ओलंपिक हो या कॉलोनी का मैदान, चोटिल हुए खिलाड़ियों की रिकवरी का साथी है फर्स्ट ऐड: First Aid Box Importance
Repetitive Injury Tennis Elbow

Overview:

बात ओलंपिक की हो, क्रिकेट की हो या फिर अन्य खेलों की, खिलाड़ियों का चोटिल होना बहुत ही आम बात है। यही कारण है कि खेल के मैदान पर एडवांस और अपडेट फर्स्ट ऐड बॉक्स के साथ ही डॉक्टर्स का होना भी जरूरी है।

First Aid Box Importance: पेरिस ओलंपिक 2024 चल रहा है। खेलों के इस महाकुंभ में खिलाड़ियों की सेहत, चोटों और वजन को लेकर सुर्खियां बनी हुई हैं। बात ओलंपिक की हो, क्रिकेट की हो या फिर अन्य खेलों की, खिलाड़ियों का चोटिल होना बहुत ही आम बात है। यही कारण है कि खेल के मैदान पर एडवांस और अपडेट फर्स्ट ऐड बॉक्स के साथ ही डॉक्टर्स का होना भी जरूरी है। अगर आप भी स्पोटर्स के शौकीन हैं और अक्सर मैदान पर अपना दमखम दिखाने जाते हैं तो आपके पास भी ये दोनों होना जरूरी है। ये एक्सपटर्स आपको किसी भी छोटी-बड़ी इंजरी के समय प्राथमिक उपचार देकर चोट की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकते हैं। वहीं फर्स्ट ऐड बॉक्स से आपको तुरंत राहत मिल सकती है। 

First Aid Box Importance-खिलाड़ियों के लिए मैदान से डॉक्टर तक का सफर काफी हद तक फर्स्ट ऐड बॉक्स और मैदान पर मौजूद चिकित्सकों पर निर्भर करता है।
For the players, the journey from the field to the doctor largely depends on the first aid box and the doctors present on the field.

खिलाड़ियों के लिए मैदान से डॉक्टर तक का सफर काफी हद तक फर्स्ट ऐड बॉक्स और मैदान पर मौजूद चिकित्सकों पर निर्भर करता है। ऑर्थोपेडिक और फिजियोथेरेपिस्ट इनमें प्रमुख हैं। मैदान पर लगी चोटों को समझ कर तुरंत उपचार देने में ये दोनों ही खिलाड़ी के लिए बड़े मददगार साबित हो सकते हैं। छोटी-मोटी चोटों के साथ ही मोच आने पर, मांसपेशियों में खिंचाव होने पर, मांस फटने पर, फ्रैक्चर आदि में ये दोनों ही स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों को तुरंत उपचार दे पाते हैं। फर्स्ट ऐड का मतलब ही है कि चोट को तुरंत संभालकर उसके प्रभाव को कम करना। खिलाड़ी की चोट को जितनी जल्दी फर्स्ट ऐड मिलती है, उसकी रिकवरी की संभावना भी उतनी ही बढ़ जाती है।  

फर्स्ट ऐड यानी प्राथमिक उपचार हर खिलाड़ी के लिए बहुत मायने रखता है। इसके कई फायदे हैं। हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, कुश्ती, बॉक्सिंग, टेनिस जैसे खेलों में खिलाड़ियों को मोच आना बहुत ही आम बात है। ऐसे में खिलाड़ियों को फर्स्ट ऐड देना बहुत जरूरी है। मोच से आई सूजन को कम करने के लिए और दर्द से राहत पाने में आइस पैक लगाना फायदेमंद हो सकता है। इससे जल्दी आराम मिलता है। सही प्राथमिक उपचार से गंभीर चोटों के जोखिम को कम किया जा सकता है।  

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि मैदान पर तुरंत फर्स्ट ऐड मिलने से खिलाड़ी की रिकवरी की संभावना काफी बढ़ जाती है। चोट के दर्द से राहत के साथ ही यह खिलाड़ी को मानसिक रूप से भी शांत करता है। इससे खिलाड़ी काफी हद तक आश्वस्त हो जाता है कि उसके उपचार का ठीक प्रबंधन किया जा रहा है।  

मैदान पर चोटिल खिलाड़ी के लिए ऑर्थोपेडिक और फिजियोथेरेपिस्ट के साथ ही एक प्रशिक्षित कोच का होना भी जरूरी है। एक प्रशिक्षित कोच अपने खिलाड़ी की ताकत और कमजोरी दोनों से अच्छे से वाकिफ होता है। ऐसे में वह खिलाड़ी की सुरक्षा को सुनिश्चित कर पाता है। इससे खिलाड़ी सेफ महसूस करते हैं।  

मैदान पर चोटिल हुए खिलाड़ी के लिए ‘राइस ट्रीटमेंट’ बेस्ट माना जाता है। RICE विधि का मतलब है रेस्ट, आइस, कम्प्रेशन, एलिवेशन। इस ट्रीटमेंट से इंजरी को ठीक होने में और दर्द व सूजन कम होने में मदद मिलती है। इसी के साथ चोट लगने और खून बहने पर बैंडेज और पट्टियों का सही उपयोग बेहद जरूरी होता है। खेल के मैदान में हमेशा दर्द निवारक दवाएं और एंटीसेप्टिक क्रीम उपलब्ध रहनी चाहिए। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...