Weight Control After Festival: बूंदी के लड्डू हों या फिर स्वादिष्ट फिरनी, दिवाली पर सभी अपनी फिटनेस और डाइट को छोड़कर इन मिठाईयों का आनंद लेते हैं। हालांकि इस दौरान कई लोग अपनी फिटनेस को नजरअंदाज नहीं करते लेकिन त्योहार के समय डाइट को लेकर थोड़ी बहुत लापरवाही हो ही जाती है। दिवाली का त्योहार अब बीत गया है और लोग फिर से अपने फिटनेस रुटीन में वापस आने की तैयारी कर रहे हैं। इस दौरान हर किसी का वजन बढ़ जाता है जो कि स्वाभाविक है। यदि आप इस पर तुरंत एक्शन ले लें तो एक्स्ट्रा वेट को घटाना बेहद आसान हो सकता। एक्स्ट्रा वेट कम करने के लिए आपको एक्सरसाइज के अलावा अपनी डाइट पर अधिक फोकस करना होगा। यदि आप अपनी डाइट से कुछ दिन के लिए गेहूं की रोटी को हटा दें तो आपकी बॉडी पर ड्रास्टिक चेंज आ सकता है। गेहूं की रोटी को डाइट से हटाने से क्या लाभ मिल सकते हैं चलिए जानते हैं इसके बारे में।
गेहूं की रोटी की न्यूट्रिशिनल वेल्यू

भारत में सबसे ज्यादा गेहूं की रोटी को खाया और पसंद किया जाता है। इसलिए चाहकर भी हम इसे छोड़ नहीं पाते। हालांकि गेहूं में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फोलिक एसिड, आयरन और मैग्नीशियम होता है जो बॉडी को एनर्जी देने का काम करता है। माना जाता है कि गेहूं की रोटी का नियमित सेवन करने से बालों और स्किन ग्रोथ को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। लेकिन गेहूं में मौजूद कार्बोहाइड्रेट वजन बढ़ाने और शुगर लेवल को स्पाइक करने में मदद कर सकता है।
Also Read: नहीं हो रहा वजन कम, तो अपनाएं वॉटर वॉक: Water Walk Benefits
गेहूं की रोटी न खाने के फायदे
अधिक एनर्जी
कार्ब्स आमतौर पर हमें एनर्जी प्रदान करते हैं। लेकिन जब बात गेहूं की रोटी की आती है तो ये शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। अधिक रोटी के सेवन से नींद और आलस की समस्या हो सकती है। रोटी बनाते समय इसे छानकर चोकर निकाल लिया जाता है जिससे इसमें फाइबर की मात्रा भी कम हो जाती है।
पाचन में सुधार
गेहूं को पचाना बेहद मुश्किल होता है। इसमें भरपूर मात्रा में ग्लूटन होता है जिसे पचाने के लिए शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। कई लोगों को रोटी खाने के बाद सूजन, दस्त, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। गेहूं की रोटी का सेवन कम या बंद कर देने से पाचन में सुधार हो सकता है। साथ ही गैस और अपच की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।

वजन घटाए
गेहूं की रोटी का प्रतिदिन सेवन करने से वजन या मोटापा बढ़ने का खतरा 40 प्रतिशत अधिक बढ़ जाता है। रोटी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है जिससे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है और शरीर फूलने लगता है। रोटी की खपत को कम करके, शरीर ग्लाइकोजन के रूप में स्टोर्ड एनर्जी को जलाता है, जिससे वॉटर लॉस होता है और वजन कम होने लगता है।
स्किन में बदलाव
गेहूं की रोटी में शुगर की मात्रा अधिक होती है जिससे डायबिटीज तो बढ़ती ही है साथ ही स्किन से संबंधित समस्याएं भी पैर पसारने लगती हैं। रोटी के अधिक सेवन से मुहांसे और दाने हो जाते हैं। इसलिए स्किन हेल्थ के लिए गेहूं की रोटी का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
किस आटे का करें इस्तेमाल
वजन कम करने के लिए आप गेहूं के आटे की बजाये मोटे अनाज से बने आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। जौ, बाजरे, मक्के और रागी के आटे की बनी रोटियां न केवल स्वादिष्ट होती हैं बल्कि इनकी न्यूट्रिशनल वेल्यू गेहूं से अधिक होती है। इसके अलावा आप बेसन की रोटी भी खा सकते है। इन आटों का सेवन करने से वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
