Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

और कुएँ से निकल आया गंगदत्त -पंचतंत्र की कहानी

एक मेढक था गंगदत्त । वह बड़ा ज्ञानी और सीधा-सादा था । हमेशा अच्छी और समझदारी की बात करता था । उसे झूठ और लाग-लपेट कतई पसंद नहीं था । इधर की बात उधर करना और ज्यादा छल-कपट भी उसे नहीं आता था । इसलिए मेढकों के दल में वह अलग-थलग पड़ गया था । […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

पहले मैं, पहले मैं! -पंचतंत्र की कहानी

एक नगर में एक गरीब ब्राह्मण रहता था । उसका नाम था द्रोण । वह भिक्षा माँगकर गुजारा करता था । इसलिए जीवन में कभी कोई सुख उसे नहीं मिला । उसका शरीर भी बहुत कमजोर और दुबला-पतला था । द्रोण के पास संपत्ति के नाम पर कुछ विशेष नहीं था । बस, दो स्वस्थ […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

वह बहेलिया दयामय बन गया -पंचतंत्र की कहानी

एक बहेलिया था । बड़ा ही क्रूर और कठोर दिल वाला । एक दिन वह किसी शिकार की तलाश में जंगल में भटक रहा था । तभी अचानक एक कबूतरी पर उसकी ध्यान गया । कबूतरी को असावधान जानकर बहेलिए ने झट से उसे पकड़ लिया और अपने पिंजरे में बंद कर लिया । इसके […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

लो यह आखिरी मणि -पंचतंत्र की कहानी

एक गरीब ब्राह्मण था हरिदत्त । उसके पास थोड़ी सी खेती लायक जमीन थी कह उसमें फसल बोकर उसकी देखभाल करता । उससे किसी तरह उसका गुजारा हो जाता था । हांलाकि गरीबी उसका पिंड नहीं छोड़ती थी । हरिदत्त एक दिन खेत में काम करने के बाद एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

सोने के पंख वाले हंसों का किस्सा -पंचतंत्र की कहानी

एक था राजा चित्ररथ । वह बड़ा उदार प्रतापी और समृद्धिशाली राजा था । उसके राजमहल में एक विशाल सरोवर था, जिसे सब कमल सरोवर कहते थे । उस सरोवर में सुंदर कमल के फूल उगे थे जिनकी सुंदरता दूर से मुग्ध करती थी । उस सुंदर कमल सरोवर में सुनहले रंग के हंस तैरते […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

जब उल्लू का राजतिलक हुआ तो. -पंचतंत्र की कहानी

एक बार की बात है, पक्षियों ने सोचा हमारे राजा गरुड़ तो हर समय भगवान विष्णु की सेवा में ही लीन रहते हैं । इसलिए हमें दूसरा राजा भी चुन लेना चाहिए जो समय-समय पर हमारी चिंता और देखभाल करता रहे । बगुला बोला, “हाँ यह बात तो ठीक है । जिस राजा के होने […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

मेघवर्ण जीता, अरिमर्दन हारा -पंचतंत्र की कहानी

एक था कौओं का राजा । उसका नाम था मेघवर्ण । उसने एक विशाल वटवृक्ष पर अपना डेरा डाला हुआ था । वहाँ उसने अपने लिए एक मजबूत किला बना रखा था, जिससे कोई शत्रु उसका या किसी भी कौए का अहित न कर पाए । फिर हजारों कौए हर वक्त उसकी सेवा में लगे […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

अभागे सियार की कहानी -पंचतंत्र की कहानी

एक बार की बात है, एक बहेलिया जंगल में शिकार के लिए गया । कुछ दूरी पर उसे एक सूअर दिखाई दिया । बहेलिए ने न आगा सोचा, न पीछा, झट सूअर पर तीर छोड़ दिया । तीर सूअर के मर्म स्थल पर लगा और वह बुरी तरह घायल हो गया । पर उसने सोचा […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

सोमलिक, तुम्हें कैसा धन चाहिए? -पंचतंत्र की कहानी

एक था सोमलिक । वह बड़ा ही निपुण जुलाहा था । कपड़े इतने सुंदर तैयार करता कि उनकी बारीकी और बुनावट देखकर लोग अचरज में पड़ जाते थे । पर फिर भी उसे अधिक धन नहीं मिल पाता था । कभी पैसा आता, तो वह उसके पास टिकता ही नहीं था । उसके आसपास जो […]

Posted inपंचतंत्र की कहानियां, हिंदी कहानियाँ

एक अनमोल श्लोक ने बदल दिया जीवन -पंचतंत्र की कहानी

सागरदत्त थे नगर के एक बड़े धनी और प्रसिद्ध व्यापारी । उनका बेटा समझदार और बुद्धिमान युवक था जो हर वक्त कुछ न कुछ सोचता रहता था । उसने कई ग्रंथों का अध्ययन किया था और उनकी अच्छी बातों को भी अपने जीवन में उतार लिया था । इसीलिए वह चाहता था कि अपना जीवन […]

Gift this article