Hisab Story: वो कहकर गये है, कि आज सैलरी की आखिरी तारीख है। आज तो लिस्ट बना ही लेती हूँ। राशन की और इतनी भीषण गर्मी में पंखे-कूलर काम ही नही कर रहे है। सोच रही हूँ कि इस साल एक नई एसी ले ही लूँ। लेकिन…सोचते हूए शुभ्रा अचानक ही उसे सुबह हुए प्रवीण के साथ बहस का ख्याल आता है।
नही अगर मैं एसी के लिए इन्हें तंग करने लगी तो ये फिर मुझ पर बरसेंगे और पिछले महीने के सैलरी का हिसाब पूछने लगेंगे।
क्यों नही मैं इन्हे “एसी” किस्त में लेने को कहकर देखती हूँ। लेकिन पहले इन्हे पुराना हिसाब दिखाना होगा, तभी ये तैयार होंगे। चलो कोई बात नही हिसाब की डायरी में दो महीने के हिसाब लिखने बचे थे। ओफ्फ हो मुझसे ऐसी गलती कैसी हो सकती है। खैर घर के कामों को जल्दी निपटा कर मैं ये काम भी जल्द ही कर दूँगी।
काम करते करते इतना समय हो जायेगा पता ही नही चला। बच्चों को स्कूल से भी तो लेने जाना है।
शुभ्रा झटपट नहा धोकर तैयार होती है। और अपनी स्कूटी निकाल कर बच्चो को लाने जाती है । रास्ते में स्कूटी का पेट्रोल खत्म हो जाता है। तुरंत पेट्रोल पंप में तीन सौ का पेट्रोल डलवाती है।और फिर स्कूल पहुँचती है। स्कूल पहुंचने पर पता चलता है कि आज पैरेंटस मिटिंग है। बच्चो की क्लासेस के बाद पैरेंटस मिटिंग रखी जाती है।
शुभ्रा मन ही मन अपने आपको कोसते हुए कहती है..कुछ काम ठीक से नही कर सकती आज स्कूल में पैरेंटस मीटिंग है वो भी याद नही रख सकी। तो फिर प्रवीण को हिसाब का लिस्ट क्या खाक बनाकर दिखाएगी। चेहरे से स्कार्फ हटाते हुए , आधी तो ये गर्मी जान ले रही है। हमारी, संजू,संजना को देखते ही शुभ्रा के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। संजू,संजना वो देखो मम्मी आ गई भैय्या,मम्मा कहाँ थी आप आपको पता था ना आज पैरेंटस मीटिंग है। हमारी क्लास आज जल्दी खत्म हो जाएगी। फिर भी आप इतनी लेट हो गए।
साॅरी माई डियर काम के चक्कर में आज पैरेंटस मिटिंग है। दिमाग से ही उतर गया था। तभी संजू मम्मी जल्दी जाओ मैम आपके बारे मे दस बार पूछ चुकी है सभी के पैरेंटस आ चुके है। सिर्फ आप ही बचे हो, हाँ-हाँ ठीक है, मैं जाती हूँ। शुभ्रा क्लास रूम में प्रवेश करती है। ओह्हो मिसेज शुभ्रा पीलीज वेलकम,थैंक्यू मैम कैसे है आप,आइ एम फाइन मिसेज शुभ्रा,एंड यु मिसेज शुभ्रा, आइ एम ऑलवेज फाइन मैम, गुड
तो आपको संजू और संजना ने सारी बातें तो बता ही दी होंगी ।
नो मैम अक्चुली मुझे उनसे बात करने का समय ही नही मिला।
ओके कोई बात नही मिसेज शुभ्रा
हम आपको बताते है। आपको तो पता ही है कि संजू और संजना पढाई में बहुत अच्छे है। और खेलकूद में भी बहुत अच्छे है। अभी कुछ प्रतियोगिताऐं होने वाली है। स्कूल में ,ये प्रतियोगिता हम नहीं, बाहर के कई बड़े स्कूलों द्वारा कराया जा रहा है और इसमें हमारे स्कूल का भी चयन किया गया है।
अपने स्कूल के सबसे होशियार बच्चो को ही हम इसमें पार्टीस्पिट करा सकते है। और हमने इसमें संजू और संजना का भी नाम लिख रखा है। जो बच्चा इसमे अच्छे रैंक से अव्वल आएगा उसे स्कॉलरशिप व बहुत से नॉलेज की क्लासेस फ्री मिलेंगी। जिसका कोई शुल्क नही लिया जाऐगा।
लेकिन स्टार्ट में आपको एक बच्चे के पीछे तीन हजार रूपये के फार्म भरकर जमा करने होंगे। चूंकि संजू और संजना पढाई ही नही खेलकूद व बाकी हर चीजों मे होशियार है। इसलिए हमारी प्रिसिंपल मैम ने इनके फार्म की शुल्क भी कम की है। और हाँ शुभ्रा जी ये शुल्क सिर्फ प्रतियोगिता के चलते तक है जिस बच्चे का चयन हो गया तब तक ठीक है।
जिस बच्चे का चयन नही हो पाता है, उन्हे एक महीने में उनके फार्म का शुल्क वापस मिल जाएगा। वाह् देट्स ग्रेट मैम , जी शुभ्रा जी अब आप बताइए , क्या मैं दोनो बच्चों का फार्म जमा कर दूँ। जी मैम लेकिन आपने ये नही बताया कि मुझे कितना शुल्क अदा करना होगा। मिसेज शुभ्रा जैसा कि मैंने पहले ही आपको बताया कि एक बच्चे के पीछे तीन हजार फीस है। दो बच्चो का छः हजार होता है लेकिन हमारी प्रिसिंपल मैम ने इनका रिकार्ड देखते हुए। फार्म का फीस पांच हजार कर दिया है। तो आपको सिर्फ पांच हजार ही देने होंगे और फार्म भरने होंगे। ओके मैम,मैं अभी फार्म भर देती हूँ।
ठीक है मैम अब मैने फार्म तो भर दिया अब मैं चलती हूँ। जी मिसेज शुभ्रा और हाँ बच्चो को प्रतियोगिता के लिए तैयार करना आपकी जिम्मेदारी है,इधर तो तैयारी कराऐंगे ही लेकिन घर में भी बच्चों का अच्छा ध्यान व नॉलेज की चीजे व बातें आप बताते रहिए। जी मैम शुभ्रा कहती है। अब तो आपने मेरा काम डबल कर दिया है। कोई बात नही मिशन में अब इसे भी शामिल कर लेते है। दोनो हँसते है। ओके मैम अब मै चलती हूँ। जी मिसेज शुभ्रा हेव अ गुड डे थैंक्यू मैम ओके बाय।
शुभ्रा क्लास रूम से बाहर आती है और बच्चो को लेकर घर आने के लिए बच्चो को अपनी गाड़ी में बैठाती है। तभी संजू कहता है मम्मा टीचर ने क्या कहा। शुभ्रा कहती है। कुछ नही हमेंशा की तरह आप दोनो की तारीफ कर रही थी। और हाँ अभी कुछ स्कूल में प्रतियोगिताऐं होने वाली है। उसके बारे में कुछ कह रही थी और आप दोनो को इसमे पार्टीस्पिट करने को कहा गया है। और उसकी तैयारी मैं कल से ही तुम्हें करवाती हूँ। ओके मम्मा,मम्मा बहुत गर्मी है कुछ आइसक्रीम हो जाए,उफ्फ गर्मी से याद आया मुझे घर जाकर प्रवीण को हिसाब का लिस्ट भी तो बनाकर दिखाना है। तभी रास्ते पर एक आइसक्रीम पार्लर दिखा। वहाँ से शुभ्रा ने दो डिब्बा फैमिली पैक का लिया।
और बच्चो को घर में खाने को कहा। फिर शुभ्रा संजू,संजना को सीधे घर लाती है। और बच्चो को फ्रेश करके, खाना खाने को कहती है। शुभ्रा बच्चो को खाना देकर घड़ी देखते हुए कहती है।
ओ नो सिर्फ एक घंटे बचे है प्रवीण
को आने में, बच्चों के खाना खाते
तक मैं जल्द ही हिसाब का लिस्ट बना लेती हूँ। तभी डोल बेल बजती है।
अभी कौन होगा।
शुभ्रा सोचते हुए जाती है और दरवाजा खोलती है।
सामने प्रवीण को और उसके हाथों में मिठाई के डिब्बे देखकर शुभ्रा समझ जाती है कि आज प्रवीण को सैलरी मिल गई है।
तभी प्रवीण कहता है ,अरे भाग्यवान अब अंदर भी आने दोगी या बाहर ही खड़े रखोगी।
हम्म हाँ वेलकम जी चेहरे में बड़ी मुस्कान रखते हुए। ये मिठाई के डिब्बे एक नहीं दो -दो क्या बात है
आज तो लगता कोई बड़ी खुशखबरी है हम्म बताओ ,तभी प्रवीण कहता है। हाँ-हाँ अभी बताता हूँ। रूको फोन लगाकर पूछने दो जरा कहाँ पहुँचे है वो अभी तक, कौन प्रवीण कोई मेहमान आ रहे है क्या।आपने बताया नही मैने कुछ तैयारी भी करके नहीं रखी है । अरे सब्र करो शुभ्रा, प्रवीण कहता है। तभी डोरबेल बजती है। प्रवीण कहता है। देखो शुभ्रा लगता है वही है।
जी मैं देखती हूँ। शुभ्रा दरवाजा खोलती है और दो मज़दूरों के हाथों में न्यू एसी का बाक्स देखकर ओह्हो प्रवीण कहकर प्रवीण के गले लग जाती है।
मजदूर “एसी” अंदर रखकर बकाया लेकर चले जाते है। तभी शुभ्रा कह उठती है। ये क्या प्रवीण अभी आपको सैलरी मिली है और उसमें शुरूआत में ही इतना बड़ा खर्च पूरा महीना बचा है अभी,फिक्र मत करो शुभ्रा कंपनी में मुनाफा होने के कारण सर ने सबको बोनस दिया है।
मैनें सोचा कब से तुम मुझे नई “एसी” के बारे में कह रही थी।
और उमस भरी गर्मी ने भी मुझे ये एहसास कराया कि घर में सबको इतनी गर्मी में परेशानी हो रही होगी। और तुम्हारे हिसाब का भी तो कुछ बजट बचा होगा। है ना शुभ्रा, हाँ-हाँ लो घर और बच्चो के कामों मे इतने बिजी हो गए कि हिसाब का आखिरी पन्ना तो बच ही गया।और लगता है शायद वो आखिरी पन्ना हर गृहिणी का बच जाता होगा। तभी प्रवीण तुम और तुम्हारे हिसाब का आखिरी पन्ना पता नही कब पूरा होगा। दोनो कहते हुए हंसते है । तभी संजू और संजना दोड़कर अपने पापा के गले लग जाते है।