महामृत्युंजय मंत्र को जपने के फायदे-Mahamritunjaya Mantra Benefits
Mahamritunjaya Mantra Benefits

Mahamritunjaya Mantra: 12 मास में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाला मास सावन मास को माना जाता है। जो कि इस बार 4 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह पूरा महीना शिवजी की आराधना के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है। माना जाता है कि इस माह में पूजा अर्चना विशेष फलदाई है क्योंकि भगवान शिव सभी देवताओं में शीर्ष स्थान पर आते हैं। इसलिए इस काल को महाकाल भी कहा जाता है। हमारे ग्रंथों के अनुसार शिवजी की पूजा के लिए बहुत से मंत्र हैं। ऐसे ही एक सब से मान्यता प्राप्त महामंत्र है महामृत्युंजय मंत्र। इस मंत्र की शक्ति इसी बात से पता चलती है कि इसको मृत्यु को टालने वाला मंत्र माना जाता है।

इस मंत्र को इतना शक्तिशाली कहा जाता है कि सीए सभी लोगों को टाल सकता है। शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र के जप से दीर्घायु प्राप्त होती है। भगवान शिव की अराधना करते समय महामृत्युंजय मंत्र को जपा जाता है। यह ऋग्वेद का सबसे ज्यादा आदर युक्त मंत्र है। इसे रुद्र मंत्र के नाम से भी जाना जाता है। रुद्र भगवान शिव का ही एक दूसरा नाम है। बहुत सारे लोग इस मंत्र को मोक्ष मंत्र भी मानते हैं क्योंकि यह मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिलती है। मंत्र का उच्चारण करने से आपके जीवन में काफी सारे लाभ हो सकते हैं। इससे एक तो आपको स्वयं में संतुष्टि महसूस होती है और आप काफी शांत और रिलैक्स महसूस करते हैं। साथ ही आपके जीवन में भी इस मंत्र का पॉजिटिव प्रभाव होता है। आइए जान लेते हैं इस मंत्र के लाभ और इसका मतलब।

महामृत्युंजय मंत्र : ॐ त्र्यम्बकं स्यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥  

इसका मतलब होता है कि हम त्रियंबकम यानी भगवान शिव जिसकी तीन आंखें हैं, की पूजा कर रहे हैं। हम भगवान शिव से प्रार्थना कर रहे हैं कि हमारे जीवन को प्रेम से भरपूर करे और हमें जीवन मरण के बंधन से इस तरह मुक्त कर दे जिस तरह एक खीरा उसकी टहनी से अलग होता है। 

सभी वेदों में से एक मंत्र सबसे अधिक शक्तिशाली है। मंत्र का अर्थ ही यह है की हम अपना जीवन बिना किसी भय के काट रहे हैं। इस मंत्र का उच्चारण करने से समय से पहले होने वाली मृत्यु से बचा जा सकता है। 

महामृत्युंजय मंत्र के लाभ

बीमारियों से मिलती है मुक्ति 

Mahamritunjaya Mantra Benefits
Shiva Mantra on Monday

ज्योतिष इस मंत्र को उन लोगों के लिए लाभदायक बताते हैं जो क्रोनिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस मंत्र का रोजाना उच्चारण करने से आपकी बीमारियां दूर हो सकती हैं। रुद्राक्ष की माला का जाप करना भी आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। 

नेगेटिविटी होती है कम 

बहुत से लोगों को उनके जीवन में नेगेटिविटी महसूस होती है। इस मंत्र का रोजाना जप करने से आपके जीवन से वह नकारात्मकता चली जायेगी और आपको सभी बुरी एनर्जी से मुक्ति मिल सकती है। 

परिवार की समस्या होती है दूर

अगर परिवार में ज्यादा समस्या चल रही है और कोई व्यक्ति बीमार है तो फिर आपको इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इससे परिवार से जुड़ी समस्याएं भी कम हो सकती हैं।

शारीरिक और मानसिक सेहत में मिलता है लाभ

Mental Health Tips
Mental Health Tips

इसका जाप करने से आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर अच्छा असर पड़ता है। इससे आपकी इमोशनल सेहत भी बढ़िया रहती है। अगर आप रोजाना इस मंत्र को पढ़ते हैं तो अंदर से एक काफी ताकतवर फीलिंग आती है।

मृत्यु का डर होता है कम

Death fear

मृत्यु और जन्म तो प्राकृतिक हैं और इससे कोई नहीं बच सकता है लेकिन हर समय कई बार व्यक्ति के मन में मृत्यु का डर रहता है। इससे वह काफी भयभीत और नेगेटिव रहता है। इस डर को कम करने के लिए आप महामृत्युंजय मंत्र का जप कर सकते हैं। इससे आपकी जलन, असुरक्षा, कुछ खोने का डर, लालच जैसी भावनाएं भी कम हो सकती हैं। 

अगर आप इस मंत्र को पढ़ना चाहते हैं तो अपने घर या ऑफिस में इसे 108 बार चला सकते हैं और ज्यादा लाभ पाने के लिए आप खुद ही इसका 108 बार उच्चारण करें। 

एक सकारात्मक जीवन जीने के लिए अच्छी सेहत जरूरी है और अगर आप सेहत से जुड़ी परेशानी या फिर नेगेटिविटी से परेशान हैं तो आपको इस मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए। अगर आप इसे खुद से नहीं बोल सकते हैं तो इसे टीवी या फोन में लगा कर सुन सकते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र को जपने के कई फायदे हैं। यह मंत्र हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और भगवान शिव को समर्पित है। यह मंत्र मृत्युभय से रक्षा करने और उच्चतर चेतना को जागृत करने का मान्यता से विशेष महत्त्व रखता है।

महामृत्युंजय मंत्र के जप करने के फायदे

Lord Shiva
Lord Shiva

1. दीर्घायु: मंत्र के नियमित जप से जीवन की अवधि में वृद्धि हो सकती है। यह मंत्र मृत्यु के विरुद्ध एक प्रतिरोधी की भूमिका निभाता है और दीर्घायुत्तर जीवन की कामना करता है।

2. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जप करने से शारीरिक और मानसिक रोगों का निवारण हो सकता है। यह मंत्र शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है और मन को शांति देता है।

3. शिव की कृपा: महामृत्युंजय मंत्र के जप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सकती है। यह मंत्र आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का साधन बन सकता है।

4. आध्यात्मिक प्रगति: महामृत्युंजय मंत्र के जप से आपकी आध्यात्मिक प्रगति हो सकती है। यह मंत्र आपको आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है और मोक्ष के पथ पर आपका मार्गदर्शन करता है।

5. शुभ कार्यों में सफलता: महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से शुभ कार्यों में सफलता मिल सकती है। यह मंत्र आपकी संयमित इच्छाशक्ति और संगठन क्षमता को बढ़ाता है और आपको आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करता है।

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महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जप करने के लिए आपको नियमितता, ध्यान, और श्रद्धा की आवश्यकता होती है। आप इस मंत्र का जप स्वयं कर सकते हैं या इसे एक पंडित या धार्मिक गुरु के मार्गदर्शन में कर सकते हैं।

FAQ | क्या आप जानते हैं

महामृत्युंजय मंत्र कौन सा है?

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ

महामृत्युंजय मंत्र कैसे करना चाहिए?

इस जप को करने के समय दिशा में मुंह करके बैठना चाहिए और दूधिया जल से अभिषेक करना विशेष फलदाई है।

मिथुन जय मंत्र क्या है?

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ। 

महामृत्युंजय मंत्र कब बोलना लाभकारी है?

नहाते समय शरीर पर पानी डालते हुए मंत्र का जप करना फायदेमंद हो सकता है।

महामृत्युंजय मंत्र को कितनी बार बोलना चाहिए?

इस मंत्र को कम से कम एक से 11 लाख बार बोलने पर अवश्य फल मिल सकता है।

क्या घर पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो सकता है?

महामृत्युंजय मंत्र का जाप घर पर भी किया जा सकता है लेकिन रुद्राक्ष की माला से सिर्फ।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप कितने घंटे करना चाहिए?

महामृत्युंजय मंत्र का जाप लगभग 7 से 8 घंटे करना फायदेमंद हो सकता है

मृत संजीवनी मंत्र क्या है?

ऊं हौं जूं स:। ऊं भूर्भव: स्व:। ऊं त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनांन्मत्योर्मुक्षीय मामृतात।

कोई भी जाप कैसे किया जाता है?

माला से जाप करना है उसे पहले गंगाजल से शुद्ध करें और जाप करते समय पूर्व दिशा में बैठें और दाएं हाथ से माला जप करें।

बीमारी में कौन सा मंत्र जप करना चाहिए?

ओम हन हनुमते नमः

महिलाओं को कौन सा मंत्र जपना चाहिए?

ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।