Liver Health Tips
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Liver Health Tips: अलग दिखने की होड़ और पैसे कमाने की दौड़ युवाओं के लिए खतरनाक सिद्ध हो रही है, परिणामस्वरूप खराब जीवनशैली उन्हें धीरे-धीरे बीमार कर रही है।

अगर आपके मन में यह सवाल आता है कि शराब का सेवन करने वालों का ही लिवर यानी जिगर खराब होता है तो आप यहां पर गलत हैं। कुछ दिनों पहले हैदराबाद विश्वविद्यालय में हुए एक शोध ने लोगों को हिलाकर रख दिया। शोध में पाया गया कि 84त्न आईटी कर्मचारियों में मेटाबोलिक डिसफंक्शन- एसोसिएटेड फैटी लिवर डिजीज (एम.ए.एफ.एल.डी.) है। इसका कारण लंबे समय तक बैठे रहना, काम का तनाव, खराब आहार और व्यायाम की कमी को बताया गया है। लगभग 71त्न आईटी कर्मचारी मोटे हैं और 34त्न में मेटाबोलिक सिंड्रोम है। हाल में एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि आईटी सेक्टर में काम करने वाले भारतीयों को फैटी लीवर की समस्या सबसे ज्यादा हो रही है।

वर्तमान समय में खराब जीवनशैली कई तरह की बीमारियों को जन्म दे रही है। फैटी लिवर भी उन्हीं में से एक है। लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहना और शारीरिक गतिविधि कम होना इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। पेट के ऊपरीदाहिने हिस्से में स्थित लिवर, मानव शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है। लिवर का
मुख्य कार्य विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना और भोजन के पोषक तत्वों को संसाधित करना है।
सर गंगाराम अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार एवं उपाध्यक्ष डॉ. पीयूष रंजन के अनुसार लिवर हमारे शरीर का चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। इस पर अब ज्यादा दबाव डालेंगे तो ये आपके पूरे शरीर की कार्य प्रणाली को हिला सकता है। लिवर प्रोटीन बनाने के साथ ही पाचन के लिए जरूरी रसायनों का उत्पादन भी करता है।

ग्लाइकोजन का भंडारण करने के साथ यह खून जमने में भी मदद करता है और खून को पतला भी रखता है।
अधिक कार्बोहाइड्रेट है जहर ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लेने से लिवर में फैट जमा हो जाता है जिस वजह से आपके लिवर का वजन सामान्य से ज्यादा हो जाता है।

Liver Health Tips
Liver Fat

डॉक्टर पीयूष का कहना है कि अपनी जीवनशैली को सही कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। उनका मानना है कि पुरुषों से ज्यादा मद्यपान महिलाओं को नुकसान पहुंचाता है। आप नशे से दूर रहें और प्रोसेस्ड
फूड ना खाएं। दही, छाछ, मिलेट्स, अखरोट और सिरके का अपने आहार में इस्तेमाल करें।

नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर अगर बिगड़ जाए तो मरीज को लिवर सिरोसिस हो सकता है। लिवर सिरोसिस में लिवर के काम करने की क्षमता धीमी पड़ जाती है। नॉन एल्कोहिलक फैटी लिवर उन लोगों को होता है जो या तो बिल्कुल मद्यपान नहीं करते हैं कि या जो मात्रा होती है उससे ज्यादा शराब लेते हैं। उस मात्रा से ज्यादा होती हैं। फैटी लिवर सामान्य तौर पर मोटापा की वजह से होती है।

medical diagnosis of fatty liver
medical diagnosis of fatty liver

हालिया रिसर्च के अनुसार बताया गया है कि 35 प्रतिशत युवा लोगों को नॉन फैटी लिवर की समस्या बढ़ रही है। ऐसा नहीं है कि इन सभी को भविष्य में गंभीर लिवर की समस्या हो जाएगी। अच्छे खानपान और एक्सरसाइज करके आप इस बीमारी से निजात पा सकते हैं। रुटीन चेकअप में जब लिवर फंक्शन टेस्ट करवाते हैं अगर उसमें किसी तरह की समस्या निकलती है तो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करवाते हैं। लिपिड प्रोफाइल और शुगर का भी टेस्ट करवाया जाता है। फैटी लिवर होने के कारण लीवर में कोई गंभीर समस्या ना
हो इसके लिए फाइब्रोस्कैन और इलेस्टोग्राफी का टेस्ट किया जाता है।

फाइब्रोस्कैन एक अल्ट्रासाउंड तकनीक है जिसमें लिवर कितना सिकुड़ गया है या लीवर सिरोसिस के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। मद्यपान पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को नुकसान पहुंचाता है इसलिए महिलाओं को जितना हो सके इन सब चीजों से दूर रहना चाहिए।

how to cure fatty liver
how to cure fatty liver

उचित और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाने से फैटी लिवर की समस्या कुछ समय में ठीक हो सकती है लेकिन रुटीन चेकअप जरूर करवाना चाहिए। अगर घर में किसी को कोलेस्ट्रोल या डायबिटीज है तो आप टेस्ट करवाएं। एक्सरसाइज करें और अपनी डायट में कैलोरी की मात्रा कम रखें। स्वस्थ लाइफस्टाइल को अपनाएं।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें कई स्वास्थ्य समस्याएं एक साथ होती हैं, जो हृदय रोग, मधुमेह और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाती हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा, कमर के आसपास चर्बी बढ़ना और असामान्य कोलेस्ट्रॉल स्तर।

1. अधिक वजन या मोटापा लिवर में वसा जमा होने का प्रमुख कारण है।
2. इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता कम होने से लिवर में वसा का संचय बढ़ता है।
3. टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्तियों में एनएएफएलडी का जोखिम अधिक होता है।
4. उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स: रक्त में इनकी उच्च मात्रा लिवर में वसा जमा होने में योगदान करती है।
5. सैचुरेटेड फैटए रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और शुगर से भरपूर आहार लिवर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

1. तेजी से वजन कम करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह लिवर के लिए हानिकारक हो सकता है।
2. प्रतिदिन कम-से-कम 30 मिनट का व्यायाम करें।
3. यदि मधुमेह या उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो उन्हें नियंत्रित रखना आवश्यक है।
4. एनएएफएलडी एक जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है जो अनुचित आहार, व्यायाम की कमी, पेट के आसपास वसा जमा होने की प्रवृत्ति, तथा रक्त में लिपिड और शर्करा संबंधी समस्याओं से ग्रस्त व्यक्तियों में होती है।

साधारण फैटी लिवर (स्टीटोसिस): इसमें लिवर की कोशिकाओं में वसा जमा होती है, लेकिन सूजन या क्षति नहीं होती। यह अवस्था आमतौर पर हानिरहित होती है।

नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस: इसमें वसा जमा होने के साथ-साथ लिवर में सूजन और कोशिकीय क्षति होती है। यदि इसका उपचार नहीं किया गया, तो यह लिवर फाइब्रोसिस या सिरोसिस की ओर बढ़ सकता है।

लिवर फाइब्रोसिस: इस अवस्था में लिवर में सूजन के कारण ऊतकों में घाव बन जाते हैं, लेकिन लिवर अभी भी कार्य करता है।

लिवर सिरोसिस: यह लिवर की गंभीर क्षति की अंतिम अवस्था है, जिसमें लिवर की कार्यक्षमता गंभीर रूप से प्रभावित होती है। इससे लिवर फेल्योर या लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

Nonalcoholic fatty liver occurs in different stages
Nonalcoholic fatty liver occurs in different stages

(आलेख सर गंगाराम अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार एवं उपाध्यक्ष डॉ. पीयूष रंजन से बातचीत पर आधारित है)

सपना झा गृहलक्ष्मी पत्रिका में बतौर सोशल मीडिया मैनेजर और सीनियर सब एडिटर के रूप में साल 2021 से कार्यरत हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में ग्रेजुएशन और गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता...