भारत कथा माला
उन अनाम वैरागी-मिरासी व भांड नाम से जाने जाने वाले लोक गायकों, घुमक्कड़ साधुओं और हमारे समाज परिवार के अनेक पुरखों को जिनकी बदौलत ये अनमोल कथाएँ पीढ़ी दर पीढ़ी होती हुई हम तक पहुँची हैं
किलटे में बुढ़े पिता को तीर्थ कराने के बहाने ढोलू दरिया के किनारे ले जाकर खड़ा हो गया था। जैसे ही किलटे सहित बूढ़े पिता को दरिया में फैंकने को हुआ तो साथ आया बेटा बोल उठा- “पिता जी, किलटा तो मत फैकिए।”
“क्यों बेटा?”
“जब आप बूढे हो जाएंगे तो इसी किलटे में लाकर आपको भी तो फैंकना है।”
ढोलू के पांव तले जमीन खिसक गई। एकाएक अब पिता को उठाए घर की ओर उसके पांव तेजी से बढ़ चले थे। वृद्ध पिता की दिलों जान से सेवा करने का मन ही मन उसने दृढ़ संकल्प कर लिया था।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा मालाभारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।’
