अपने प्रति दयालु कैसे बने
स्वयं के प्रति दयालु होने का अर्थ है अपनी सभी गलतियों के लिए स्वयं को माफ करना l कहते हैं ना मनुष्य भूलेला है उससे कोई ना कोई भूल हो ही जाती है पर हम अक्सर महसूस करते हैं कि भूल होने पर हम ग्लानि से भर जाते हैं और खुद को कोसते रहते हैं lयह है डबल टाइम वेस्ट l पहले भूल करना फिर पछतावा करना इससे बढ़िया है हम अपनी हर भूल से कुछ सीखे और उस सीख के साथ जीवन में आगे बढ़े l इस तरह हम दूसरों को भी माफ करें और खुद के प्रति भी दयालु बने l
अपने आप को सबसे पहले रखें जब आप खुद संतुष्ट और तृप्त होंगे तभी अपने से जुड़े और लोगों को भी संतुष्ट और तृप्त रख पाएंगे l जब खुद से प्यार करेंगे तभी दूसरों से भी प्यार कर पाएंगे l बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि सब के प्रति हमारा व्यवहार अच्छा हो ,सबके लिए हमारे मन में करुणा भाव हो पर इस गोल्डन रूल को हम खुद के ऊपर भी अप्लाई करें l हम भी खुद को समग्र रूप से स्वीकार करें ,खुद के प्रति दयालु हो खासकर जब हम किसी नकारात्मक परिस्थिति से गुजर रहे हों l
हम अक्सर सोचते हैं कि जब हम अपने आप पर कठोर होंगे तो यह सोच हमको विनम्र बना देगी या यह हमको बेहतर बनने के लिए प्रेरित करेगी लेकिन यह सोच वास्तव में आप के खिलाफ काम करती है इस बारे में हुए कई शोधो में यह पाया गया है कि आत्म करुणा होने से आत्मा आलोचना के मानसिक स्वास्थ्य परिणामों जैसे तनाव और अवसाद ग्रस्तता के लक्षणों को दूर किया जा सकता है l 2009 में प्रकाशित एक अध्ययन के द्वारा यह बात सामने आई है कि आत्म करुणा करने से इंसान विफलता और अस्वीकृति की स्थितियों मैं भी भविष्य के बारे में कुछ और आशावादी महसूस कर सकता है l तो आज से अपने से प्यार करें अपने ऊपर करुणा रखें और अगर यह गुण स्वाभाविक रूप से आपके अंदर नहीं आ पा रहा है तो इन तरीकों पर विचार करें l
अपने भीतर की नकारात्मकता से ना जुड़े
Dont connect yourself with the negative thought inside you
जब आप खुद की तुलना दूसरों से करने लगे या किसी काम की गलती या किसी और गलत कदम के लिए खुद को दोष देने लगे तो एक सेकंड के लिए रुके और सोचे कि आप वास्तव में खुद से क्या कह रहे हैं l इस नकारात्मक ख्याल से कतई भी ना जुड़े और अपने को एक ऊंचा ख्याल दें l हर कोई अलग है l अपने अच्छाइयों पर अपना ध्यान केंद्रित करें और अपने पर गर्व महसूस करें l आप खास हैँ यह बात सद्य स्मरण रखें |
अपने साथ भी वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप अपने किसी प्रिय के साथ करते हैं
Forgive yourself too as you forgive others
अगर आपका सबसे अच्छा दोस्त जीवन में कुछ संघर्ष के चलते असुरक्षित महसूस कर रहा है तो क्या आप उसे एक असफल इंसान कहेंगे l आप कभी भी अपने दोस्तों या परिवार से उस तरह से बात नहीं करेंगे बल्कि कैसी भी स्थिति में आप यही कोशिश करेंगे कि आप उसे एनकरेज कैसे
करें l आज से आप भी अपने सबसे अच्छे दोस्त बनिए l जीवन के हर ऊंचे नीचे पड़ाव पर अपने ऊपर करुणा रखें और अपने को सदा एनकरेज ही करें l
अपने को बताएं कि इंसान भूलेला होता है, गलतियों का पुतला है
Do not get stuck,Move forward in life
जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपनी गलतियों को स्वीकार करना मददगार हो सकता है l अपने गलत कदमों को स्वीकार करना और आगे बढ़ना सीखे इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप प्यार के लायक नहीं है l लोग अक्सर महसूस करते हैं कि खुद की आलोचना करने से उन्हें असफलता से उबरने में मदद मिलेगी लेकिन शोध यह बताते हैं कि वास्तव में यह आपके आत्म सम्मान को नष्ट कर सकता है और आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने से रोक सकता है l अपनी भूल से सबक लें, अपने को माफ़ करें और फिर वही भूल दोहराने से बचें l
साकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित करें
Stay positive in every situation
मानव मस्तिष्क में हमेशा नकारात्मक विचार पहले आते हैँ और अपने जीवन में भी जो नाकारात्मक घटनाएं घटित होती हैं वह लंबे समय तक याद रहती हैं उदाहरण के लिए आपको अपनी कई उपलब्धियों के लिए प्रशंसा से अधिक आपके शिक्षकों या परिवार के सदस्यों की आलोचना याद होगी | आज से अपनी इस आदत को बदले lअपने प्रति दयालु बने l यदि आप किसी स्थिति के बारे में कुछ भी सकारात्मक नहीं सोच पा रहे हैं तो एक डायरी ले और वो सब चीज़े नोट करें जिनके लिए आप अपने जीवन में आभारी हैं I इससे आपको अपने नकारात्मक ख्यालों से दूर होने में मदद मिल सकेगी l
ऐसी गतिविधियां करें जिसमें आपको आनंद आता है
Do what you love to do
अपनी नकारात्मक सोच से निकलने के लिए ऐसी गतिविधियां करें जिससे आपको आनंद मिलता हो उदाहरण के लिए यदि आप प्रकृति के प्रति आकर्षित हैँ तो रोज़ सैर करने निकले,उगते सूरज को निहारे, पेड़ पौधे और फूलों की सुंदरता को महसूस करें l प्रकृति से प्यार अंतर आत्मा को ख़ुशी देता है lयदि आप स्वयं को कला के माध्यम से अभिव्यक्त करना पसंद करते हैं तो पेंटिंग्स बनाएं l अपने पसंदीदा गाने को सुने या डांस करें l आप क्या करते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता जब तक आपका ध्यान आत्म आलोचना से दूर ना हो जाए l वर्तमान क्षण में रहने से आपको सभी दिमागी गतिविधियों से राहत अवश्य मिलेगी I
अपने को महत्व देने का मतलब यह नहीं कि आप स्वार्थी हैं
Taking care of yourelf doesn't mean that you are selfish
अपने आपको प्राथमिकता देने का मतलब यह कदापि नहीं है कि आप एक स्वार्थी इंसान हैं l हम में से कई लोग विशेष रूप से महिलाएं यह सोचती हैं कि उन्हें अपने से पहले दूसरों के लिए उपस्थित होना चाहिए और अगर वह अपना ही ख्याल रखती रहेंगी तो अपने से जुड़े लोगों का ख्याल नहीं रख पाएंगी हालांकि वास्तविकता यह है कि आप जितना अपना ख्याल रखेंगे और संतुष्ट होंगे उतना ही दूसरों को आपसे प्यार और संतोष का अनुभव हो सकेगा l जितना अधिक आप अपनी देखभाल करेंगे उतना ही आपके पास शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति होती है ताकि आप दूसरों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें l
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अपने आप को एक विराम दें ,अपना ध्यान रखें
Love Yourself Lessons: कई बार हम दुनिया के साथ और रिश्ते निभाते निभाते खुद को ही भूल जाते हैं। हम दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने के चक्कर में खुद को गंवा बैठते हैं। हम दूसरों को खुश करने में ही सारे प्रयास लगा देते हैं और दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं। बात यहां तक पहुंच जाती है की जब दूसरे लोग हमसे बात नहीं करते तो हमें संतुष्टि महसूस नहीं होती और अकेले रह पाने में काफी कठिनाई महसूस होती है। इसका कारण सेल्फ लव का न होना है। अगर आप खुद से प्यार नहीं करते हैं और खुद में ही खुश रहना नहीं जानते हैं तो आप दूसरों पर निर्भर होने लगते हैं। इसलिए पूरी तरह से खुद को सेल्फ लव सीखाना एक लंबी प्रक्रिया होती है जिसमें आपको छोटे छोटे कदमों से शुरुआत करनी होगी। आइए जानते हैं सेल्फ लव सीखने के बारे में।
खुद की तुलना दूसरों के साथ न करें
आपको यह जानना होगा की आप एक अलग और सबसे अनोखे प्राणी हैं। आपके अंदर दूसरों जैसे गुण या फिर दूसरों के जैसा कुछ भी नहीं आ सकता है। कुछ लोग खुद के शरीर को तो कुछ लोग खुद की मेहनत और बैंक बैलेंस को दूसरों से तोलने लगते हैं जबकि आपको समझना होगा की उनकी जिंदगी अलग है और आपकी अलग। आप अपनी ओर से अपना बेस्ट दे रहे हैं इसमें संतुष्ट रहना सीखें।
दूसरों की राय के बारे में चिंता न करें
कई बार हम खुद को जिस चीज से खुशी मिलती है उसे न करके दूसरों द्वारा बताई गई चीजों को ट्राई करते हैं लेकिन दूसरों का काम ही हमेशा नुख्स निकालना होता है। इसलिए आपको बिना दूसरों की राय की चिंता किए बिना अपने मन की मर्जी करनी चाहिए और वह काम करने चाहिए जिनसे आपको खुशी मिलती है चाहे फिर लोग आपको कितना ही जज क्यों न करें।
खुद को गलतियां करने दें

कई बार हम अपने आप को पिछली गलतियों के लिए कोसते रहते हैं लेकिन ऐसा करना काफी गलत है। आपको हमेशा यह जानना चाहिए की गलती करना मानव की प्रवृति है। हम अपनी गलतियों से ही सीखते हैं। इसलिए अगर आपसे कभी गलत होता है तो खुद को उसके लिए ज्यादा न कोसें बल्कि आगे के लिए एक सबक लें और गलती होने दें। कोई भी व्यक्ति हमेशा परफेक्ट नहीं होता है इसलिए आपको गलतियों के लिए पछतावा नहीं करना चाहिए।
टॉक्सिक लोगों को जिंदगी से जाने दें

अगर आपके जीवन में कुछ ऐसे लोग हैं जो काफी टॉक्सिक हैं और आपके जीवन में उन्होंने उथल पुथल मचा रखी है तो अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत को प्रभावित होने से बचाने के लिए ऐसे लोगों को जिंदगी से जाने दें। उन्हें इस ग्लानि में न रोक कर रखें की आप उनकी नजरों में बुरे बन जायेंगे या फिर आप गलत कर रहे हो। खुद के लिए अच्छा और हेल्दी निर्णय लेना किसी तरह का स्वार्थ नहीं है।
अपने आप पर भरोसा रखें

आपको अपने आप पर भरोसा रख कर ही कोई भी निर्णय लेना होगा। अगर आप पहले ही खुद पर संदेह करने लगते हैं की आपसे यह होगा या नहीं तो उस काम से आपका आधा मन तो ऐसे ही हट जाता है इसलिए आपको हमेशा पूरा विश्वास अपने ऊपर बनाए रखना होगा। आपको यह मानना होगा की आपके दिमाग में कोई भी फैसला ऐसे ही नहीं आया है।
अपनी नकारात्मक सोच से निकलने के लिए ऐसी गतिविधियां करें जिससे आपको आनंद मिलता हो उदाहरण के लिए यदि आप प्रकृति के प्रति आकर्षित हैँ तो रोज़ सैर करने निकले,उगते सूरज को निहारे, पेड़ पौधे और फूलों की सुंदरता को महसूस करें l प्रकृति से प्यार अंतर आत्मा को ख़ुशी देता है lयदि आप स्वयं को कला के माध्यम से अभिव्यक्त करना पसंद करते हैं तो पेंटिंग्स बनाएं l अपने पसंदीदा गाने को सुने या डांस करें l आप क्या करते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता जब तक आपका ध्यान आत्म आलोचना से दूर ना हो जाए l वर्तमान क्षण में रहने से आपको सभी दिमागी गतिविधियों से राहत अवश्य मिलेगी I
अपने को महत्व दें

अपने आपको प्राथमिकता देने का मतलब यह कदापि नहीं है कि आप एक स्वार्थी इंसान हैं l हम में से कई लोग विशेष रूप से महिलाएं यह सोचती हैं कि उन्हें अपने से पहले दूसरों के लिए उपस्थित होना चाहिए और अगर वह अपना ही ख्याल रखती रहेंगी तो अपने से जुड़े लोगों का ख्याल नहीं रख पाएंगी हालांकि वास्तविकता यह है कि आप जितना अपना ख्याल रखेंगे और संतुष्ट होंगे उतना ही दूसरों को आपसे प्यार और संतोष का अनुभव हो सकेगा l जितना अधिक आप अपनी देखभाल करेंगे उतना ही आपके पास शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति होती है ताकि आप दूसरों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें l
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इन जैसे छोटे छोटे कदमों को उठा कर आप सेल्फ लव प्राप्त कर सकते हैं।