करती हैं। ऐसे में पैंक्रियाज से निकलने वाला यह हार्मोन कोशिकाओं के लिए बेहद आवश्यक हो जाता है। लेकिन जब शरीर को ग्लूकोज ज्यादा मिलने लगता है तो इंसुलिन की मात्रा भी अधिक हो जाती है। ऐसे में शरीर में इसका बैलेंस बिगड़ जाता है और आप कई रोगों के शिकार हो जाते हैं।

जब शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ती है तो इसके कारण मोटापा बढ़ने लगता है। इससे शरीर में सूजन आने लगती है। साथ ही हृदय की मांसपेशियों के फाइब्रोसिस बढ़ने लगते हैं। ऐसे में डायबिटीज और मोटापा दोनों ही हार्ट प्रॉब्लम्स बढ़ती हैं।  

ज्यादा इंसुलिन के कारण आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल का लेवल बढ़ने लगता है। इसी के साथ ट्राइग्लिसराइड्स का खतरा बढ़ जाता है।   जिसके कारण पैंक्रियाज में सूजन आने लगती है। यह हाई कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमने लगता है, जिससे हार्ट को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता है।

जब शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग करना बंद कर देता है तो यह मस्तिष्क में सूजन और अमाइलॉइड प्लाक के निर्माण को बढ़ाता है। ये दोनों ही अल्जाइमर रोग से जुड़े होते हैं। खून में इंसुलिन का अत्यधिक स्तर मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और संज्ञानात्मक कार्य को कम कर सकता है।

शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ने से सेक्स हार्मोन का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। क्योंकि यह लिवर से ग्लोब्युलिन को बाधित करता है। यही कारण है कि महिलाओं में पीसीओएस का खतरा बढ़ता है। इंसुलिन महिलाओं में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ा देता है। ऐसे में सेक्स हार्मोन सीधे तौर पर प्रभावित होता है। इसके कारण पिंपल्स, शरीर पर बाल उगना, ऑयली स्किन, सेक्स में रुचि कम होना जैसे लक्षण नजर आते हैं।