गेहूं के दानों की बाहरी सतह या छिलके को प्रायः चोकर या भूसी के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर आटे के इस अत्यंत लाभकारी भाग को निरुपयोगी समझकर फेंकने के कारण स्वास्थ्य को भारी क्षति उठानी पड़ती है। गेहूं के वजन का पांचवां भाग चोकर होता है परन्तु इस पांचवें भाग में गेहूं के सभी पोषक तत्वों का तीन चौथाई हिस्सा समाया होता है। चोकर में बहुतायत में प्रोटीन की मात्रा होने के साथ कैल्शियम ,आयरन और अन्य खनिज लवणों की मात्रा भी होती है। आइए आपको बताते हैं इसके अन्य लाभों के बारे में –
- चोकर आंतों को बल एवं सक्रियता प्रदान करके उनका कार्य सुचारु रूप से चलाने में सहायक होता है।
- इसके सेवन से आंतों से सम्बंधित बीमारियां नहीं होती हैं , कब्ज की समस्या से निजाद पाया जा सकता है और भगन्दर जैसी बीमारी भी नहीं होती है।
- ब्लड से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करता है।
- हड्डियों व् मांसपेशियों की रचना में लाभदायक है।
- हीमोग्लोबिन की मात्रा कको बढ़ाता है।
- इससे पेट साफ़ होता है व दिल और दिमाग दुरुस्त होते हैं।
- मधुमेह नियंत्रण में सहायक है।
