Summary : काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने वाराणसी की ख़ास बात
चार साल पहले शुरू हुई इस परियोजना ने न सिर्फ मंदिर तक पहुँच को आसान बनाया बल्कि काशी को वैश्विक धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर और मजबूत किया।
Kashi Vishwanath Corridor: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने वाराणसी की धार्मिक पहचान को नए रूप में सामने रखा है। चार साल पहले शुरू हुई इस परियोजना ने न सिर्फ मंदिर तक पहुँच को आसान बनाया बल्कि काशी को वैश्विक धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर और मजबूत किया। गंगा से सीधे बाबा विश्वनाथ के दर्शन की सुविधा ने श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि की है और शहर के पर्यटन चरित्र को बदल दिया है। इस समय काशी को न्यू काशी के नाम से सम्बोधित किया जाता है और देश दुनिया के कोने कोने से लोग दर्शन के लिए आते हैं।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की खास बात

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसने गंगा घाट और मंदिर परिसर को सीधे जोड़ा है। पहले संकरी गलियों से होकर दर्शन करना पड़ता था जिससे भीड़ और अव्यवस्था रहती थी। कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालु अब गंगा स्नान के बाद सीधे खुले, सुव्यवस्थित मार्ग से मंदिर पहुँचते हैं। चौड़े रास्ते, प्रतीक्षालय, पेयजल, शौचालय और सुरक्षा व्यवस्थाओं ने दर्शन को सहज और सम्मानजनक अनुभव बना दिया है।
चार साल में कैसे बदली पर्यटन की तस्वीर
कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद काशी में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई है। कोविड से पहले के वर्षों की तुलना में अब हर साल रिकॉर्ड संख्या में लोग वाराणसी पहुँच रहे हैं। धार्मिक यात्रियों के साथ-साथ देश-विदेश के सामान्य पर्यटक भी काशी को देखने आ रहे हैं। इससे वाराणसी अब केवल तीर्थ स्थल नहीं बल्कि सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है।
मंदिर दर्शन से आगे बढ़ा अनुभव

कॉरिडोर परियोजना ने मंदिर दर्शन को एक समग्र अनुभव में बदला है। परिसर में बने भव्य सभामंडप, शिलालेख, प्रदर्शनी स्थल और सांस्कृतिक दीर्घाएँ काशी के इतिहास और परंपरा को समझने का अवसर देती हैं। श्रद्धालु अब जल्दी-जल्दी लौटने की बजाय परिसर में समय बिताते हैं। इससे ठहराव बढ़ा है और स्थानीय पर्यटन गतिविधियों जैसे गंगा आरती, नाव विहार और सारनाथ भ्रमण को भी बल मिला है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिला बड़ा सहारा
पर्यटन बढ़ने का सीधा लाभ वाराणसी की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिला है। होटल, गेस्ट हाउस, नाविक, पंडा-पुजारी, दुकानदार और हस्तशिल्प से जुड़े लोगों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कॉरिडोर के आसपास आधारभूत ढांचे के विकास से रोजगार के नए अवसर बने हैं। शहर में सड़क, साफ-सफाई और परिवहन सुविधाओं में सुधार ने वाराणसी को आधुनिक तीर्थ नगर की पहचान दी है।
काशी का बदला हुआ पर्यटन

चार साल में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने यह साबित किया है कि धार्मिक आस्था और आधुनिक व्यवस्थाएँ साथ चल सकती हैं। अब काशी केवल दर्शन की जगह नहीं, बल्कि सुव्यवस्थित धार्मिक पर्यटन मॉडल बन चुकी है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और बेहतर अनुभव ने वाराणसी को साल भर सक्रिय पर्यटन केंद्र बना दिया है। यही वजह है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भारत के सबसे सफल धार्मिक पर्यटन परियोजनाओं में गिना जा रहा है। जिसने चार साल में पर्यटन की दिशा और दशा दोनों बदल दी हैं।
