सावन में इन 10 मंत्रों का जाप कर पाएं भगवान शिव का आशीर्वाद: Shiv Mantra
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Shiv Mantra: भगवान शिव की आराधना के पावन माह सावन की शुरुआत हो चुकी है। 10 जुलाई, सोमवार को सावन का पहला व्रत रखा गया। इस महीने में सच्चे मन से भगवान शिव की भक्ति करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आमतौर पर एक महीने का होने वाला सावन इस बार 59 दिनों यानि दो महीने तक रहने वाला है। इस महीने में शिव पूजा के दौरान कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाता है। इस लेख में हम आपको भगवान शिव के 10 मंत्रों और उनके महत्त्व के बारे में बताएंगे, जिनका आप इस सावन शिव पूजा के दौरान उच्चारण कर मनचाहा फल पा सकते हैं।

क्यों पसंद है भगवान शिव को सावन माह?

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Shiv’s favorite Sawan month

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का होता है। इस महीने में भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त अपने सामर्थ के अनुसार, पूजा-अर्चना करते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, जब सनत कुमारों ने भगवान शिव से सावन के प्रिय होने का कारण पूछा तो शिव ने बताया कि उन्हें सावन मास इसलिए पसंद है क्योंकि देवी सती ने जब राजा हिमाचल और रानी मैना के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया तो उन्होंने अपनी युवावस्था के दौरान सावन मास में ही अन्न और जल त्याग कर निराहार रह कर कठोर व्रत किया था। माता पार्वती के इसी व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती के साथ विवाह का निर्णय किया था। इसी कारण उन्हें ये महीना प्रिय है।

1) ॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥

भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र के रचियता आदि गुरु शंकराचार्य हैं, जो परम शिवभक्त थे। इस मंत्र का सूक्ष्म रूप ‘ॐ नम: शिवाय’ में उच्चारण किया जाता है। मंत्र का ‘नम: शिवाय’ पांच तत्वों का प्रतिनिधि करता है। इस मंत्र का जाप करने से भक्त पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है, साथ ही मन को शांति प्राप्त होती है।

न – पृथ्वी तत्त्व
म – जल तत्त्व
शि – अग्नि तत्त्व
वा – वायु तत्त्व
य – आकाश तत्त्व

2) “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

इस मंत्र का नाम ‘महा मृत्युंजय’ है, जो मृत संजीवनी मंत्र माना जाता है। बेहद शक्तिशाली महा मृत्युंजय मंत्र की रचना तपस्वी और तेजस्वी मृकण्ड ऋषि के पुत्र मार्कंडेय ऋषि ने की थी। इस मंत्र का जाप करने से मनुष्य असमय मृत्यु और भयंकर रोग से स्वयं रक्षा करता है।

3) “ॐ नमो भगवते रुद्राय”

सावन में इस मंत्र का जाप करने से मन को भय से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला ये मंत्र भक्त को हर तरह के सुख और ऐश्वर्य से समृद्ध बनाता है।

4) “ॐ हं हं सह:”

सौभाग्य की प्राप्ति के लिए शिवभक्तों को इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से भगवान शिव की कृपा के साथ शक्ति और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है।

5 ) “ॐ नमः शिवाय व्योमकेश्वराय”

आत्मिक उन्नति और सर्व-शक्ति प्राप्ति के लिए भक्तों को सावन में विधि अनुसार इस मंत्र का जाप करना फलदाई साबित होता है। विशेष अनुष्ठान के साथ इस मंत्र का जाप सर्वशक्तिमान प्राप्ति का फल देता है।

6) “ॐ पार्वतीपतये नमः”

देवी पार्वती के पति होने के कारण शिवशंकर को ‘पार्वतीपतये’ भी कहा जाता है। देवी पार्वती के नाम से जुड़े इस मंत्र का जपा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। ये मंत्र मनोवांछित फल देने वाला साबित होता है।

7) “ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्”

इस मंत्र में भगवान शिव और हनुमान की एक साथ स्तुति की गई है। इस मंत्र का सच्ची आस्था के साथ जाप करने से भक्त को जीवन की सभी बाधाओं और दुख से मुक्ति मिल जाती है।

8) “ॐ शंकराय नमः”

भगवान शिव की विशेष कृपा की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। अघोरी और तांत्रिक साधना वाले भक्त भगवान शिव की कृपा के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।

9) “ॐ नमः शिवाय गङ्गाधराय”

इस मंत्र का जाप करने से शिव की कृपा से भक्त के जीवन में धैर्य और सहनशीलता का प्रभाव बढ़ता है। साथ ही सुरक्षा और धन की भी प्राप्ति होती है।

10) “ॐ नमः शिवाय शान्ताय”

चिंता से मुक्ति और शांति की प्राप्ति के लिए विधि के साथ इस मंत्र का जाप किया जाता है। भगवान शिव की कृपा से भक्त की सांसारिक और आधिभौतिक चिंताएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं।

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...