एक बार एक-सी शक्ल-सूरत के बहुत से भगवान चुनाव में एक साथ खड़े हो गये थे। जनता परेशान थी कि किसे वोट देकर जिताये। असली और नकली की सही पहचान कैसे हो। सब उम्मीदवारों ने अपने-अपने मैनीफेस्टों में ईश्वर की परिभाषाएं लिखी थीं जो कुछ इस प्रकार से थींः
एक ईश्वर के मैनीफेस्टों पर लिखा था- “प्राण ही ब्रह्म है।”
दूसरे मैनीफेस्टों पर लिखा था- “मन ही ब्रह्म है।”
तीसरे पर लिखा था- “विज्ञान” ही ब्रह्म है।”
चौथे पर लिखा था- “आनंद ही ब्रह्म है।”
पांचवें पर लिखा था- “अन्न ही ब्रह्म है।”
पांचवां ईश्वर भारी बहुमत से चुनाव जीत गया।
ये कहानी ‘ अनमोल प्रेरक प्रसंग’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं–Anmol Prerak Prasang(अनमोल प्रेरक प्रसंग)
