किसी वन में एक शेर रहता था । उसका नाम था मदोत्कट । वह बड़ा शक्तिशाली था । बाघ, सियार, कौआ, भेड़िया उसके सेवक थे । सभी उसका आदर करते थे और मदोत्कट शेर भी अपने सेवकों का खासा खयाल रखता था । एक दिन की बात मदोत्कट शेर ने एक ऊँट को आते हुए […]
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कहानी नीलदेव की -पंचतंत्र की कहानी
किसी वन में एक सियार रहता था, जिसका नाम था चंडरव । एक दिन की बात, चंडरव सियार भटकते हुए एक गाँव में चला गया । गाँव के कुत्तों ने उसे देखा, तो उसके पीछे पड़कर बुरी तरह भौंकने लगे । चंडरव सियार कुत्तों से बचने के लिए तेजी से भागा । भागते-भागते वह एक […]
एक थी जूँ, एक था खटमल -पंचतंत्र की कहानी
एक राजा के महल में एक जूँ रहती थी । उसका नाम था मंदविसर्पिणी । वह राजा के कपड़ों में छिपकर रहती थी और धीरे-धीरे जब मौका मिलता, राजा का रक्त पी लेती । पर वह ऐसे समय अपना काम करती थी, जब राजा असावधान होता था । इसलिए राजा को उसके होने का पता […]
शेर और खरगोश की अमर कहानी -पंचतंत्र की कहानी
किसी वन में एक शेर रहता था । उसका नाम था भासुरक । वह बहुत बलशाली तो था ही, बड़ा अत्याचारी भी था । जंगल में चाहे जिस जानवर पर हमला करता और मारकर खा जाता । उसकी वजह से पूरे जंगल में त्राहि-त्राहि मची थी । सभी जीव परेशान थे । सोच रहे थे, […]
मामा, तुम रो क्यों रहे हो? -पंचतंत्र की कहानी
किसी वन में एक विशाल सरोवर था । उसमें अनेक पानी के जीव रहते थे । पर ज्यादातर थीं मछलियाँ । पास ही पेड़ पर एक बगुला भी रहता था । बगुला मछलियों का शिकार किया करता था । पर अब वह बूढ़ा हो गया था, इसलिए पहले की तरह मछलियों का शिकार नहीं कर […]
कौआ लाया सोने का हार -पंचतंत्र की कहानी
किसी वन में एक विशाल वृक्ष था । उसकी एक डाल पर कीवी का घोंसला था । कौआ और कीवी बड़े सुख से रह रहे थे । पर उनके उस सुखभरे संसार पर दुखी की काली छाया भी थी । इसलिए कि उसी पेड़ की खोखल में एक भयानक काला सांप भी रहता था । […]
जब सियार को मिला नगाड़ा -पंचतंत्र की कहानी
किसी वन में एक सियार रहता था । उसका नाम था गोमायु । गोमायु सीधा-सादा था । किसी को खामखा तंग नहीं करता था । इसीलिए वह थोड़ा अलग-अलग रहता था और जंगल में अकेला घूमता था । एक बार की बात, बहुत दिनों से गोमायु को भोजन नहीं मिला । वह भोजन की खोज […]
शरारती बंदर की मुसीबत -पंचतंत्र की कहानी
दक्षिण दिशा में किसी नगर में एक व्यापारी रहा था । व्यापारी धार्मिक स्वभाव का था । एक बार उसके मन में आया कि मुझे देव मंदिर का निर्माण करवाना चाहिए । उसने मित्रों और परिवार वालों से कहा, तो सबने खुशी प्रकट की । कहा कि यह नेक काम तो जितनी जल्दी हो जाए […]
एक जुलाहे की अजब कहानी -पंचतंत्र की कहानी
एक जुलाहे के बेटे और एक बढ़ई की अच्छी दोस्ती थी । दोनों अपने-अपने ढंग से दुनिया में जीने और कुछ नया करने का सपना देखते थे । उनमें आपस में बड़ा प्रेम था । और वे हमेशा नई-नई बातें सीखते थे । जुलाहे का दोस्त बढ़ई कोई मामूली बढ़ई नहीं था । वह रथकार […]
सुनी जब गोरंभ की बात -पंचतंत्र की कहानी
पूर्व दिशा में वर्द्धमान नगर में एक व्यापारी रहता था । उसका नाम था दंतिल । दंतिल का सोने-चाँदी, रत्न और आभूषणों का व्यापार था जो दूर-दूर तक फैला हुआ था । इसलिए उसकी गिनती राज्य के सबसे धनी और समृद्ध लोगों में होती थी । स्वयं राजा भी दंतिल से बहुत प्रेम करते थे […]
