Hindi kids story

Hindi kids story: एक चींटी थी। बड़ी मेहनती । जब फसल का मौसम था, उसने खूब दाने और खाने-पीने की दूसरी चीजें जमा कर लीं, ताकि आगे जरूरत पड़े, तो उसे कोई मुश्किल न आए और वाकई जब मौसम बदला और दाँतों को कटकटाने वाली सर्दियाँ आईं, तो चींटी को जरा भी चिंता नहीं थी ।

चींटी के पास जमा दानों को एक टिड्डे ने भी देखा । वह टिड्डा बड़ा आलसी था। जब फसल का समय था, वह सारा – सारा दिन यहाँ से वहाँ घूमता और गाना गाता रहा। मगर अब जब घनघोर जाड़े आ गए, उसकी हालत बिगड़ने लगी । चींटी के पास ढेर सारे दाने देखकर उसने कहा. “ चींटी रानी, अगर तुम थोड़े से दाने दे दो, तो मैं तुम्हारा बहुत शुक्रगुजार होऊँगा । ”

aesop ki kahani

चींटी ने कहा, “ मगर भाई, जब दाने इकट्ठे करने का समय था, तो तुमने दाने इकट्ठे क्यों नहीं किए ?”

“ओह, तब तो मैं गाना गा रहा था । ” टिड्डे ने कहा ।

“ तो अब नाचो ।” कहकर चींटी अपने घर चली गई । टिड्डा अपनी लापरवाही पर शर्मिंदा होकर पछताता रह गया।

सीख : जो ठीक समय पर अपना काम नहीं करते, वे बाद में पछताते रह जाते हैं ।

Top 10 Panchantantra Stories in Hindi-पंचतंत्र की कहानियां

पंचतंत्र की कहानियां:नीति, ज्ञान और मनोरंजन का अनमोल खजाना हैं पंचतंत्र एक प्राचीन भारतीय साहित्यिक कृति है जो जानवरों की…