aesop ki kahani hindi kids story

Hindi kids story: पुराने समय की बात है, खरगोश यह सोचकर बड़े दु:खी थे कि कुदरत ने उन्हें बेहद नाजुक और कमजोर बनाया है। हर कोई उन पर जुल्म करता है और कमजोर होने के कारण उन्हें सभी से डरकर रहना पड़ता है।

वे बार-बार यह सोचकर अपने आप और अपने जीवन को धिक्कार रहे थे। एक खरगोश ने दु:खी होकर कहा, ”खरगोश के रूप में जन्म लेने से तो हम पैदा ही न हुए होते, यह कहीं ज्यादा अच्छा था।”

तब खरगोशों के मन में आया, ”सचमुच इस जीवन से कोई फायदा नहीं है। इससे तो अच्छा है कि हम अपना जीवन खत्म कर लें।” आखिर एक दिन सभी खरगोश पानी में कूदकर मरने के लिए नदी किनारे पहुँच गए।

लेकिन जब वे सब मिलकर नदी किनारे पहुँचे, तो वहाँ बड़ी हलचल-सी मच गई। उस जगह मेढकों की एक बस्ती थी। वे इतने ज्यादा खरगोशों को एक साथ देख, भयभीत हो गए। डर के मारे कूद-कूदकर वे टर्र-टर्र का शोर करते हुए यहाँ-वहाँ भागने लगे।

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तब एक बूढ़े खरगोश ने मरने के इरादे से नदी में कूदने जा रहे खरगोशों से कहा, ”जरा रुको। अभी-अभी तुमने मेढकों को देखा। वे हमें देखकर डर के मारे भाग रहे थे। इसका मतलब यह है कि इस दुनिया में ऐसे प्राणी भी हैं, जो हमसे भी ज्यादा कमजोर हैं। जब वे जी सकते हैं, तो भला हम क्यों नहीं जी सकते? हमें अपने जीवन को धिक्कारने का क्या अधिकार है? ईश्वर ने इस दुनिया में सबके लिए जगह बनाई है, तो भला हमें डरने की क्या जरूरत है?”

बात सभी खरगोशों की समझ में आ गई। उन्होंने समझ लिया कि इस दुनिया में हर किसी की अपनी खासियत है और ईश्वर ने सबको जीने के लिए बनाया है। इसलिए शक्तिशाली हो या दुर्बल, हर शख्स को हँसी-खुशी जीना चाहिए।

सीख : अगर हम अपने से कमजोर लोगों के बारे में सोचें, तो हमें कभी निराशा नहीं होगी।

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