हर श्रद्धालु की तरह ही एक श्रद्धालु लड़की नेहा अपने परिवार के साथ नेपाल से पूजा करने आती है। पूजा के साथ-साथ सिंहेश्वर के ही एक लड़के से उसकी शादी की बात चलती है। उसके परिवार वाले सोचते हैं। चलो पूजा भी हो जाएगी ओर साथ ही साथ दोनों के शादी की बात भी हो जाएगी । लेकिन ये बात ना तो लड़की को पता रहता है और न ही लड़के को । फिर वे लोग सोमवार को आते हैं बाबा की पूजा करने। जब वह मंदिर जाती है तो वह दीपक नाम का लड़का भी पूजा करने जाता है। पूजा करते समय दीपक की नजर नेहा पर पड़ती है और वह नेहा को देखता ही रहता है और उसे नेहा पहली ही नजर में पसंद आ जाती है।

दीपक को तो पता भी नहीं था। कि इसी लड़की से उसकी शादी की बात चल रही है। नेहा जहां -जहां करने जाती, दीपक भी पीछे-पीछे जाता नेहा को लग रहा था कोई उसका पीछा कर रहा है। लेकिन उस ने सोचा शायद यह उसका भ्रम होगा। और फिर वह पूजा कर मंदिर से जब बाहर जाने लगी, तब तक दीपक सोच चुका था कि वह अपने दिल की बात उसे कह देगा। शायद उसे मंदिर से बाहर जाने का ही इंतजार था। वह नेहा के पीछे बाहर सड़क की तरफ नेहा को आवाज लगाने ही जा रहा था कि रोड़ क्रास समय नेहा की ट्रक दुर्घटना हो जाती है जिसमें नेहा की एक टांग बुरी तरह जख्मी हो जाती है।

जब दीपक उसे इस हालत में देखता है तो वह तुरंत उसे हाॅस्पिटल ले जाता है। वह बच तो जाती है पर और डॉक्टरों को उसका एक पैर काटना पड़ता है। नेहा के परिवार वाले दीपक के परिवार वालों से उसकी शादी की बात चलाते हैं। तो इस अवस्था में नेहा को देखकर दीपक के परिवार वाले शादी तोड़ देते हैं। लेकिन जब दीपक को पता चलता है कि यह वही है जिससे उसकी शादी की बात चल रही है। तो वह उससे और भी ज्यादा प्यार करने लगता है। आखिरकार वह अपने परिवार के खिलाफ जाकर उससे शादी कर लेता है। इसे कहते हैं प्यार आदमी की सुन्दरता से नहीं, दिल से किया जाता है। 

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