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Hindi Poem: रंगों से रंग दे चूनर को
चटक रंग में श्याम रे
ऐसी होली खेलो संग में
ओ मेरे घनश्याम रे

काली काली तोरी सूरत
राधा जी को भावे रे
गोप गोपियाँ तुम्हें बुलावे
ओ मेरे घनश्याम रे

बरसाना की राधा रानी
गोकुल को घनश्याम रे
धूम मचा दे जमुना तट पर
ओ मेरे घनश्याम रे

ब्रज की गलियां रंग बिरंगी
सबके मन को भावे रे
बांके बिहारी दर्शन दे दो
ओ मेरे घनश्याम रे

ढोल चंग सब बजा रहे
एक दूजे को रंग रहे
टोली आई बच्चों की
ओ मेरे घनश्याम रे

रंगों में एक रंग सांवरिया को
जो लागे तो छूटे नाहिं
ऐसो रंग से सबको रंग दे
ओ मेरे घनश्याम रे