Hindi kids story

Hindi kids story: एक बार की बात है, एक गधा कहीं जा रहा था । तभी उसे बड़ा मधुर गाना सुनाई दिया । असल में एक टिड्डा बड़े मीठे स्वर में आलाप ले रहा था । गधे को टिड्डे का गाना बड़ा अच्छा लगा । उसे सुनकर वह आनंद से भर उठा। धीरे-धीरे चलता हुआ वह टिड्डे के पास पहुँचा और बोला, “ वाह-वाह भाई टिड्डे, वाह ! तुम तो बड़ा अच्छा गा लेते हो, लेकिन पता नहीं क्यों, मैं तुम्हारी तरह सुरीला गाना नहीं गा पाता । क्या तुम अपने मीठे गले का राज बताओगे, ताकि मैं भी ऐसा ही बढ़िया गाना गा सकूँ ?”

टिड्डे को गधे की मूर्खता पर बड़ा गुस्सा आया, पर बात बनाकर बोला, “असल में खाने-पीने का हमारे गले और साथ-साथ गाने पर बड़ा असर पड़ता है । जो जैसा खाता है, वैसा ही गाता है ।”

सुनकर गधे को बड़ी हैरानी हुई। उसने पूछा, “क्यों भाई, तुम ऐसा क्या खाते हो, जिससे तुम्हारा गला इतना मीठा हो गया है ?”

टिड्डे ने थोड़े व्यंग्य से गधे की ओर देखते हुए कहा, “सच्ची बताऊँ तो मैं सिर्फ ओस की बूँदें पीता हूँ और उसी से मेरा गला इतना मीठा हो गया है, पर तुम्हारे लिए तो ओस पीकर गुजारा करना बहुत मुश्किल काम है।”

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गधे ने कहा, “क्यों, मुश्किल क्यों ? तुम ओस के सहारे जी सकते हो तो मैं क्यों नहीं जी सकता ?”

बस, गधे ने उसी दिन से घास खाना बंद कर दिया और सुबह-सुबह बगिया में जाकर ओस चाटना शुरू कर दिया। मगर उससे उस बेचारे की भूख कहाँ मिटती ? हालत यह हुई कि मीठा गाना तो दूर रहा, कुछ ही दिनों में गधे की जान चली गई ।

सीख: किसी की बात पर बिना सोचे यकीन कर लेना बेवकूफी है ।

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