खूबसूरत उपहार-गृहलक्ष्मी की कहानियां: Hindi Story
Khubsurat Uphaar

Hindi Story: मुझे आज भी याद है मैं 15 साल की थी मेरे पापा की कुछ कहासुनी हो गई थी मम्मी से और उसके दूसरे दिन ही मेरा जन्मदिन था मेरे लिए मेरे पापा बहुत खास है वैसे तो हर बेटी के लिए उसके पिता बहुत खास होते हैं तो मम्मी पापा से बात नहीं कर रहे थे कोई खास बात नहीं थी बस ऐसे ही कहासुनी हो गई थी। शाम का वक्त था उसे बार जन्मदिन साधारण तौर पर बनाने जा रही थी बस घर के लोग और एक दो मित्र बस यही लोग थे केक काटने का समय हो गया था और पापा मेरे लिए एक सोने की चेन लेकर आए और मम्मी के सामने बहुत दिखा दिखा के पहनाया मैं बहुत खुश थी मम्मी भी बहुत खुश थी फिर मम्मी ने बोला डिजाइन तो अच्छा लेकर आते इतना कहना ही था कि सब हंसने लग गए और घर का माहौल बहुत अच्छा हो गया और तो और पापा ने मम्मी को केक भी खिलाया मुझे बहुत अच्छा लगा जब अपनी मम्मी पापा एक साथ हंसते हुए और खुश देखा|

वैसे तो मेरे पिता का दिया हर एक उपहार बहुत अनमोल है पर यह कुछ ज्यादा ही था क्योंकि इस उपहार के बाद मेरी मम्मी पापा में बातचीत होने लग गई. आज भी जब भी में चेन पहनती हूं तू मेरी मम्मी बोलती है की डिजाइन नहीं अच्छा चेंज कर दे और मैं हंस के बोलता हूं कि मेरे पापा ने दिया है बहुत खास बहुत अच्छा है मैं कभी भी चेंज नहीं करूंगी| जिस चीज से आपके माता-पिता जुड़े होते हैं वह चीज अपने आप ही बहुत खास और अनमोल होती है यह उपहार मेरे लिए सबसे प्रिय था बहुत खास इसलिए यह है मेरा पहले उपहार मेरे पिता के द्वारा दिया हुआ
आज भी जब भी उस चैन को मैं पहनती हू | वह सारे लम्हे ताजा हो जाते हैं और दिल खुश हो जाते हैं | और सारे जन्मदिन की याद में इतनी मुझे याद नहीं पर उसे जन्मदिन की बात ही अलग थी अपने मां-बाप द्वारा दिया गया कोई भी उपहार बहुत ही खास होता है हमारे दिल के बहुत पास होता है
वह लम्हे मेरी लिए खजाने की तरह है जो मेरे पास आज भी मेरे पास कैद है और सदा कैद रहेंगे मैं अगर 50 साल की भी हो जाऊंगी तो मैं यह लम्हे याद करके 15 साल की हो जाऊंगी
मेरा पहला सबसे खूबसूरत उपहार यह था|

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